scriptदूसरे जिलों के किसान मंडी पहुंचे तो आवक बढ़ी, मूंग के भाव 699 रुपए टूटे | Price of moong broken by Rs 699 | Patrika News

दूसरे जिलों के किसान मंडी पहुंचे तो आवक बढ़ी, मूंग के भाव 699 रुपए टूटे

locationहरदाPublished: Oct 15, 2020 10:50:28 pm

Submitted by:

gurudatt rajvaidya

नीलामी में नंबर नहीं आने से रतजगा करने वाले किसानों ने दोहरा नुकसान उठाया

दूसरे जिलों के किसान मंडी पहुंचे तो आवक बढ़ी, मूंग के भाव 699 रुपए टूटे

दूसरे जिलों के किसान मंडी पहुंचे तो आवक बढ़ी, मूंग के भाव 699 रुपए टूटे,दूसरे जिलों के किसान मंडी पहुंचे तो आवक बढ़ी, मूंग के भाव 699 रुपए टूटे,दूसरे जिलों के किसान मंडी पहुंचे तो आवक बढ़ी, मूंग के भाव 699 रुपए टूटे,दूसरे जिलों के किसान मंडी पहुंचे तो आवक बढ़ी, मूंग के भाव 699 रुपए टूटे,दूसरे जिलों के किसान मंडी पहुंचे तो आवक बढ़ी, मूंग के भाव 699 रुपए टूटे,दूसरे जिलों के किसान मंडी पहुंचे तो आवक बढ़ी, मूंग के भाव 699 रुपए टूटे,दूसरे जिलों के किसान मंडी पहुंचे तो आवक बढ़ी, मूंग के भाव 699 रुपए टूटे

हरदा। ग्रीष्माकालीन मूंग के भाव में ऐसा उछाल आया कि स्थानीय मंडी में दूसरे जिलों (होशंगाबाद, देवास, सीहोर व खंडवा) जिले के किसान भी उपज लेकर पहुंचने लगे। इससे हालात यह बने कि जितनी उपज बिकने आई उसकी नीलामी नहीं हो सकी। दूसरी ओर भाव भी टूट गए। इससे उन किसानों को दोहरा नुकसान उठाना पड़ा जो किराए के ट्रैक्टर ट्रॉली लेकर आए थे। कम भाव में उपज बेचने के साथ ही उन्होंने डबल किराए का भुगतान किया।
उल्लेखनीय है कि मूंग के भाव में उछाल आने पर मंडी में इसी आवक बढ़ी थी। 12 अक्टूबर को मूंग के अधिकतम भाव 8700 व मॉडल भाव 7150 रुपए रहे थे। वहीं 15 अक्टूबर गुरुवार को इसके अधिकतम भाव 8416 एवं मॉडल भाव 6451 रुपए प्रति क्विंटल रहे। बीच के दो दिन में मूंग अधिकतम 8710 व 8192 के भाव बिका। इस अवधि में इसके मॉडल भाव क्रमश: 6800 व 6400 रुपए प्रति क्विंटल रहे। यानि चार दिन में मूंग के अधिकतम भाव में 264 व मॉडल भाव में 699 रुपए की गिरावट आई। मंडी प्रबंधन व व्यापारियों के मुताबिक मंडी में जिले के अलावा होशंगाबाद जिले के पिपरिया, सोहागपुर, सिवनी मालवा, खंडवा जिले के छनेरा, देवास जिले के खातेगांव व कन्नौद सहित सीहोर जिले से भी मूंग की बंपर आवक रही। इसके चलते किसानों का नंबर नहीं लगा। वहीं दूसरी ओर इंदौर, दिल्ली, मुंबई आदि से जगहों से इसके भाव कम कर दिए गए। यही कारण रहा कि मंडी में मंूग के भाव में गिरावट आई। गुरुवार को मंडी में ११४९९ आवक रहीं। इस दौरान गेहूं १४०० से १९४० (मॉडल भाव १५२०), चना ४६२६ से ४८५० (मॉडल भाव ४८५०), सोयाबीन २००० से ४००० (मॉडल भाव ३३५०), मूंग ३०५० से ८४१६ (मॉडल भाव ६४५१), उड़द २००१ से ५९०० (मॉडल भाव ५१००) व मक्का ८०० से ११७५ (मॉडल भाव ९८०) रुपए प्रति क्विंटल रहे।
कम भाव मिले तो वापस लेकर गए ट्रॉली
मूंग के भाव में गिरावट आने से कई किसान अपनी ट्रॉली वापस लेकर गए। वहीं जिन्हें नकदी की बेहद जरुरत थी उन्होंने कम भाव में ही उपज तुलाई। बिच्छापुर के किसान हेमंत राजपूत ने बताया कि वे दो ट्रॉली मूंग लेकर आए थे। भाव ठीक नहीं मिलने पर एक ट्रॉली वापस लेकर गए। उन्होंने बताया कि पहले जो मूंग 7200 रुपए के भाव बिका था अब उसकी कीमत 5700 रुपए लगाई गई। किसानों की शिकायत इस बात पर भी है कि नीलामी के दौरान व्यापारियों द्वारा करीब 1 किलो उपज नीचे गिरा दी जाती है। इस स्थिति में उन्हें नुकसान होता है। क्योंकि वे खेत-खलिहान से एक-एक दाना बीनकर लाते हैं।
तीसरे दिन आया नंबर
जिजगांव के किसान योगेश शर्मा ने बताया कि वे मंगलवार शाम को अपनी मूंग की ट्रॉली लेकर मंडी आए थे। भीड़ ज्यादा होने के कारण बुधवार को नंबर नहीं लगा। गुरुवार को उनका मूंग बिका। इस कारण ट्रैक्टर ट्रॉली का किराया दो हजार रुपए अतिरिक्त देना पड़ा।
घाटा उठाकर बेची उपज
मनियाखेड़ी के किसान नंदकिशोर सांखला भी मंगलवार शाम को मंडी आए थे। बुधवार के बजाए उनका नंबर गुरुवार को आया। इस दौरान भाव भी कम मिला। पहले जो मूंग 6000 रुपए क्विंटल बिका था, गुरुवार को उसके भाव 5100 रुपए रहे।
मंडी में तीन दिन बंद रहेगी नीलामी
शुक्रवार को भूतड़ी अमावस्या, शनिवार को अग्रसेन जयंती व रविवार अवकाश के कारण मंडी में तीन दिन नीलामी बंद रहेगी। प्रबंधन ने किसानों से इस अवधि में उपज लेकर नहीं आने का आग्रह किया है।
इनका कहना है
एक ट्रॉली में कई किसानों की उपज रहती है। इससे नीलामी में समय अधिक लग रहा है। बड़े बाजार के आधार पर उपज के भाव तय होते हैं। मूंग के भाव में गिरावट का यही कारण है।
– महेश अग्रवाल, अध्यक्ष, ग्रेन मर्चेंट एसोसिएशन, हरदा
अन्य जिलों से मूंग बड़ी मात्रा में बिकने आ रहा है। इसके चलते मंडी में किसानों की संख्या बढ़ गई थी। हालांकि व्यवस्थाओं को बनाए रखने के प्रयास किए गए। गुरुवार शाम तक सभी किसानों की उपज नीलामी हो चुकी थी।
– संजीव श्रीवास्तव, सचिव, कृषि उपज मंडी, हरदा
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