उल्लेखनीय है कि छोटी हरदा, उड़ा, अबगांव खुर्द व भाट परेटिया से होकर निकलने वाले बायपास का शुरुआती स्थल छोटी हरदा गांव के बस स्टैंड पर नर्मदा मंदिर के पास से तय हुआ है। इसकी अवार्ड राशि प्रशासन को मिल चुकी है, लेकिन इसका वितरण यह कहते हुए नहीं किया जा रहा कि रीअलाइमेंट की प्रक्रिया विचाराधीन है। यानि ऐसा होता है तो मौजूदा प्रोजेक्ट के तहत जिन किसानों का अवार्ड (मुआवजा) पारित हुआ है उसके वितरण में पेंच फंस सकता है। खबर है कि री अलाइमेंट के तहत बायपास का शुरुआती स्थल छोटी हरदा से हटाकर अतरसमा बस स्टैंड के पहले किया जा सकता है।
इधर, कांग्रेस ने उन किसानों को अवार्ड की राशि जल्द देने की मांग की है जिनकी जमीन इंदौर-बैतूल फोरलेन निर्माण के लिए अधिग्रहित की जा रही है। हंडिया ब्लाक कांग्रेस अध्यक्ष महेश पटेल ने सोमवार को बयान जारी कर कहा कि इस संबंध में संपूर्ण प्रक्रिया हो चुकी है। अवार्ड राशि भी प्रशासन के पास आ चुकी। इसके बावजूद किसानों को वितरण नहीं किया जा रहा। भुगतान नहीं होने से निर्माण कार्य रुका हुआ है। यह देरी क्यों की जा रही इसकी उच्च स्तरीय जांच होना चाहिए। ऐसा न होने पर कांग्रेस किसानोंके साथ आंदोलन करेगी। सोमवार को किसानों के साथ इस मामले में पूर्व विधायक डॉ. आरके दोगने से भी चर्चा की गई। डॉ. दोगने ने कहा कि प्रशासन को स्पष्ट करना चाहिए कि निर्माण में देरी क्यों हो रही है। जब समस्त औपचारिकताएं पूर्ण हो चुकी हैं तो किसके निर्देश पर रीअलाइमेंट की कार्रवाई की जा रही है। रीअलाइमेंट होता है तो दो वर्ष लगेंगे। इस देरी का जवाबदार कौन रहेगा। इस संबंध में प्रशासन से चर्चा की जाएगी।
एनएचएआइ के अनुसार 30 किमी लंबाई के हरदा-बैतूल फोरलेन के निर्माण पर ५५० करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इसका 24 किमी हिस्सा ग्रीन फील्ड में रहेगा। यानि खेतों से होते हुए यह सड़क पूरी तरह नई बनेगी। इसके लिए १५० करोड़ रुपए की अवार्ड राशि देकर १७५ हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया गया है। फोरलेन पर 1 रेल ओवरब्रिज सहित 20 पुल बनेंगे। इनमें से 6 पुलों का निर्माण नदियों पर तथा 13 का निर्माण अन्य सड़कों के ट्रैफिक को क्रॉस कराने के लिए होगा।