हरदा। लोकायुक्त पुलिस ने शनिवार को दो
पटवारियों को किसान से सीमांकन के नाम पर 7 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा।
टीम के पहुंचते ही रूपए लेने वाला पटवारी मकान की पहली मंजिल पर पहुंचा और रूपए
कहीं फेक दिए। पुलिस को रिश्वत में दी गई राशि बरामद नहीं हुई। हालांकि पटवारी के
हाथों को धुलवाने पर रंग लाल हो गया था।
भोपाल निवासी विष्णु सेजकर ने 23
जून को लोकायुक्त पुलिस को शिकायत की थी कि हरदा तहसील के मोहनपुर गांव स्थित उनकी
पैतृक भूमि के सीमांकन के लिए पटवारी दीपक भिलाला और बालागांव-बूंदड़ा का पटवारी
गौरीशंकर व्यालसे 20 हजार रूपए रिश्वत मांग रहे हैं। लोकायुक्त पुलिस के टीम लीडर
इंस्पेक्टर मुकेश तिवारी ने बताया पुलिस ने सेजकर से पटवारियों के रिश्वत मांगने
संबंधी बात रिकॉर्ड कराई। शनिवार को लोकायुक्टत टीम द्वारा सेजकर को रिश्वत देने के
लिए सात हजार रूपए केमिकल लगाकर दिए और पटवारियों के पास भेजा।
कार्रवाई के
दौरान दो पटवारी भी मौजूद थे
छीपानेर रोड स्थित ग्वाल नगर गली नंबर 3 में किराए
के मकान में ऑफिस बनाकर काम रहे पटवारी व्यालसे ने दोपहर करीब डेढ़ बजे सेजकर से
रिश्वत की राशि ली। इस दौरान पटवारी भिलाला के अलावा दो अन्य पटवारी भी वहां मौजूद
थे। इंस्पेक्टर वीके सिंह ने बताया सेजकर ने बाहर आकर इशारा किया तो टीम ने मकान का
दरवाजा खटखटाया। इसी बीच पटवारी व्यालसे पीछे के दरवाजे से निकलकर मकान की पहली
मंजिल पर पहुंचा और जेब से रूपए निकालकर कहीं फेंक दिए। पुलिस ने उसका शर्ट जब्त
किया है। हाथ धुलवाने पर पानी का रंग लाल हो गया। टीम ने पटवारी व्यालसे और भिलाला
के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत केस दर्ज किया है। टीम ने
पटवारियों के कार्यालय में रखे दस्तावेज भी खंगाले। कार्रवाई की सूचना एसडीएम एसएल
सोलंकी को दी गई। एसडीएम के निर्देश पर नायब तहसीलदार संगीता महतो ने मौके पर
पहुंचकर लोकायुक्त टीम से संपर्क किया।
सफाईकर्मी बुलाकर रूपए
तलाशे
पटवारी व्यालसे द्वारा रिश्वत की रकम फेंकने के बाद टीम में शामिल अधिकारी
हक्के-बक्के रहे गए। उन्होंने पटवारी से कड़ाई से पूछताछ की। इसके बाद उसके बताए गए
स्थान पर रूपए तलाशे। मकान के बगल से बह रही कच्ची नाली में रूपए पड़े होने की
संभावना के चलते टीम व्यालसे को लेकर वहां पहुंची। इस दौरान सफाईकर्मी बुलाकर नाली
में रूपए तलाशे गए, लेकिन नहीं मिले। इंस्पेक्टर वीके सिंह ने बताया रूपए बरामद
नहीं होने पर पटवारी के खिलाफ साक्ष्य नष्ट करने की धाराएं भी बढ़ सकती
हैं।
दो साल से लगा रहे थे चक्कर
शिकायतकर्ता विष्णु सेजकर ने बताया
उन्होंने पांच एकड़ पैतृक भूमि दो साल पहले बेची थी। उस दौरान खरीददार से वादा किया
था कि जमीन का सीमांकन कराके देंगे। इकरारनामे में यह बात लिखी है। सीमांकन न होने
की वजह से उनके साढ़े 4 लाख रूपए अटक गए। इसके लिए पटवारी से कई बार आग्रह किया,
लेकिन उन्होंने हर बार टालामटोली की। इस बार 20 हजार रूपए की रिश्वत मांगी गई। 15
हजार रूपए देकर सीमांकन कराना तय हुआ। इस बीच उन्होंने लोकायुक्त को शिकायत कर दी।