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जीआइएस सर्वे में दर्ज हुईं 6 हजार संपत्तियां, नप पुराने रिकॉर्ड से कर रही वसूली

locationहरदाPublished: Jan 24, 2022 12:11:44 am

Submitted by:

rakesh malviya

नपं को हो रहा राजस्व का नुकसान, बगैर टैक्स नप की संपत्ति का हजारों लोग कर रहे उपयोग

जीआइएस सर्वे में दर्ज हुईं 6 हजार संपत्तियां, नप पुराने रिकॉर्ड से कर रही वसूली

जीआइएस सर्वे में दर्ज हुईं 6 हजार संपत्तियां, नप पुराने रिकॉर्ड से कर रही वसूली

खिरकिया. स्थानीय नगर परिषद के पास टैक्स के अलावा आय के कोई अन्य स्तोत्र नहीं है। इसके बावजूद संपत्तियों का उपयोग करने वाले नागरिकों से टैक्स की वसूली करने में नगर परिषद के अधिकारी कर्मचारी रुचि नहीं ले रहे हैं। बताया जाता है कि वर्ष 2016 में जीआइएस सर्वे पूर्ण होने के बाद भी शत-प्रतिशत संपत्तियों के टैक्स की वसूली नहीं हो रही है। लगभग 6 साल पहले हुए जीआइएस सर्वे में खिरकिया एवं छीपाबड़ के 15 वार्डों में 6 हजार संपत्तियां दर्ज हुई थी। लेकिन नगर परिषद के रिकार्ड में अभी भी लगभग 4600 संपत्तियां ही दर्ज हैं। ऐसे में शहरी क्षेत्र में 1400 संपत्तियों पर अभी भी टैक्स की वसूली शुरू ही नहीं हो सकी है। नगर परिषद के अधिकारी कर्मचारियों की लापरवाही के कारण यह स्थिति बनी हुइ है। जीआइएस सर्वे के 6 साल बाद भी नई संपत्तियों का उपयोग करने वाले लोगों से टैक्स वसूली की प्रक्रिया ही प्रारंभ नहीं हुई है। मामले को लेकर खिरकिया सीएमओ राजेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि नप के खुद के आय के स्त्रोत नहीं है। इसके चलते टैक्स वसूली तेजी से करने के पहले से ही निर्देश हैं। जीआइएस सर्वे में दर्ज हुई नई संपत्तियों से टैक्स की वसूली नहीं होना लापरवाही है। नपकर्मियों के साथ बैठक कर इसकी शीघ्र ही समीक्षा करेंगे। सर्वे के आधार पर सभी से टैक्स की वसूली की जाएगी।
इस तरह हुआ था शहर का सर्वे
शहर की संपत्तियों का नप ने एक निजी एजेंसी से सर्वे कराया था। सर्वे एक एप और सेटेलाइट इमेज के माध्यम से किया था। संपत्ति के मालिक को खड़ा कर इमेज ली गई थी। इससे एप में पूरी जानकारी दर्ज हो गई कि संबंधित मकान कच्चा, पक्का, कितनी मंजिल और कितने वर्ग फीट में बना है। यदि छत पर टॉवर लगा है तो सर्वे में यह भी दर्ज हुआ था।
दस्तावेजों की पूर्ति में नप नहीं दिखा रही रुचि
नई संपत्तियां जीआइएस सर्वे में सामने आने के बाद नगर परिषद ने अभी तक दस्तावेजों की पूर्ति करने में रुचि नहीं दिखाई है। जीआइएस सर्वे में जो 1400 नई संपत्तियां सामने आई। उनके मालिकों से नगर परिषद अभी तक दस्तावेज ही नहीं ले सकी है। साथ ही मौके पर पहुंचकर नप की टीम ने संपत्ति का सत्यापन भी नहीं किया है। ऐसे में संपत्ति का उपयोग करने के बाद भी नगर परिषद की टैक्स वसूली रुकी हुई है।
नप पुराने रिकॉर्ड से वसूल रही टैक्स
नगर परिषद द्वारा शहरी क्षेत्र में अभी सिर्फ 4600 संपत्तियों पर ही टैक्स की वसूली की जा रही है। नगर परिषद द्वारा संपत्तिकर, समेकित कर, शिक्षा उपकर, नगरीय विकास, उपकर, जल कर की वसूली नागरिकों से की जाती है। इसमें समेकित कर 120 रुपए सालाना और जल कर 50 रुपए मासिक लिया जाता है। वहीं दूसरे टैक्स नागरिकों की संपत्ति के आकार के हिसाब से तय होकर वसूल किए जाते हैं।
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