हरदा। अंचल में सोमवार रात से शुरू हुआ बारिश का दौर मंगलवार देर रात तक जारी रहा। रूक-रूककर हुई तेज बरसात से नदी-नाले उफान पर आ गए। सड़क संपर्क टूटने से शहर टापू में तब्दील हो गया। प्रशासन ने एहतियात के तौर पर अजनाल किनारे की निचली बस्तियों के लोगों को घरों से निकालकर राहत शिविरों में ठहराया। जिले के दस गांवों में भी बाढ़ के प्रकोप के चलते बस्तियों को खाली कराया गया।बीती रात से शुरू हुई बारिश को इस सीजन की सबसे जोरदार बारिश बताया जा रहा है। वनांचलों में झमाझम बारिश होने से अजनाल, माचक, सुकनी सहित अन्य नदियों में तेजी से जलस्तर बढ़ा। दोपहर 12 बजे तक ग्रामीण क्षेत्रों के अधिकतर रास्ते बंद हो गए। दोपहर 1 बजे इंदौर-बैतूल राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित कबीट वाला नाला उफान पर आने से आवागमन बंद हो गया। होशंगाबाद रोड पर पीलियाखाल नाले व खिड़कीवाला नाले में बाढ़ आने से टै्रफिक थम गया।शाम होने तक खंडवा रोड पर अजनाल का पानी आने से आवागमन बंद हो गया। रन्हाई रोड सहित गांवों की ओर जाने वाले अन्य रास्ते भी बंद हो गए। शहर में पानी निकासी थम गई। झमाझम बारिश से नालियों का पानी सड़कों पर बहने लगा। सड़कें ताल-तलैया बन गई। तेज बारिश से देरशाम बाढ़ के हालात उत्पन्न होने के बाद कलेक्टर रजनीश श्रीवास्तव ने निचली बस्तियों का जायजा लिया। उन्होंने बताया कि यहां के लोगों को राहत शिविरों में पहुंचाया जा रहा है। जिले के दस गांवों में भी बाढ़ का प्रकोप है। यहां भी राहत कार्य जारी हैं। कलेक्टर ने बताया कि एडीएम, जिपं सीईओ, एसडीएम, तहसीलदार, नायब तहसीलदार को पूरी रात बाढ़ की स्थिति पर नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं।