शहर की कई कॉलोनियों में आज भी घरों के आसपास गंदा पानी जमा हुआ है, जिन्हें खाली नहीं कराया गया। वहीं खाली प्लॉटों के मालिकों पर नपा द्वारा कार्रवाई नहीं की गई। अनदेखी की वजह से डेंगू ने पूरे जिले को अपने आगोश में ले लिया है, जिससे आगामी दिनों में इंदौर की तरह भयावह स्थिति निर्मित हो सकती है। इस संबंध में जिला अस्पताल की मलेरिया अधिकारी डॉ. राधा चौहान का कहना है कि शहरी क्षेत्र की कॉलोनियों से ज्यादा डेंगू के मरीज निकल रहे हैं।
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अभी तक 31 लोग इस बीमारी की चपेट में आ गए हैं। कॉलोनियों में जमा पानी में मच्छरों के लार्वा को नष्ट करने छिड़काव कराया जा रहा है और घरों के आसपास फांगिग मशीन से धुआं किया जा रहा है, ताकि मच्छरों की उत्पत्ति रूक सके। सोमवार से कॉलोनियों में छिड़काव कराया जाएगा।
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डेढ़ महीने में 300 लोग निकले संदिग्ध
शहर में सर्दी-खांसी और बुखार के मरीजों की संख्या प्रतिदिन बढ़ रही है। इसके चलते लोग सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में इलाज करवाने के लिए पहुंच रहे हैं। जहां डॉक्टरों द्वारा उन्हें डेंगू की जांच करवाने के लिए कहा जा रहा है। प्राइवेट लैबों में जांच कराने पर अधिकांश लोगों के प्लेटलेट्स कम निकल रहे हैं, जिन्हें डेंगू का संदिग्ध मानकर भर्ती किया जा रहा है। रोजाना 20 से 25 लोगों के सैंपल प्राइवेट लैबों से जिला अस्पताल में एलाइजा मशीन से जांच करने के लिए भेजे जा रहे हैं, जिनमें से कुछ लोग पॉजिटिव निकल रहे हैं। पिछले डेढ़ महीने के दौरान करीब 300 लोग डेंगू के संदिग्ध मिल चुके हैं।
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एक ही घर में निकले तीन डेंगू के मरीज
जानकारी के मुताबिक गत सितंबर माह से जिला अस्पताल में एलाइज मशीन से डेंगू की जांच हो रही है। 30 अक्टूबर तक मरीजों का आंकड़ा 13 था। लेकिन अब इन रोगियों की संख्या 31 हो गई है। प्रतिदिन दो से तीन लोग इस बीमारी से पीडि़त निकल रहे हैं। गत दिवस जिला अस्पताल में हुई एलाइज मशीन से जांच में शहर की शर्मा कॉलोनी में रहने वाले एक ही परिवार के तीन लोगों को डेंगू होना मिला है। जिनका इलाज किया जा रहा है। इसी तरह शहर की पाठक कॉलोनी, मानपुरा, इमलीपुरा, जत्रापड़ाव, खेड़ीपुरा, जोशी कॉलोनी सहित अन्य कॉलोनियों से भी मरीजों के मिलने का सिलसिला जारी है।