स्थान- टिमरनी बस स्टेंड
समय २.३० बजे
नजारा- दीवाली जैसे त्यौहार के दूसरे दिन अमूमन बसस्टेंड पर शांति ही रहती है पर यहां गहमागहमी बनी हुई है। शहर से जुड़े दर्जनों गांवों में यहां से बस जाती है। पास के हरदा-बैतूल जैसे जिला मुख्यालय में भी जाने के लिए यहां से बड़ी संख्या मेें बस पकड़ते हैं। ऐसे में भीड़ होना लाजिमी है पर जितना अहम यह बसस्टैंड है, उतनी सुविधा यहां हैं नहीं। मूलभूत सुविधाओं का अभाव बना हुआ है। हाल ये है कि यात्री सडक पर ही खडे होकर बसों का इंतजार कर रहे हैं। यात्री देवेंद्र चौरसिया बताते हैं कि बस स्टैंड की मांग पिछले कई सालों से उठती आ रही है लेकिन अभी तक पूरी नहीं हो सकी है। त्यौहार के समय तो चौैराहे पर बने चबूतरे पर बैठने तक की जगह भी शेष नहीं रहती है।
समय २.३० बजे
नजारा- दीवाली जैसे त्यौहार के दूसरे दिन अमूमन बसस्टेंड पर शांति ही रहती है पर यहां गहमागहमी बनी हुई है। शहर से जुड़े दर्जनों गांवों में यहां से बस जाती है। पास के हरदा-बैतूल जैसे जिला मुख्यालय में भी जाने के लिए यहां से बड़ी संख्या मेें बस पकड़ते हैं। ऐसे में भीड़ होना लाजिमी है पर जितना अहम यह बसस्टैंड है, उतनी सुविधा यहां हैं नहीं। मूलभूत सुविधाओं का अभाव बना हुआ है। हाल ये है कि यात्री सडक पर ही खडे होकर बसों का इंतजार कर रहे हैं। यात्री देवेंद्र चौरसिया बताते हैं कि बस स्टैंड की मांग पिछले कई सालों से उठती आ रही है लेकिन अभी तक पूरी नहीं हो सकी है। त्यौहार के समय तो चौैराहे पर बने चबूतरे पर बैठने तक की जगह भी शेष नहीं रहती है।
स्थान – छिपानेर मार्ग
समय – २.५० बजे
नजारा- लोग गोवद्र्धन पूजा कर भोजन आदि से निवृत्त होकर कुछ फ्री मूड में दिख रहे हैँ। इनमें से एक युवक सत्येंद्र कुशवाहा से हमने क्षेत्र की सबसे बड़ी समस्या और उसके समाधान के बारे में जानने चाहा। उन्होंने छूटते ही जवाब दिया- चिचोट घाट पर नर्मदा का पुुल कई साल से बन रहा है। यह पुल जल्दी बन जाए तो हमारे कई दिक्कतें तो यूं ही खत्म हो जाएंगी। आसपास खड़े अन्य लोग भी सत्येंद्र की इस बात का पुरजोर समर्थन करते हैं। गौरतलब है कि विधानसभा के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत छिपानेर में चिचोट कुटी में नर्मदा नदी पर बन रहा ब्रिज अभी तक पूरा नहीं हो सका है। चार साल पहले इसका निर्माण शुरु हो गया था पर यह अभी भी अधूरा पडा हुआ है। 26 करोड 45 लाख रूपए की लागत से बन रहे इस पुल का निर्माण कार्य सन 2014 में शुरु हुआ था।
कृषि क्षेत्र में पढ़ाई की सुविधा नहीं
यूं तो पूरा हरदा जिला कृषि के लिए जाना जाता है पर टिमरनी विधानसभा क्षेत्र की खेती-किसानी की बात कुछ अलग है। टिमरनी के पास के कुछ पहाड़ी क्षेत्र को छोड़कर यह पूरा मैदानी इलाका है जहां किसान खूब मेहनत कर भरपूर फसल लेते हैँ। हैरत की बात तो यह है कि खेती के इस बेल्ट में खेती-किसानी की पढ़ाई की ही सुविधा नहीं है। टिमरनी ओर सिराली इस विधानसभा क्षेत्र के दो प्रमुख शहर हैं। इन दोनों शहरों का व्यापार पूरी तरह कृषि आधारित है। इसके बावजूद भी यहां के सरकारी स्कूलों में कृषि संकाय तक नहीं है।
समय – २.५० बजे
नजारा- लोग गोवद्र्धन पूजा कर भोजन आदि से निवृत्त होकर कुछ फ्री मूड में दिख रहे हैँ। इनमें से एक युवक सत्येंद्र कुशवाहा से हमने क्षेत्र की सबसे बड़ी समस्या और उसके समाधान के बारे में जानने चाहा। उन्होंने छूटते ही जवाब दिया- चिचोट घाट पर नर्मदा का पुुल कई साल से बन रहा है। यह पुल जल्दी बन जाए तो हमारे कई दिक्कतें तो यूं ही खत्म हो जाएंगी। आसपास खड़े अन्य लोग भी सत्येंद्र की इस बात का पुरजोर समर्थन करते हैं। गौरतलब है कि विधानसभा के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत छिपानेर में चिचोट कुटी में नर्मदा नदी पर बन रहा ब्रिज अभी तक पूरा नहीं हो सका है। चार साल पहले इसका निर्माण शुरु हो गया था पर यह अभी भी अधूरा पडा हुआ है। 26 करोड 45 लाख रूपए की लागत से बन रहे इस पुल का निर्माण कार्य सन 2014 में शुरु हुआ था।
