पट्टे पर कब्जा कर किया दीवार का निर्माण –
हितग्राही गणेश एवं उनकी पत्नी दोनों आंशिक रूप से दिव्यांग है। गरीब मजदूर वर्ग के होने के चलते उन्हें प.ह.न. 10 के खसरा नंबर 46 6 /2 में 18 बाय 19 फीट का पट्टा मुख्यमंत्री आश्रय योजना के अंतर्गत जुलाई 2008 में दिया गया था। उनका मकान जीर्ण क्षीर्ण होने के कारण प्रधानमंत्री आवास के तहत स्वीकृत हुआ है। लेकिन पट्टे की जगह पर पड़ोस के व्यक्ति शिव रमेश कहार द्वारा अवैध रूप से 5 से 7 फीट कब्जा कर लिया गया है। कब्जा करते हुए पट्टे के आहते में दीवार का निर्माण भी कर दिया है। ऐसे में दिव्यांग हितग्राही आवास का निर्माण नहीं कर पा रहे है। राशि मिलने के बावजूद अवैध अतिक्रमण के कारण उनके आवास का निर्माण नही हो पा रहा है। जिसके चलते हितग्राही खासे परेशान है।
हितग्राही गणेश एवं उनकी पत्नी दोनों आंशिक रूप से दिव्यांग है। गरीब मजदूर वर्ग के होने के चलते उन्हें प.ह.न. 10 के खसरा नंबर 46 6 /2 में 18 बाय 19 फीट का पट्टा मुख्यमंत्री आश्रय योजना के अंतर्गत जुलाई 2008 में दिया गया था। उनका मकान जीर्ण क्षीर्ण होने के कारण प्रधानमंत्री आवास के तहत स्वीकृत हुआ है। लेकिन पट्टे की जगह पर पड़ोस के व्यक्ति शिव रमेश कहार द्वारा अवैध रूप से 5 से 7 फीट कब्जा कर लिया गया है। कब्जा करते हुए पट्टे के आहते में दीवार का निर्माण भी कर दिया है। ऐसे में दिव्यांग हितग्राही आवास का निर्माण नहीं कर पा रहे है। राशि मिलने के बावजूद अवैध अतिक्रमण के कारण उनके आवास का निर्माण नही हो पा रहा है। जिसके चलते हितग्राही खासे परेशान है।
सीएम हेल्पलाइन में दी झूठी जानकारी –
अपने पट्टे पर अतिक्रमण को लेकर हितग्राही गणेश द्वारा 10 सितंबर को सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत की गई थी। इसके बाद नगर परिषद के कर्मचारियों द्वारा निराकरण नहीं करते हुए झूठी जानकारी दी गई। हितग्राही को सीएम हेल्पलाइन से सूचना मिली कि सीएमओ द्वारा समस्या का निराकरण कर दिया गया है। लेकिन वास्तव में उनकी निराकरण नहीं हो सका है। इस प्रकार नगर परिषद द्वारा सीएम हेल्पलाइन पर भी झूठी व गलत जानकारी दी गई। अब ऐसे में हितग्राही को सीएम तक समस्या पहुंचाने के बाद भी स्थानीय अधिकारी कर्मचारियों की हठधर्मिता के चलते लाभ नहीं मिल पा रहा है।
अपने पट्टे पर अतिक्रमण को लेकर हितग्राही गणेश द्वारा 10 सितंबर को सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत की गई थी। इसके बाद नगर परिषद के कर्मचारियों द्वारा निराकरण नहीं करते हुए झूठी जानकारी दी गई। हितग्राही को सीएम हेल्पलाइन से सूचना मिली कि सीएमओ द्वारा समस्या का निराकरण कर दिया गया है। लेकिन वास्तव में उनकी निराकरण नहीं हो सका है। इस प्रकार नगर परिषद द्वारा सीएम हेल्पलाइन पर भी झूठी व गलत जानकारी दी गई। अब ऐसे में हितग्राही को सीएम तक समस्या पहुंचाने के बाद भी स्थानीय अधिकारी कर्मचारियों की हठधर्मिता के चलते लाभ नहीं मिल पा रहा है।
नहीं दी शिकायत की पावती, जेल भेजने की धमकी –
अपनी शिकायत लेकर हितग्राही 12 सितंबर को जनसुनवाई में भी पहुंचे थे। जहां पर नगर परिषद के अधिकारी कर्मचारियों द्वारा हितग्राही से आवेदन लेे लिया। जब हितग्राही द्वारा आवेदन की पावती मांगी गई तो मौजूद प्रतिनिधि द्वारा कहा गया कि मामले का निराकरण कर रहे तो पावती की क्या आवश्यकता है। इस प्रकार कहकर जनसुनवाई से भी चलता कर दिया गया। लेकिन निराकरण नहीं किया गया। यही नहीं उन्होंने नपं के ३ कर्मचारियों की नामजद शिकायत करते हुए बताया कि उनके द्वारा पट्टे व योजना में नाम निरस्त करवाते हुए हुए जेल भेजने की धौंस धमकियां भी दी गई। हितग्राही द्वारा 13 सितंबर को अनुविभागीय अधिकारी से अतिक्रमण हटाने की गुहार लगाई है। इस प्रकार दिव्यांग दंपति को अपने आवास निर्माण को पूर्ण करने के लिए यहां वहां भटकना पड़ रहा है। लेकिन उनकी समस्याओं का निराकरण नहीं किया जा रहा है।
अपनी शिकायत लेकर हितग्राही 12 सितंबर को जनसुनवाई में भी पहुंचे थे। जहां पर नगर परिषद के अधिकारी कर्मचारियों द्वारा हितग्राही से आवेदन लेे लिया। जब हितग्राही द्वारा आवेदन की पावती मांगी गई तो मौजूद प्रतिनिधि द्वारा कहा गया कि मामले का निराकरण कर रहे तो पावती की क्या आवश्यकता है। इस प्रकार कहकर जनसुनवाई से भी चलता कर दिया गया। लेकिन निराकरण नहीं किया गया। यही नहीं उन्होंने नपं के ३ कर्मचारियों की नामजद शिकायत करते हुए बताया कि उनके द्वारा पट्टे व योजना में नाम निरस्त करवाते हुए हुए जेल भेजने की धौंस धमकियां भी दी गई। हितग्राही द्वारा 13 सितंबर को अनुविभागीय अधिकारी से अतिक्रमण हटाने की गुहार लगाई है। इस प्रकार दिव्यांग दंपति को अपने आवास निर्माण को पूर्ण करने के लिए यहां वहां भटकना पड़ रहा है। लेकिन उनकी समस्याओं का निराकरण नहीं किया जा रहा है।
इनका कहना है-
दोनो पक्षों को कार्यालय में बुलाकर समझौता कराया गया था। मामले को पुन: दिखवाया जाएगा।
एआर सांवरे, सीएमओ, नपं खिरकिया
दोनो पक्षों को कार्यालय में बुलाकर समझौता कराया गया था। मामले को पुन: दिखवाया जाएगा।
एआर सांवरे, सीएमओ, नपं खिरकिया