दृश्य एक-
दोपहर के करीब १ बजे हैं। सूरज की तपन बढ़ती जा रही है। ऐसे में राहत पाने के लिए यात्री पेड़ों के नीचे खड़े होकर ट्रेनों का इंतजार कर रहे हैं। रेल्वे स्टेशन के दोनो प्लेटफार्म पर यही स्थिति है। सिर छुपाने के लिए प्लेटफार्म पर पूरी लंबाई में शेड नहीं हैं। यात्रियों को स्टेशन पर यहां-वहां सिर छिपाना पड़ रहा है। कई ट्रेनें घंटो लेट हैं जिसके कारण यात्रियों की परेशानी काफी बढ गई है। शेड की कमी के कारण कुछ यात्री फुट ओवर ब्रिज पर व उसके नीचे बैठने पर भी मजबूर हो रहे हंै।
दोपहर के करीब १ बजे हैं। सूरज की तपन बढ़ती जा रही है। ऐसे में राहत पाने के लिए यात्री पेड़ों के नीचे खड़े होकर ट्रेनों का इंतजार कर रहे हैं। रेल्वे स्टेशन के दोनो प्लेटफार्म पर यही स्थिति है। सिर छुपाने के लिए प्लेटफार्म पर पूरी लंबाई में शेड नहीं हैं। यात्रियों को स्टेशन पर यहां-वहां सिर छिपाना पड़ रहा है। कई ट्रेनें घंटो लेट हैं जिसके कारण यात्रियों की परेशानी काफी बढ गई है। शेड की कमी के कारण कुछ यात्री फुट ओवर ब्रिज पर व उसके नीचे बैठने पर भी मजबूर हो रहे हंै।
दृश्य दो
छीपाबड़ का किशोर खंडवा जाने के लिए ट्रेन का इंतजार कर रहा है। गर्मी के कारण गला सूखा तो प्लेटफार्म पर लगे नल से पानी पीने के लिए पहुंचा। लेकिन यह क्या- नल में से तो पानी ही नहीं आ रहा। कई बार नाब दबाने के बाद कुछ बूंद पानी टपका। पेयजल व्यवस्था के लिए दोनों प्लेटफार्म पर कई जलस्टेंड लगाए गए हैं, लेकिन एक भी स्टेंड से यात्रियों को पानी नहीं मिल रहा है। पानी के लिए प्लेटफार्म नंबर 2 में एकमात्र बड़ी पानी की टंकी रखी हुई है। नियमित साफ सफाई नहीं होने के कारण यात्री इसका पानी पीने से कतरा रहे हैं। वहीं एक छोटा वाटर कूलर भी कार्यालय के बाजू से लगाया गया है। इसके अलावा स्टेशन पर और कहीं भी पेयजल व्यवस्था नहीं है। ऐसे में यात्रियों को महंगे मोल का बोतल का पानी खरीदकर पीना पड़ रहा है।
छीपाबड़ का किशोर खंडवा जाने के लिए ट्रेन का इंतजार कर रहा है। गर्मी के कारण गला सूखा तो प्लेटफार्म पर लगे नल से पानी पीने के लिए पहुंचा। लेकिन यह क्या- नल में से तो पानी ही नहीं आ रहा। कई बार नाब दबाने के बाद कुछ बूंद पानी टपका। पेयजल व्यवस्था के लिए दोनों प्लेटफार्म पर कई जलस्टेंड लगाए गए हैं, लेकिन एक भी स्टेंड से यात्रियों को पानी नहीं मिल रहा है। पानी के लिए प्लेटफार्म नंबर 2 में एकमात्र बड़ी पानी की टंकी रखी हुई है। नियमित साफ सफाई नहीं होने के कारण यात्री इसका पानी पीने से कतरा रहे हैं। वहीं एक छोटा वाटर कूलर भी कार्यालय के बाजू से लगाया गया है। इसके अलावा स्टेशन पर और कहीं भी पेयजल व्यवस्था नहीं है। ऐसे में यात्रियों को महंगे मोल का बोतल का पानी खरीदकर पीना पड़ रहा है।
दृश्य तीन
हरदा, टिमरनी की ओर जा रहीं कुछ महिलाएं प्लेटफार्म पर बने शौचालय में गई लेकिन तुरंत ही निकल भी आई। उन्होंने बताया कि शौचालय में इतनी गंदगी पसरी है वहां खड़ा होना भी मुश्किल है। नियमित रेल यात्री किशन चौहान ने बताया कि शौचालयों में हमेशा ऐसे ही गंदगी पसरी रहती है। इससे सबसे ज्यादा महिलाओं को परेशानी होती है।
हरदा, टिमरनी की ओर जा रहीं कुछ महिलाएं प्लेटफार्म पर बने शौचालय में गई लेकिन तुरंत ही निकल भी आई। उन्होंने बताया कि शौचालय में इतनी गंदगी पसरी है वहां खड़ा होना भी मुश्किल है। नियमित रेल यात्री किशन चौहान ने बताया कि शौचालयों में हमेशा ऐसे ही गंदगी पसरी रहती है। इससे सबसे ज्यादा महिलाओं को परेशानी होती है।
वर्षो से नहीं मिला स्टापेज
खिरकिया रेलवे स्टेशन पर कई टे्रनों के स्टापेज दिए जाने के लिए वर्षो से मांग की जा रही है, लेकिन कोई भी नियमित टे्रन का स्टापेज नहीं मिला है। पिछले10 वर्षो से कोई भी नियमित टे्रन का स्टापेज नहीं मिला है। वर्षो पूर्व नागपुर-भुसावल टे्रन का स्टापेज दिया गया था, लेकिन यह भी साप्ताहिक ट्रेन है। यहां ताप्ती गंगा एक्सप्रेस 19045-19048, हैदराबाद जयपुर 12719-12720 एवं 17019-17020 एवं झेलम एक्सप्रेस 11077-11078 के स्टापेज की मांग की जा रही है। हाल ही में एक प्रतिनिधि मंडल ने रेलमंत्री से मुलाकात कर टे्रनों के स्टापेज के साथ अन्य समस्याओं से भी अवगत कराया है।
खिरकिया रेलवे स्टेशन पर कई टे्रनों के स्टापेज दिए जाने के लिए वर्षो से मांग की जा रही है, लेकिन कोई भी नियमित टे्रन का स्टापेज नहीं मिला है। पिछले10 वर्षो से कोई भी नियमित टे्रन का स्टापेज नहीं मिला है। वर्षो पूर्व नागपुर-भुसावल टे्रन का स्टापेज दिया गया था, लेकिन यह भी साप्ताहिक ट्रेन है। यहां ताप्ती गंगा एक्सप्रेस 19045-19048, हैदराबाद जयपुर 12719-12720 एवं 17019-17020 एवं झेलम एक्सप्रेस 11077-11078 के स्टापेज की मांग की जा रही है। हाल ही में एक प्रतिनिधि मंडल ने रेलमंत्री से मुलाकात कर टे्रनों के स्टापेज के साथ अन्य समस्याओं से भी अवगत कराया है।