बंजर भूमि का हो रहा उपयोग
रेलवे की बंजर भूमि पर यह कार्य शुरू किया गया है। ग्राउण्ड वाटर रिचार्जिंग के लिए यहां छोटे आकार के तलाबों का निर्माण किया गया। रेलवे ने इस रेल खण्ड के कैचमेंट एरिया का सर्वे किया था। इसमें पाया गया कि स्टेशन में टै्रक से लगी लंबी चौड़ी भूमि इस कार्य के लिए उपयोगी है। रेलवे ने कैचमेंट एरिया के आसपास सघन पौधरोपण करने के प्रयास भी शुरू किए हैं।
रेलवे की बंजर भूमि पर यह कार्य शुरू किया गया है। ग्राउण्ड वाटर रिचार्जिंग के लिए यहां छोटे आकार के तलाबों का निर्माण किया गया। रेलवे ने इस रेल खण्ड के कैचमेंट एरिया का सर्वे किया था। इसमें पाया गया कि स्टेशन में टै्रक से लगी लंबी चौड़ी भूमि इस कार्य के लिए उपयोगी है। रेलवे ने कैचमेंट एरिया के आसपास सघन पौधरोपण करने के प्रयास भी शुरू किए हैं।
रिहायशी क्षेत्र के जलस्रोत होंगे रिचार्ज
सर्वे के दौरान पाया गया था कि वर्षाकाल में स्टेशनों एवं इससे लगी कॉलोनियों का बरसाती पानी बह जाता है। जिससे गर्मी में भू-जल का स्तर खासा नीचे चला जाता है। जल कुंड एवं बोरवेल सूख जाते हंै। लोगों को पेयजल संकट का सामना करना पड़ता है। छोटे तालाबों का निर्माण होने से यह समस्या दूर होने की संभावना है।
सर्वे के दौरान पाया गया था कि वर्षाकाल में स्टेशनों एवं इससे लगी कॉलोनियों का बरसाती पानी बह जाता है। जिससे गर्मी में भू-जल का स्तर खासा नीचे चला जाता है। जल कुंड एवं बोरवेल सूख जाते हंै। लोगों को पेयजल संकट का सामना करना पड़ता है। छोटे तालाबों का निर्माण होने से यह समस्या दूर होने की संभावना है।
१०८ एकड़ में फैले जिले के सबसे बड़े तालाब की जेसीबी से शुरू की सफाई
हंडिया. हीरापुर के तालाब की रंगत जल्द ही बदल जाएगी। १०८ एकड़ में फैले जिले के इस सबसे बड़े तालाब को न केवल गहरा किया जा रहा है बल्कि यहां पसरे अवैध कब्जे भी हटाए जाने की बात कही गई है। शुक्रवार को जेसीबी से तालाब की साफ-सफाई का काम शुरू कर भी दिया गया।
तहसीलदार अर्चना शर्मा की पहल पर तालाब के जीर्णाेद्धार का यह काम शुरू किया गया है। कई सालों से तालाब पर ध्यान नहीं दिया जा रहा था। तालाब में पानी कम होने से आसपास की सैंकड़ों एकड़ जमीन में जलस्तर कम होता जा रहा था। तालाब सिकुड़ भी रहा था जिससे इस तालाब से सिंघाड़े व मछली का व्यापार करने वाले परिवारों के सामने रोजी-रोटी का संकट मंडराने लगा था। ग्रामीणों ने अपनी परेशानी से हंडिया तहसीलदार अर्चना शर्मा को अवगत कराया। इसपर तहसीलदार शर्मा ने एसडीएम एचएस चौधरी से चर्चा की और तालाब की तस्वीर बदल देने की योजना बनाई। इसके अंतर्गत जनसहयोग से तालाब के गहरीकरण से शुरूआत करने पर सहमति बनी। शुक्रवार से यह काम शुरू कर भी दिया गया। जेसीबी से तालाब का गहरीकरण कार्य शुरू किया गया। एसडीएम एचएस चौधरी और तहसीलदार अर्चना शर्मा ने खुद इस काम की मानीटरिंग की। तहसीलदार शर्मा ने बताया कि तालाब के आसपास का अतिक्रमण भी हटाया जाएगा।
तालाब के चारों और नाली खोद कर वांउड्री तय की जा रही है जिससे की भविष्य में भी कोई अतिक्रमण नहीं कर सकेगा। इस मौके पर समाजसेवी सुरेश निमारे, भागीरथ निमारे आदि के साथ आरआई संतोष पथोरिया, पटवारी राजनंदनी कुशवाह भी मौजूद रहीं।
हंडिया. हीरापुर के तालाब की रंगत जल्द ही बदल जाएगी। १०८ एकड़ में फैले जिले के इस सबसे बड़े तालाब को न केवल गहरा किया जा रहा है बल्कि यहां पसरे अवैध कब्जे भी हटाए जाने की बात कही गई है। शुक्रवार को जेसीबी से तालाब की साफ-सफाई का काम शुरू कर भी दिया गया।
तहसीलदार अर्चना शर्मा की पहल पर तालाब के जीर्णाेद्धार का यह काम शुरू किया गया है। कई सालों से तालाब पर ध्यान नहीं दिया जा रहा था। तालाब में पानी कम होने से आसपास की सैंकड़ों एकड़ जमीन में जलस्तर कम होता जा रहा था। तालाब सिकुड़ भी रहा था जिससे इस तालाब से सिंघाड़े व मछली का व्यापार करने वाले परिवारों के सामने रोजी-रोटी का संकट मंडराने लगा था। ग्रामीणों ने अपनी परेशानी से हंडिया तहसीलदार अर्चना शर्मा को अवगत कराया। इसपर तहसीलदार शर्मा ने एसडीएम एचएस चौधरी से चर्चा की और तालाब की तस्वीर बदल देने की योजना बनाई। इसके अंतर्गत जनसहयोग से तालाब के गहरीकरण से शुरूआत करने पर सहमति बनी। शुक्रवार से यह काम शुरू कर भी दिया गया। जेसीबी से तालाब का गहरीकरण कार्य शुरू किया गया। एसडीएम एचएस चौधरी और तहसीलदार अर्चना शर्मा ने खुद इस काम की मानीटरिंग की। तहसीलदार शर्मा ने बताया कि तालाब के आसपास का अतिक्रमण भी हटाया जाएगा।
तालाब के चारों और नाली खोद कर वांउड्री तय की जा रही है जिससे की भविष्य में भी कोई अतिक्रमण नहीं कर सकेगा। इस मौके पर समाजसेवी सुरेश निमारे, भागीरथ निमारे आदि के साथ आरआई संतोष पथोरिया, पटवारी राजनंदनी कुशवाह भी मौजूद रहीं।