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जल संरक्षण के लिए ट्रैक किनारे ताल-तलैया बना रहा रेल प्रशासन

locationहरदाPublished: Jul 19, 2019 11:27:02 pm

Submitted by:

sanjeev dubey

– इटारसी-खंडवा रेलखंड पर शुरू किया कार्य, ग्राउंड वाटर रिचार्ज के लिए शुरू की गई पहल

Harda, Harda, Madhya Pradesh, India

Rail Administration on Track Edge Pond

हरदा. रेलवे ने जल संरक्षण की लिए पहल शुरू की है। टै्रक के किनारे ताल तलैया बनाकर यहां बारिश के पानी के संरक्षण के उपाय किए जा रहे हैं। भोपाल मंडल द्वारा इटारसी-खंडवा रेलखंड पर यह कार्य कराए जा रहे हैं। अधिकारिक जानकारी के अनुसार पानी को रोककर उसका दोबारा उपयोग करने के भी कई उपाय किए गए हैं। गड्ढे एवं तालाब बनाकर पानी को रोका जा रहा है। मंडल रेल प्रबंधक उदय बोरवणकर के मार्गदर्शन में तथा वरिष्ठ मंडल इंजीनियर (दक्षिण) गौरव मिश्रा के नेतृत्व में सुरगांव-बंजारी, बरुड़ एवं छनेरा स्टेशनों पर यह कार्य किया गया है। प्रायौगिक तौर पर शुरू इस कार्य को अन्य स्टेशनों के आसपास भी कराया जाएगा।
बंजर भूमि का हो रहा उपयोग
रेलवे की बंजर भूमि पर यह कार्य शुरू किया गया है। ग्राउण्ड वाटर रिचार्जिंग के लिए यहां छोटे आकार के तलाबों का निर्माण किया गया। रेलवे ने इस रेल खण्ड के कैचमेंट एरिया का सर्वे किया था। इसमें पाया गया कि स्टेशन में टै्रक से लगी लंबी चौड़ी भूमि इस कार्य के लिए उपयोगी है। रेलवे ने कैचमेंट एरिया के आसपास सघन पौधरोपण करने के प्रयास भी शुरू किए हैं।
रिहायशी क्षेत्र के जलस्रोत होंगे रिचार्ज
सर्वे के दौरान पाया गया था कि वर्षाकाल में स्टेशनों एवं इससे लगी कॉलोनियों का बरसाती पानी बह जाता है। जिससे गर्मी में भू-जल का स्तर खासा नीचे चला जाता है। जल कुंड एवं बोरवेल सूख जाते हंै। लोगों को पेयजल संकट का सामना करना पड़ता है। छोटे तालाबों का निर्माण होने से यह समस्या दूर होने की संभावना है।
१०८ एकड़ में फैले जिले के सबसे बड़े तालाब की जेसीबी से शुरू की सफाई
हंडिया. हीरापुर के तालाब की रंगत जल्द ही बदल जाएगी। १०८ एकड़ में फैले जिले के इस सबसे बड़े तालाब को न केवल गहरा किया जा रहा है बल्कि यहां पसरे अवैध कब्जे भी हटाए जाने की बात कही गई है। शुक्रवार को जेसीबी से तालाब की साफ-सफाई का काम शुरू कर भी दिया गया।
तहसीलदार अर्चना शर्मा की पहल पर तालाब के जीर्णाेद्धार का यह काम शुरू किया गया है। कई सालों से तालाब पर ध्यान नहीं दिया जा रहा था। तालाब में पानी कम होने से आसपास की सैंकड़ों एकड़ जमीन में जलस्तर कम होता जा रहा था। तालाब सिकुड़ भी रहा था जिससे इस तालाब से सिंघाड़े व मछली का व्यापार करने वाले परिवारों के सामने रोजी-रोटी का संकट मंडराने लगा था। ग्रामीणों ने अपनी परेशानी से हंडिया तहसीलदार अर्चना शर्मा को अवगत कराया। इसपर तहसीलदार शर्मा ने एसडीएम एचएस चौधरी से चर्चा की और तालाब की तस्वीर बदल देने की योजना बनाई। इसके अंतर्गत जनसहयोग से तालाब के गहरीकरण से शुरूआत करने पर सहमति बनी। शुक्रवार से यह काम शुरू कर भी दिया गया। जेसीबी से तालाब का गहरीकरण कार्य शुरू किया गया। एसडीएम एचएस चौधरी और तहसीलदार अर्चना शर्मा ने खुद इस काम की मानीटरिंग की। तहसीलदार शर्मा ने बताया कि तालाब के आसपास का अतिक्रमण भी हटाया जाएगा।
तालाब के चारों और नाली खोद कर वांउड्री तय की जा रही है जिससे की भविष्य में भी कोई अतिक्रमण नहीं कर सकेगा। इस मौके पर समाजसेवी सुरेश निमारे, भागीरथ निमारे आदि के साथ आरआई संतोष पथोरिया, पटवारी राजनंदनी कुशवाह भी मौजूद रहीं।
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