विभाग ने बिल्डिंग का प्लान बदला
शुरुआत में नए भवन को दो मंजिला बनाने की योजना बनाई गईथी। किंतु विभाग ने अब बिल्डिंग का प्लान बदल दिया है। लोक निर्माण विभाग की पीआईयू एजेंसी को भवन बनाने की जिम्मेदारी मिली है। गत दिनों विभाग ने अस्पताल की नईबिल्डिंग का चार मंजिला नक्शा बनाकर हेल्थ सर्विसेस कंसलटेंट को भेजा दिया है। जहां पर अधिकारी द्वारा भवन की डिजाईनिंग की जांच की जा रही है। उनके द्वारा किसी प्रकार को संशोधन कराना होगा तो इसकी जानकारी विभाग को दी जाएगी। आगामी भविष्य को देखते हुए लोनिवि ने चार मंजिला भवन का प्रस्ताव भेजा है।वहां से नक्शा पास होते ही आगे की कार्रवाई विभाग द्वारा शुरू की जाएगी।
शुरुआत में नए भवन को दो मंजिला बनाने की योजना बनाई गईथी। किंतु विभाग ने अब बिल्डिंग का प्लान बदल दिया है। लोक निर्माण विभाग की पीआईयू एजेंसी को भवन बनाने की जिम्मेदारी मिली है। गत दिनों विभाग ने अस्पताल की नईबिल्डिंग का चार मंजिला नक्शा बनाकर हेल्थ सर्विसेस कंसलटेंट को भेजा दिया है। जहां पर अधिकारी द्वारा भवन की डिजाईनिंग की जांच की जा रही है। उनके द्वारा किसी प्रकार को संशोधन कराना होगा तो इसकी जानकारी विभाग को दी जाएगी। आगामी भविष्य को देखते हुए लोनिवि ने चार मंजिला भवन का प्रस्ताव भेजा है।वहां से नक्शा पास होते ही आगे की कार्रवाई विभाग द्वारा शुरू की जाएगी।
एसएनसीयू और अन्य दफ्तर शिफ्ट होंगे
लोक निर्माण विभाग ने सालों पहले जिला अस्पताल की पुरानी बिल्डिंग कंडम घोषित कर दिया था। इसके बाद वहां पर संचालित महिला एवं चाइल्ड वार्डको बंद किया गया था। किंतु इस बिल्डिंग में महिलाओं का टीकाकरण, कार्यालय और एसएनसीयू (नवजात गहन चिकित्सा ईकाई) को अभी संचालित किया जा रहा है। नए भवन बनाने के लिए पूरी बिल्डिंग को तोड़ा जाएगा। इसके लिए अस्पताल प्रबंधन द्वारा एसएनसीयू वार्ड को सौबिस्तर वाले अस्पताल भवन में शिफ्ट करने की तैयारी की जा रही है। इसके अलावा दफ्तरों को भी यहां से हटाया जाएगा।
लोक निर्माण विभाग ने सालों पहले जिला अस्पताल की पुरानी बिल्डिंग कंडम घोषित कर दिया था। इसके बाद वहां पर संचालित महिला एवं चाइल्ड वार्डको बंद किया गया था। किंतु इस बिल्डिंग में महिलाओं का टीकाकरण, कार्यालय और एसएनसीयू (नवजात गहन चिकित्सा ईकाई) को अभी संचालित किया जा रहा है। नए भवन बनाने के लिए पूरी बिल्डिंग को तोड़ा जाएगा। इसके लिए अस्पताल प्रबंधन द्वारा एसएनसीयू वार्ड को सौबिस्तर वाले अस्पताल भवन में शिफ्ट करने की तैयारी की जा रही है। इसके अलावा दफ्तरों को भी यहां से हटाया जाएगा।
एक जगह पर ही आ जाएंगे सभी वार्ड और सुविधाएं
वर्तमान में जिला अस्पताल में अलग-अलग बिल्डिंगों में वार्डों का संचालन हो रहा है। इसमें ट्रामा सेंटर में पुरुष वार्ड। मेटरनिटीविंग में महिला वार्ड।ऑपरेशन थियेटर के सामने चाइल्ड वार्ड और एसनसीयू के पास प्रसूति वार्ड चल रहा है। डॉक्टर द्वारा मरीजों को भर्तीकरने पर उन्हें एक्सरे, जांच व अन्य जगहों पर ले जाने के लिए काफी परेशान होना पड़ता है। किंतु नए अस्पताल भवन में रोगियों व उनके परिजनों को इन समस्याओं से नहीं जूझना पड़ेगा। चार मंजिला बिल्डिंग में उक्त सभी वार्डों का संचालन किया जाएगा। वहीं भवन में एक्स-रे, सोनोग्राफी, प्रयोगशाला सहित अन्य सुविधाएं उपलब्ध रहेंगी।
