सोयाबीन फसल में इल्लियों का प्रकोप, मंहगी दवाएं भी हो रहीं बेअसर
हरदाPublished: Jul 02, 2020 08:36:41 pm
चिंतित किसान तेज बारिश होने का कर रहे इंतजार
सोयाबीन फसल में इल्लियों का प्रकोप, मंहगी दवाएं भी हो रहीं बेअसर
मसनगांव. बारिश की खेंच, तेज गर्मी और उमस के कारण खरीफ की मुख्य फसल सोयाबीन में इल्लियों का प्रकोप शुरू हो गया है। क्षेत्र में किसानों ने महंगा बीज लाकर सोयाबीन की बोवनी तो कर दी, लेकिन मौसम अनुकुल नहीं होने से फसलों पर विपरित असर पड़ रहा है। सोयाबीन फसल में कई प्रकार की बीमारियां लग रही है। इससे निपटने के लिए किसान महंगी दवाओं का स्प्रे कर रहे हैं। लेकिन वह भी बेअसर साबित हो रही हैं। दवाओं के स्प्रे करने के लिए खेतों में पानी नहीं होने से किसानों को घर से ट्रैक्टर ट्राली में टंकी रखकर पानी ले जाना पड़ रहा है। तेज धूप की वजह से किसान सुबह-शाम दवाइयों का स्प्रे कर रहे हैं। खेतों में खरपतवार अधिक मात्रा में निकल रही है। इसे रोकने के लिए ट्रैक्टर तथा हाथ कुल्पे का उपयोग किया जा रहा है।
खरपतवार नाशक दवा से खराब हो रही फसल-
सोयाबीन की फसल में खरपतवार निकालने के लिए रासायनिक दवाओं का छिड़काव किया जा रहा है। इससे भी फसल खराब होने लगी है। तेज गर्मी एवं धूप के बीच खरपतवार को नियंत्रण करने के लिए किसान अपने खेतों में विभिन्न प्रकार की दवाइयों का प्रयोग कर रहे है। इसका असर इतना अधिक हुआ कि खेतों घास के साथ ही सोयाबीन के पौधे भी जल गए। ऐसे में किसानों को अब अच्छी बारिश का इंतजार करना पड़ रहा है। किसानों का कहना है कि सोयाबीन में खरपतवार नाशक दवाई का स्प्रे होने से फसलों पर असर होता है। लेकिन खेतों में नमी होने की बात थोड़े दिन में वह सुधर जाती है। इस वर्ष तेज धूप की वजह से पौधे मुरझा गए हैं। अच्छी बारिश होती है तो सभी पौधे अच्छी स्थिति में आ जाएंगे एवं फसल सुधर जाएगी। इल्लियोंं का प्रकोप भी कम हो जाएगा। लेकिन बादल छाने के बावजूद बारिश नहीं होने से तेज गर्मी और धूप के कारण खेतों की नमी धीरे-धीरे खत्म होती जा रही है। फसल के बढऩे का समय भी निकला जा रहा है। इसके चलते किसानों में सोयाबीन के पैदावार को लेकर चिंता सताने लगी है।