पयुर्षण पर्व में सेवाएं देने वाले स्वाध्यायियों का किया बहुमान
खिरकिया. जैन श्वेताम्बर श्रीसंघ के पयुर्षण पर्व की समाप्ति पर बहुमान कार्यक्रम का आयोजन जैन मांगलिक भवन में किया गया। पर्व के दौरान सेवाएं देने वाले विभिन्न शहरों से आए स्वाध्यायी समाजजनों का सम्मान किया गया। जिसमें इंदौर के स्वाध्यायी लवीश गुरू का बहुमान समाज के संरक्षक नगीनचंद भंडारी, हरीष नागड़ा, अमरचंद मेहता, अमोलकचंद चोपड़ा, रमणलाल चोपड़ा, मंत्री अशोक भंडारी, कोषाध्यक्ष निर्मल विनायक द्वारा किया गया। चित्तौड से आई स्वाध्यायी सुमित्रा मेहता, सरला पोखरना, चंदा सुराना, पुष्पा पोखरना का बहुमान समाज की शांतादेवी चौरडिय़ा, सरला बनवट, रश्मि श्रीश्रीमाल, प्रभा शाह, विमलादेवी रैदासनी, संतोषदेवी मुणोत, उज्जवला बाफना, पुष्पा कोचर द्वारा संघ की ओर से अभिनंदन किया। इस दौरान बताया कि स्वाध्यायी का मतलब स्वयं का अध्ययन करना होता है। जिन स्थानों पर जैन संतों सतियों का चातुर्मास नहीं मिल पाता है, उन स्थानों पर स्वाध्यायी पहुंचकर 8 दिन धर्म, ध्यान, प्रवचन, स्वध्याय, प्रतिक्रमण सहित अन्य अनुष्ठानों से धर्म का बोध कराते है। इस दौरान महावीर महिला मंडल एवं समता महिला मंडल द्वारा भजनों की प्रस्तुती दी गई। संघ की ओर से कोषाध्यक्ष निर्मल विनायक ने आभार माना। धर्मदास गण परिषद की ओर से स्वाध्यायी बनकर चारूवा गए श्रावक अनिल मुणोत, पंकज खिवसरा का श्रीसंघ खिरकिया द्वारा साधुवाद दिया गया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में समाजजन मौजूद थें। कार्यक्रम का संचालन आशीष जैन ने किया।
खिरकिया. जैन श्वेताम्बर श्रीसंघ के पयुर्षण पर्व की समाप्ति पर बहुमान कार्यक्रम का आयोजन जैन मांगलिक भवन में किया गया। पर्व के दौरान सेवाएं देने वाले विभिन्न शहरों से आए स्वाध्यायी समाजजनों का सम्मान किया गया। जिसमें इंदौर के स्वाध्यायी लवीश गुरू का बहुमान समाज के संरक्षक नगीनचंद भंडारी, हरीष नागड़ा, अमरचंद मेहता, अमोलकचंद चोपड़ा, रमणलाल चोपड़ा, मंत्री अशोक भंडारी, कोषाध्यक्ष निर्मल विनायक द्वारा किया गया। चित्तौड से आई स्वाध्यायी सुमित्रा मेहता, सरला पोखरना, चंदा सुराना, पुष्पा पोखरना का बहुमान समाज की शांतादेवी चौरडिय़ा, सरला बनवट, रश्मि श्रीश्रीमाल, प्रभा शाह, विमलादेवी रैदासनी, संतोषदेवी मुणोत, उज्जवला बाफना, पुष्पा कोचर द्वारा संघ की ओर से अभिनंदन किया। इस दौरान बताया कि स्वाध्यायी का मतलब स्वयं का अध्ययन करना होता है। जिन स्थानों पर जैन संतों सतियों का चातुर्मास नहीं मिल पाता है, उन स्थानों पर स्वाध्यायी पहुंचकर 8 दिन धर्म, ध्यान, प्रवचन, स्वध्याय, प्रतिक्रमण सहित अन्य अनुष्ठानों से धर्म का बोध कराते है। इस दौरान महावीर महिला मंडल एवं समता महिला मंडल द्वारा भजनों की प्रस्तुती दी गई। संघ की ओर से कोषाध्यक्ष निर्मल विनायक ने आभार माना। धर्मदास गण परिषद की ओर से स्वाध्यायी बनकर चारूवा गए श्रावक अनिल मुणोत, पंकज खिवसरा का श्रीसंघ खिरकिया द्वारा साधुवाद दिया गया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में समाजजन मौजूद थें। कार्यक्रम का संचालन आशीष जैन ने किया।