क्षेत्र में न केवल नर्मदा घाटों पर रेत के अवैध उत्खनन का गोरखधंधा बड़े पैमाने पर फलफूल रहा है बल्कि रेत का अवैध स्टाक भी खुलेआम किया जा रहा है। इन दिनों अजनई, वमनई सुरजना ,मनोहरपुरा, भमौरी, गोला, सिगोन, उचान, उढाल, साल्याखेड़ी आदि नर्मदा घाटों के आसपास बड़े पैमाने पर रेत का अवैध स्टाक रखा है। रेत माफिया द्वारा खेत-खलियान एवं वार्डों में हजारों डम्पर रेत का स्टाक जमा कर रखा गया है। रेत चोरी को धंधा बना चुके लोग इस स्टाक के माध्यम से नर्मदा में बाढ़ होने एवं तेज बरसात का दौर चलने पर रेत आपूर्ति करते रहते हैं।
कई गांवों में मिला था अवैध स्टाक
करीब एक माह पूर्व नर्मदा घाटों के समीप के रहवासियों द्वारा अपने घरों में, मोहल्लों में रेत का अवैध स्टाक करने की शिकायत वरिष्ठ अधिकारियों को की गई थी। एडीएम प्रियंका गोयल को जब यह शिकायत मिली तो उन्होंने सुरजना, मनोहरपुरा आदि गांवों का औचक निरीक्षण किया। उनके निरीक्षण के दौरान जगह-जगह रेत के अवैध स्टाक पाए गए। यह देख एडीएम गोयल ने मातहतों को जमकर फटकार लगाते हुए रेत के सभी अवैध स्टाक जब्त करने के निर्देश दिये थे। इस पर खनिज विभाग द्वारा कार्यवाही के नाम पर रस्म अदायगी कर दी गई। परिणामस्वरूप बरसात का दौर शुरू होते ही माफिया ने फिर स्टाक करना शुरू कर दिया।
करीब एक माह पूर्व नर्मदा घाटों के समीप के रहवासियों द्वारा अपने घरों में, मोहल्लों में रेत का अवैध स्टाक करने की शिकायत वरिष्ठ अधिकारियों को की गई थी। एडीएम प्रियंका गोयल को जब यह शिकायत मिली तो उन्होंने सुरजना, मनोहरपुरा आदि गांवों का औचक निरीक्षण किया। उनके निरीक्षण के दौरान जगह-जगह रेत के अवैध स्टाक पाए गए। यह देख एडीएम गोयल ने मातहतों को जमकर फटकार लगाते हुए रेत के सभी अवैध स्टाक जब्त करने के निर्देश दिये थे। इस पर खनिज विभाग द्वारा कार्यवाही के नाम पर रस्म अदायगी कर दी गई। परिणामस्वरूप बरसात का दौर शुरू होते ही माफिया ने फिर स्टाक करना शुरू कर दिया।
पंचायतों को नहीं मिल पा रही रेत
एक ओर बड़े पैमाने पर रेत का अवैध स्टाक कर इसे मनमाने दाम पर बेचने का खुला खेल चल रहा है दूसरी ओर रेत के अभाव में पंचायतों में निर्माण कार्य रुक रहे हैं। तहसील की कई ग्राम पंचायतों में निर्माण कार्य रुके पड़े हैं। सरपंचों का कहना है कि नर्मदा में पंचायतों को विकास कार्य के लिए रेत नहीं मिल पाती जिसके चलते कई मर्तबा काम रोकना पड़ता है। बारिश के सीजन में भी गांवों में छोटे-मोटे निर्माण कार्य चलते रहते हैं। सरपंचों का यह भी कहना है कि रेत के अवैध स्टाकों को जब्त कर आसपास की पंचायतों को रेत दी जानी चाहिए। इससे जिले में विकास को गति मिल सकेगी। वहीं रेत की चोरी करनेवालों पर भी अंकुश लग सकेगा।
एक ओर बड़े पैमाने पर रेत का अवैध स्टाक कर इसे मनमाने दाम पर बेचने का खुला खेल चल रहा है दूसरी ओर रेत के अभाव में पंचायतों में निर्माण कार्य रुक रहे हैं। तहसील की कई ग्राम पंचायतों में निर्माण कार्य रुके पड़े हैं। सरपंचों का कहना है कि नर्मदा में पंचायतों को विकास कार्य के लिए रेत नहीं मिल पाती जिसके चलते कई मर्तबा काम रोकना पड़ता है। बारिश के सीजन में भी गांवों में छोटे-मोटे निर्माण कार्य चलते रहते हैं। सरपंचों का यह भी कहना है कि रेत के अवैध स्टाकों को जब्त कर आसपास की पंचायतों को रेत दी जानी चाहिए। इससे जिले में विकास को गति मिल सकेगी। वहीं रेत की चोरी करनेवालों पर भी अंकुश लग सकेगा।
हाईवे पर बने रेत के पहाड़
रेत माफिया धड़ल्ले से यह काम कर रहा है। जहां-तहां रेत का अवैध स्टाक किया जा रहा है। हाल ये है कि हाईवे पर भी बड़ी मात्रा में रेत जमाकर रखी हुई है। तहसील मुख्यालय पर ही हाईवे के किनारों पर रेत का स्टाक किया गया है। कई जगहों पर तो रेत के ढेर इतने बड़े हैं कि दूर से पहाड़ जैसे प्रतीत होते हैं। रेत के ये पहाड़ हर किसी को दिखते हैं इसके बाद भी अधिकारी इनपर कार्रवाई नहीं करते।
रेत माफिया धड़ल्ले से यह काम कर रहा है। जहां-तहां रेत का अवैध स्टाक किया जा रहा है। हाल ये है कि हाईवे पर भी बड़ी मात्रा में रेत जमाकर रखी हुई है। तहसील मुख्यालय पर ही हाईवे के किनारों पर रेत का स्टाक किया गया है। कई जगहों पर तो रेत के ढेर इतने बड़े हैं कि दूर से पहाड़ जैसे प्रतीत होते हैं। रेत के ये पहाड़ हर किसी को दिखते हैं इसके बाद भी अधिकारी इनपर कार्रवाई नहीं करते।