पुलिसकर्मियों के लिए नहीं है आवास
किराए के आवासों में रह रहे पुलिसकर्मी, विभाग भी नहीं दे रहा ध्यान

खिरकिया. नागरिकों की सुरक्षा का जिम्मा संभाल रहे पुलिस अधिकारी एवं आरक्षकों के लिए आवासों का अभाव नगर में बना हुआ है। कई बार पुलिसकर्मियों के लिए आवासों के निर्माण की कवायदें करने के बाद भी निर्माण नहीं हो पाया है। जिसके परिणामस्वरूप पुलिस अधिकारियों और आरक्षकों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है, जिससे उनकी सेवाएं भी प्रभावित होती हैं। पुलिसकर्मियो को किराए से भवन लेकर निवास करना पड़ रहा है। अभी छीपाबड़ थाना परिसर में थाना भवन के पीछे कुछ आवास बने हैं लेकिन पुलिस स्टाफ की दृष्टि से कम पड़ते हंै। आवास वर्षों पुराने होने के चलते अव्यवस्थित हो रहे हैं। आवासों के निर्माण ना होने से पुलिसकर्मियों को परेशानियां हो रही है। खिरकिया में चौकी के निर्माण के बाद छीपाबड़ थानांतर्गत स्टाफ एवं पुलिसकर्मियों की संख्या में इजाफा हुआ है। अधिकारियों सहित आरक्षकों को थानांतर्गत पदस्थ किया गया है लेकिन आवासों की संख्या नहीं बढ़ी है।
यह है स्टाफ की स्थिति
वर्तमान में थाने में 1 टीआई, 3 एसआई, 4 एएसआई, 5 हवलदार एवं आरक्षक 19, महिला आरक्षक 1 पदस्थ है। जिनके रहने के लिए महज 12 आवास हंै। जबकि 1 महिला एसआई व 3 हवलदारों की कमीं है। कई बार कोई घटना होने पर बाहर के पुलियकर्मियों को सुरक्षा की दृष्टि से बुलाया जाता है लेकिन थाने के पास उनके रहवास की काई व्यवस्था नहीं होती है। ऐसी स्थिति में उन्हे सामाजिक धर्मशाला या स्कूल व शासकीय भवनों में रूकवाया जाता है। यदि आवासों का निर्माण होता है तो कुछ हद तक यह समस्या भी हल हो सकती है। एसडीओपी को राजस्व विभाग के अधिकारी कर्मचारियों के लिए निर्मित आवास में निवास करना पड़ रहा है। करीब डेढ़ दर्जन आवासों की आवश्यकता वर्तमान में बतायी जा रही है।
थाना परिसर में है जगह उपलब्ध
पुलिस क्वार्टर के निर्माण के लिए भूमि की कमी बतायी जा रही है लेकिन छीपाबड़ थाना परिसर भी काफी लंबे रकबे मे फैला हुआ है। इसमें कुछ पुलिस आवास बने हुए हैं। लेकिन थाना भवन के पीछे एवं बाजू से बहुत भूमि रिक्त पड़ी हुई है। यदि इस भूमि पर कुछ अतिरिक्त आवासों का निर्माण कर दिया जाए तो पुलिस अधिकारी व कर्मचारियो की समस्या हल हो सकती है। परिसर में आवासों के निर्माण को उपयुक्त माना जा रहा है। परिसर में आवासों का निर्माण किया जाता है तो पुलिसकर्मियों को थाने से दूर नहीं रहना होगा। थाने के नए भवन का निर्माण हो चुका है मगर आवास के निर्माण पर विभाग का बिल्कुल ध्यान नहीं है।
पूर्व में चयनित भूमि पर नही बनी सहमति
पूर्व तहसीलदार द्वारा पुलिस अधिकारियों के आवास के निर्माण के लिए कुड़ावा मार्ग पर राजस्व अधिकारियों के लिए निर्मित भवन के बाजू में एवं मुक्तिधाम के सामने स्थित शासकीय भूमि का चयन किया गया था। इस भूमि से पुलिस विभाग के उच्चाधिकारियों को अवगत भी कराया गया था। लेकिन इसके बाद कोई भी प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ी। विभागीय अधिकारी में भी इस भूमि पर आवास निर्माण की सहमति भी नहीं बनी। जिसके चलते आवासों निर्माण के कार्य अटका हुआ है और पुलिसकर्मी किराए के भवनों में रहने को मजबूर हैं।
इनका कहना है
मंैने अभी थाने का प्रभार लिया है। आवासों के संबंध में जानकारी ली जाएगी। आवास कम होने पर वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराया जाएगा।
राकेश गौर, थाना प्रभारी छीपाबड़
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