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प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना – बीते साल 64252 ने प्रीमियम जमा किया, शुरुआत में 57620 को बीमा लाभ देने का दावा, मिलेगा 38803 किसानों को

locationहरदाPublished: Sep 17, 2020 11:14:56 pm

Submitted by:

gurudatt rajvaidya

– जिले के 38803किसानों को आज फसल बीमा के मिलेंगे 9& करोड़ रुपए- वर्ष 2019 की फसल बीमा राशि का वन क्लिक से होगा ट्रांसफर

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना - बीते साल 64252 ने प्रीमियम जमा किया, शुरुआत में 57620 को बीमा लाभ देने का दावा, मिलेगा 38803 किसानों को

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना – बीते साल 64252 ने प्रीमियम जमा किया, शुरुआत में 57620 को बीमा लाभ देने का दावा, मिलेगा 38803 किसानों को,प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना – बीते साल 64252 ने प्रीमियम जमा किया, शुरुआत में 57620 को बीमा लाभ देने का दावा, मिलेगा 38803 किसानों को,प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना – बीते साल 64252 ने प्रीमियम जमा किया, शुरुआत में 57620 को बीमा लाभ देने का दावा, मिलेगा 38803 किसानों को

हरदा। प्रधानमंत्री फसल बीमा का क्लेम मिलने के नाम पर किसान हर वर्ष ठगे जा रहे हैं। बीते साल जितने किसानों ने बीमा का प्रीमियम जमा किया, इस वर्ष शुरुआती घोषणा में इनमें से 6630 किसानों को छोड़कर योजना का लाभ देने का कहा गया। सरकार की घोषणा से खुश किसान बीमा की राशि आने का इंतजार लंबे समय से कर रहे हैं। एक दिन पहले इनके जो आंकड़े जारी किए गए उनमें प्रीमियम जमा करने वालों में से 25 हजार 449 किसानों को छोड़ दिया गया। यानि प्रीमियम जमा करने वाले 64252 किसानों में से शुक्रवार को केवल 38 हजार 803 किसानों को ही बीमा लाभ दिया जाएगा। मालूम हो कि वर्ष 2019 में अतिवृष्टि से सोयाबीन फसल खराब हुई थी। इस दौरान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत जिले के 64 हजार 252 किसानों ने प्रीमियम जमा किया था। कृषि मंत्री कमल पटेल द्वारा पिछले दिनों दी गई जानकारी के अनुसार इनमें से जिले के 57620 किसानों के खातों में 109 करोड़ रुपए देने का दावा किया गया था। लेकिन गुरुवार को कृषि विभाग ने केवल &8 हजार 80& किसानों को ही शुक्रवार को 9& करोड़ 59 लाख 82 हजार 979 रुपए ट्रांसफर किए जाने की जानकारी दी। इसके आंकड़े भी तहसीलवार जारी नहीं किए गए। इससे यह सामने नहीं आ सका कि किस तहसील के कितने किसान लाभान्वित होंगे। उप संचालक कृषि एमपीएस चंद्रावत के अनुसार योजनान्तर्गत 18 सितंबर बीमा भुगतान कार्यक्रम कृषि उपज मंडी प्रांगण में सुबह 10.30 बजे से आयोजित किया जाएगा। कार्यक्रम में सुबह 11 बजे से खरीफ 2019 की बीमा दावा राशि का वितरण उÓजैन जिले से वन क्लिक के माध्यम से मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान तथा कृषि मंत्री कमल पटेल द्वारा किया जाएगा। इसके बाद मुख्यमंत्री किसानों को संबोधित करेंगे। एलइडी के माध्यम से इसका सीधा प्रसारण दिखाया जाएगा। कार्यक्रम में जिले के 38 हजार 803 किसानों के खातों में 93 करोड़ 59 लाख 82 हजार 979 रुपए ट्रांसफर की जाएगी। कार्यक्रम स्थल पर 11 काउंटर लगाए जाएंगे। जहां पर विभागीय अधिकारी एवं ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों द्वारा किसानों को फसल बीमा दावा राशि संबंधित जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी।