वर्तमान में जिला अस्पताल में अलग-अलग बिल्डिंगों में वार्डों का संचालन हो रहा है। इसमें ट्रामा सेंटर में पुरुष वार्ड। मेटरनिटीविंग में महिला वार्ड।ऑपरेशन थियेटर के सामने चाइल्ड वार्ड और एसनसीयू के पास प्रसूति वार्ड चल रहा है। डॉक्टर द्वारा मरीजों को भर्तीकरने पर उन्हें एक्सरे, जांच व अन्य जगहों पर ले जाने के लिए काफी परेशान होना पड़ता है। किंतु नए अस्पताल भवन में रोगियों व उनके परिजनों को इन समस्याओं से नहीं जूझना पड़ेगा। चार मंजिला बिल्डिंग में उक्त सभी वार्डों का संचालन किया जाएगा। वहीं भवन में एक्स-रे, सोनोग्राफी, प्रयोगशाला सहित अन्य सुविधाएं उपलब्ध रहेंगी।
नवजातों के लिए बन रहा एक करोड़ से एसएनसीयू
जिला अस्पताल के पुराने वार्ड में स्थित प्रसूति वार्ड की जगह पर 1 करोड़ रुपए की लागत से एसएनसीयू भवन बनाया जा रहा है।इसमें 20 नवजात बच्चों को भर्ती रखने के लिए बेहतर व्यवस्था रहेगी। वहीं डॉक्टर एवं नर्सों के लिए भी अलग-अलग कक्ष बनाए जाएंगे। कमजोर व कम दिन वाले बच्चों को एसएनसीयू में भर्ती होने वाले बच्चों की मताओं के लिए भवन के उपर मदर वार्ड बनेगा, ताकि उन्हें वहां रखकर वह बच्चों को दूध पिलाने के लिए आस सकें।
जिला अस्पताल के पुराने वार्ड में स्थित प्रसूति वार्ड की जगह पर 1 करोड़ रुपए की लागत से एसएनसीयू भवन बनाया जा रहा है।इसमें 20 नवजात बच्चों को भर्ती रखने के लिए बेहतर व्यवस्था रहेगी। वहीं डॉक्टर एवं नर्सों के लिए भी अलग-अलग कक्ष बनाए जाएंगे। कमजोर व कम दिन वाले बच्चों को एसएनसीयू में भर्ती होने वाले बच्चों की मताओं के लिए भवन के उपर मदर वार्ड बनेगा, ताकि उन्हें वहां रखकर वह बच्चों को दूध पिलाने के लिए आस सकें।
इनका कहना है
जिला अस्पताल की पुरानी बिल्डिंग को तोड़कर २०० बेड का नया अस्पताल भवन बनाया जाएगा। इसके लिए शासन से १८ करोड़ ७७ लाख रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति मिल चुकी है। लोक निर्माण विभाग की पीआईयू एजेंसी ने नक्शा तैयार कर लिया है। आगामी दिनों में बिल्डिंग को तोडऩे का काम शुरू होगा।
डॉ. शिरीष रघुवंशी, सिविल सर्जन, जिला अस्पताल, हरदा
————————————————
जिला अस्पताल में दो सौबेड का भवन बनाया जाएगा। जी प्लस-3 यानि 4 मंजिला बिल्डिंग का नक्शा बनाकर हेल्थ सर्विसेस कंसलटेंट को भेजा गया है। नक्शे को हरी झंडी मिलते ही आगे की कार्रवाई शुरू हो जाएगी।
राहुल चौहान, एसडीओ, लोक निर्माण विभाग (पीआईयू), हरदा
जिला अस्पताल की पुरानी बिल्डिंग को तोड़कर २०० बेड का नया अस्पताल भवन बनाया जाएगा। इसके लिए शासन से १८ करोड़ ७७ लाख रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति मिल चुकी है। लोक निर्माण विभाग की पीआईयू एजेंसी ने नक्शा तैयार कर लिया है। आगामी दिनों में बिल्डिंग को तोडऩे का काम शुरू होगा।
डॉ. शिरीष रघुवंशी, सिविल सर्जन, जिला अस्पताल, हरदा
————————————————
जिला अस्पताल में दो सौबेड का भवन बनाया जाएगा। जी प्लस-3 यानि 4 मंजिला बिल्डिंग का नक्शा बनाकर हेल्थ सर्विसेस कंसलटेंट को भेजा गया है। नक्शे को हरी झंडी मिलते ही आगे की कार्रवाई शुरू हो जाएगी।
राहुल चौहान, एसडीओ, लोक निर्माण विभाग (पीआईयू), हरदा