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शासकीय जमीन की कमी को दूर करने वीरान गांव को ्करें आबाद, खुल सकेंगे विकास के मार्ग

locationहरदाPublished: Aug 08, 2020 09:05:02 pm

Submitted by:

gurudatt rajvaidya

मंत्री कमल पटेल से की कॉलेज एवं स्टेडियम निर्माण की मांग

शासकीय जमीन की कमी को दूर करने वीरान गांव को ्करें आबाद, खुल सकेंगे विकास के मार्ग

मंत्री कमल पटेल से की कॉलेज एवं स्टेडियम निर्माण की मांग

खिरकिया. नगर में शासकीय भूमि का अभाव है। कई योजनाएं एवं विकास कार्य भूमि की कमी से मूर्त रूप नहीं ले पा रहे है। ऐसे में नगर के छीपाबड़ से सटे वीरान गांव बसंतपुरा को आबाद करने की मांग नागरिक कर रहे हैं। छीपाबड़ और पोखरनी के मध्य स्थित बसंतपुरा में शासकीय जमीन उपलब्ध है।जहां योजनाओं का क्रियांवयन किया जा सकता है। इस गांव को बसाकर शहर में शामिल कर विकास के मार्ग खुल सकते है। वीरान बसंतपुरा को फिर से बसाने के लिए लगभग 20 एकड़ शासकीय भूमि गांव में मौजूद है। वर्तमान में बसंतपुरा के कई किसानों के मकान नहीं हैं। उनके पास मकान बनाने के लिए पर्याप्त जगह नहीं है। ऐसे में बसंतपुरा को आबाद करने से न सिर्फ आबादी क्षेत्र बढ़ेगा, बल्कि विकास के मार्ग भी खुलेंगे। इसके अलावा नगर में भूमि का अभाव होने पर छीपाबड़ में स्थित भूमि पर कॉलेज निर्माण की मांग की जा रही है। इस संबंध में छीपाबड़ विकास समिति के सदस्यों ने कृषि मंत्री से भी मुलाकात की है।
छीपाबड़ में मुख्य मार्ग पर हो कॉलेज व स्टेडियम निर्माण-
हाल ही में कृषि मंत्री कमल पटेल ने कॉलेज निर्माण के लिए जमीन ढूंढने के निर्देश प्रशासनिक अधिकारियों को दिए है। जिस पर अधिकारियों द्वारा नगर में कालेज के लिए भूमि भी देखी जा रही है। ऐसे में अब छीपाबड़ के नागरिकों द्वारा मुख्य मार्ग पर कॉलेज निर्माण की मांग की जा रही है। छीपाबड़ में खंडवा मार्ग पर पॉवर हाउस के पास लगभग 36 एकड़ शासकीय जमीन है। जिसे शासकीय कालेज व स्टेडियम के लिए चिह्नित की जा सकती है। इसमें से दो एकड़ जमीन बिजली पावर प्लांट के लिए ली जा चुकी है। कालेज के लिए कम से कम 10 एकड़ जमीन की आवश्यकता हैं। खिरकिया में इतने रकबे में शासकीय भूमि नहीं है, जबकि छीपाबड़ में सरकारी जमीन पर्याप्त है। इसमें कॉलेज एवं स्टेडियम दोनों का निर्माण किया जा सकता है। इस जमीन के दोनों ओर रोड है। ऐसे में इस भूमि का उपयोग किया जा सकता है।
जिले के नक्शे में दर्ज नहीं है छीपाबड़-
छीपाबड़ विकास समिति के अध्यक्ष महेश तिवारी ने बताया कि छीपाबड़ गांव क्षेत्र का पुरातन गांव है, जो वर्तमान में खिरकिया नगर परिषद में सम्मिलित है। जिसे नगरीय क्षेत्र का दर्जा प्राप्त है। नगर के पांच वार्ड छीपाबड़ से आते है, किंतु जिले के नक्शे में दिखाया नहीं गया और नगर पंचायत में भी मात्र खिरकिया का ही उल्लेख होता है। उन्होंने मांग की हैै कि छीपाबड़ गांव कलेक्ट्रेट में लगे नक्शे में अंकित हो और भविष्य में नगर पंचायत खिरकिया छीपाबड़ लिखा जाए, ताकि छीपाबड़ को पहचान मिल सके।
कृषि मंत्री से की मुलाकात, रखी मांग
छीपाबड़ विकास समिति ने कृषि मंत्री कमल पटेल से बारंगा पहुंचकर उनके निवास पर भेंट की। इस दौरान उन्होंने उक्त मांगों के अतिरिक्त छीपाबड़ मुक्तिधाम मार्ग निर्माण, कालेज के लिए मुख्य मार्ग पर जमीन, महाराणा चौक पर सुलभ कम्प्लेक्स निर्माण और छीपाबड़ का नाम मुख्य नक्शे में शामिल करने की मांग की है। समिति के अध्यक्ष शिक्षक महेश तिवारी ने बताया कि छीपाबड़ के सम्मान के लिए इन मांगों को रखा है। इस दौरान केवलराम मीणा, जगदीश सिंह ठाकुर, प्रमोद राजपूत, जितेंद्र साध, सुरेंद्र आठनेरे, अशोक राजपूत, गोविंद मालाकार, रमेश मीणा सहित अन्य पदाधिकारी शामिल थे।
इनका कहना है
समिति की मांगें उचित है। मांगों के संबंध में विभागीय अधिकारियों से चर्चा की जाएगी। मांगों को शीघ्र पूर्ण करने के प्रयास किए जाएंगे।
कमल पटेल, कृषि मंत्री, मप्र शासन
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