75 प्रतिशत राहत राशि अब भी मिलना बाकी
बीते साल खरीफ की मुख्य फसल सोयाबीन के अलावा उड़द और मूंग का उत्पादन भी प्रभावित हुआ था। तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने किसानों की आर्थिक सहायता के नाम पर 25 प्रतिशत राहत राशि उनके खातों में जमा कराई थी। बची 75 प्रतिशत राशि भी भविष्य में देने का वादा किया गया था, लेकिन इस बीच राÓय में सत्ता परिवर्तन हो गया और यह मामला अधर में लटक गया। इस दौरान किसान संगठन कई बार यह मांग दोहरा चुके कि उन्हें बीते साल की राहत राशि दी जाए, लेकिन सुनवाई नहीं हो रही।
बीमा लाभ से नहीं काटी जाए वसूली की राशि
इधर, किसान कांग्रेस ने मांग की है कि किसानों को शुक्रवार को दिए जा रहे वर्ष 2019 के बीमा लाभ में से बकाया ऋण की वसूली की राशि नहीं काटी जाए। जितनी रकम जारी हो रही है, वह पूरी किसान को दी जाए। संगठन के प्रदेश महासचिव मोहन विश्नोई ने गुरुवार को बयान जारी कर कहा कि भोपाल संभाग में 15 सितंबर को आदेश जारी किया गया है कि बीमा लाभ की राशि में से बकाया वसूली की जाए। विश्नोई ने इस पर आपत्ति जताई कि संक्रमण काल में किसान ने अपनी मेहनत से देश की अर्थव्यवस्था को बल दिया। ऐसी स्थिति में उसके खाते से वसूली राशि काटना न्यायोचित नहीं है। विश्नोई ने मांग की है कि सरकार ऐसे तुगलकी फरमान वापस ले, वरना संगठन को आंदोलन करने को मजबूर होना पड़ेगा।
वर्ष 2018 का बीमा लाभ भी कम मिला था
वर्ष 2018 में जिले में अल्पवृष्टि हुई थी। इसके चलते सोयाबीन, उड़द व मक्का का उत्पादन प्रभावित हुआ था। तब 57564 किसानों का बीमा प्रीमियम जमा हुआ था। अप्रेल 2020 में एग्रीकल्चर इंस्योरेंस कंपनी लिमिटेड ने जिले के 9450 किसानों के लिए 28 करोड़ 70 लाख 91 हजार 239 रुपए जारी किए थे। ज्ञात हो कि बैंक के स्कैल ऑफ फाइनेंस (बीमा ऋणमान) के अनुसार किसान के खाते से प्रीमियम के रूप में दो प्रतिशत राशि जमा की जाती है। आठ प्रतिशत अंशदान केंद्र व राÓय सरकार का रहता है। यानि किसी बैंक का स्कैल ऑफ फाइनेंस यदि &5 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर है तो एक हेक्टेयर भूमि के लिए इस राशि का 2 प्रतिशत प्रीमियम जमा होगा। 100 प्रतिशत नुकसान पर 80 प्रतिशत बीमा लाभ दिया जाता है। बताया जाता है कि यदि किसान का नुकसान 100 प्रतिशत हुआ है तो उसका क्लैम 80 प्रतिशत माना जाता है। अलग-अलग पटवारी हल्के के अनुसार यह घटता-बढ़ता है। क्लैम की गणना में बीमा कंपनी 7 साल के थे्रसोल्ड उपज (फसल कटाई प्रयोग) के आंकड़ों (हल्कावार) में से 5 साल के आंकड़े लेती है। वहीं उसी हल्के का चालू वर्ष का वास्तविक उत्पादन भी लिया जाता है। थ्रेसोल्ड उपज के आंकड़ों में से वास्तविक उपज के आंकड़े को घटाकर उसे थे्रसोल्ड के आंकड़े से भाग किया जाता है। जो आंकड़ा निकलता है उसे स्कैल ऑफ फाइनेंस की राशि से गुणा कर सामने आने वाली राशि किसान को क्लैम के रूप में दी जाती है। हल्कावार फसल कटाई प्रयोग के आंकड़े अलग आने से सभी किसानों को एक जैसा क्लैम नहीं मिलता।

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