कृषि क्षेत्र में पढ़ाई की सुविधा नहीं
यूं तो पूरा हरदा जिला कृषि के लिए जाना जाता है पर टिमरनी विधानसभा क्षेत्र की खेती-किसानी की बात कुछ अलग है। टिमरनी के पास के कुछ पहाड़ी क्षेत्र को छोड़कर यह पूरा मैदानी इलाका है जहां किसान खूब मेहनत कर भरपूर फसल लेते हैँ। हैरत की बात तो यह है कि खेती के इस बेल्ट में खेती-किसानी की पढ़ाई की ही सुविधा नहीं है। टिमरनी ओर सिराली इस विधानसभा क्षेत्र के दो प्रमुख शहर हैं। इन दोनों शहरों का व्यापार पूरी तरह कृषि आधारित है। इसके बावजूद भी यहां के सरकारी स्कूलों में कृषि संकाय तक नहीं है।
अच्छे खेल मैदान की कमी
टिमरनी नगर में खेल प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है। नगर के खिलाडियों ने प्रदेश ही नहीं बल्कि दूसरे राष्ट्रीय स्तर पर अपना हुनर दिखाया है और कई बड़ी उपलब्धियां हासिल कर शहर का नाम रोशन किया है; लेकिन नगर में खेल सुविधाओं का अभाव है। यहां तक कि अब तक एक अच्छे खेल मैदान की सौगात तक नहीं मिल सकी है। खेल मैदान के अभाव में खिलाडियों को कन्या स्कूल के छोटे से मैदान पर ही पे्रक्टिस करनी पडती है। खेल मैदान की मांग पर आज तक केवल आश्वासन ही मिला है। दरअसल नगर में खेल मैदान के लिए सरकारी भूमि ही उपलब्ध नहीं है।
टिमरनी नगर में खेल प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है। नगर के खिलाडियों ने प्रदेश ही नहीं बल्कि दूसरे राष्ट्रीय स्तर पर अपना हुनर दिखाया है और कई बड़ी उपलब्धियां हासिल कर शहर का नाम रोशन किया है; लेकिन नगर में खेल सुविधाओं का अभाव है। यहां तक कि अब तक एक अच्छे खेल मैदान की सौगात तक नहीं मिल सकी है। खेल मैदान के अभाव में खिलाडियों को कन्या स्कूल के छोटे से मैदान पर ही पे्रक्टिस करनी पडती है। खेल मैदान की मांग पर आज तक केवल आश्वासन ही मिला है। दरअसल नगर में खेल मैदान के लिए सरकारी भूमि ही उपलब्ध नहीं है।
विधानसभा क्षेत्र की प्रमुख समस्याएं 1. तहसील मुख्यालयों पर खेल मैदान नहीं
2. विधानसभा के सबसे बड़े शहर में सुविधायुक्त बस स्टैंड नहीं
3. टिमरनी में टांसपोर्टनगर की सालों से मांग की जा रही है।
4. निजी कालोनियों में विकास कार्यों का अभाव
5. ओवर ब्रिज की दरकार
6. टिमरनी-पोखरनी के बीच धूल के गुबार से रहवासी परेशान हैं
७.कचरा निपटान की उचित व्यवस्था नहीं
८. खेतों में सिंचाई के लिए पर्याप्त बिजली नहीं मिलती
2. विधानसभा के सबसे बड़े शहर में सुविधायुक्त बस स्टैंड नहीं
3. टिमरनी में टांसपोर्टनगर की सालों से मांग की जा रही है।
4. निजी कालोनियों में विकास कार्यों का अभाव
5. ओवर ब्रिज की दरकार
6. टिमरनी-पोखरनी के बीच धूल के गुबार से रहवासी परेशान हैं
७.कचरा निपटान की उचित व्यवस्था नहीं
८. खेतों में सिंचाई के लिए पर्याप्त बिजली नहीं मिलती
क्या किया विधायक ने- सीएम की घोषणा भी नहीं हुई कारगर
विधानसभा क्षेत्र की इन समस्याओं से विधायक संजय शाह भी अनभिज्ञ नहीं हैं। बसस्टेंड को लेकर दस सालों में कई बार प्रदेश सरकार से मांग की गई जिसका असर भी हुआ। खुद सीएम शिवराजसिंह चौहान ने यहां आयोजित एक कार्यक्रम में नए बस स्टेंड का एलान किया। खेल मैदान के बारे में भी लगातार सरकार और वरिष्ठ अधिकारियों से बातचीत की गई। जहां तक नर्मदा पुल की बात है तो यह पुल जल्द पूरा हो जाने की बात कही जा रही है।
विधानसभा क्षेत्र की इन समस्याओं से विधायक संजय शाह भी अनभिज्ञ नहीं हैं। बसस्टेंड को लेकर दस सालों में कई बार प्रदेश सरकार से मांग की गई जिसका असर भी हुआ। खुद सीएम शिवराजसिंह चौहान ने यहां आयोजित एक कार्यक्रम में नए बस स्टेंड का एलान किया। खेल मैदान के बारे में भी लगातार सरकार और वरिष्ठ अधिकारियों से बातचीत की गई। जहां तक नर्मदा पुल की बात है तो यह पुल जल्द पूरा हो जाने की बात कही जा रही है।