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स्कूलों के सामने नहीं हैं विद्यार्थियों की सुरक्षा

locationहरदाPublished: Sep 14, 2017 04:57:06 pm

Submitted by:

sanjeev dubey

स्टेट हाईवे की स्कूलों के पास स्पीड ब्रेकर और संकेतक नहीं होने से जनहानि की आशंका बढ़ी, लोगों ने कलेक्टर को दिया ज्ञापन

school-negligence

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खिरकिया. विद्यालयों के पास से नदारद गति अवरोधक एवं संकेतक किसी भी दिन दुर्घटनाओं का कारण बन सकते हैं। स्टेट हाईवे और मुख्य मार्गो पर स्थित विद्यालयों में बच्चों का आवागमन सुरक्षित नहीं है। नगर की अधिकांश शासकीय एवं निजी स्कूलें मुख्य मार्ग पर स्थित हैं। कुछ विद्यालय तो हाईवे पर भी स्थित हैं, लेकिन कहीं पर भी विद्यार्थियों की सुरक्षा को लेकर सजगता नहीं दिख रही है। केवल छात्र-छात्राओं की सुरक्षा को लेकर अनदेखी की जा रही है। उल्लेखनीय है कि नगर में लगभग आधा दर्जन स्कूलें ऐसी हंै जो स्टेट हाईवे या मुख्य मार्ग से जुड़ी हुई हैं। स्कूलों के समीप न तो संकेतक लगा हुआ है और न ही गति अवरोधक बनाए गए हंै। वाहन चालक अंधी रफ्तार में निकलते हैं। विद्यालय लगने व छुट्टी होने के दौरान, मार्गो पर विद्यार्थियों की रेलमपेल लगी रहती है।दुर्घटना का अंदेशा हमेशा बना रहता है। गत दिवस स्टेट हाईवे के दुकानदारों, पालकों द्वारा भी स्पीड ब्रेकर के निर्माण को लेकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया है।
स्टेट हाईवे पर स्थित हैं पांच विद्यालय
होशंगाबाद खंडवा स्टेट हाईवे पर पांच विद्यालय स्थित हैं। जिसमें से तीन शासकीय एवं दो निजी विद्यालय हैं। निजी स्कूल सेंट ज्यूड्स को-एड स्कूल एवं शांति निकेतन हायर सेकंडरी स्कूल मे लगभग डेढ़-डेढ़ हजार से अधिक विद्यार्थी अध्ययनरत् हंै, जबकि शासकीय स्कूलों में भी सैकड़ों विद्यार्थी हैं। इन स्कूलों के पास न तो गति अवरोधक का निर्माण किया गया है एवं न ही विद्यालय के समीप को संकेतक लगाया गया है। स्टेट हाईवे होने की वजह से प्रतिदिन हजारो छोटे बड़े वाहन गुजरते हंै। इसके अलावा विकासखंड के गांव मुहाल, मांदला में भी स्टेट हाईवे पर ही प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाएं स्थित हैं, लेकिन न तो स्कूल प्रबंधन द्वारा कोई संकेतक लगवाया गया और ना ही टोल टैक्स कंपनी द्वारा स्पीड ब्रेकर लगाए गए हंै। ऐसे में बच्चों की जान से खिलवाड़ हो रहा है। बच्चों को यातायात नियमों का भी पता नहीं होता है।
छात्राएं भी नहीं हैं सुरक्षित
नगर की प्रमुख स्कूलों में से एक शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय का हाल भी अन्य स्कूलों की तरह है। नगर की सबसे बड़ी शासकीय स्कूलों में से एक इस विद्यालय में सैकड़ों छात्राएं पढ़ती हैं।यह मुख्य बाजार क्षेत्र मंडी एवं खिरकिया छीपाबड़ मुख्य मार्ग पर समीप स्थित है। इस स्कूल के समीप भी किसी प्रकार का कोई गति अवरोधक नहीं लगाया गया है आए दिन हो रही दुर्घटनाओं को देखने के बावजूद स्कूलों के पास सुरक्षा के इंतजाम नहीं किए गए हैं।
औपचारिक बने अभियान
शासन द्वारा यातायात को सुरक्षित एवं सुचारु बनाने के लिए कई योजनाएं, अभियान चलाए जाते हैं, वहीं इन पर करोड़ों रुपए खर्च करते हैं। किंतु यह अभियान महज औपचारिक बनकर रह जाते हैं। विद्यालय जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्र में यातायात सुरक्षा के लिए कोई पुख्ता व्यवस्था नहीं है। जबकि यह नगर के मुख्य विद्यालय है। जहां पर विद्यार्थियों की संख्या 500 से लेकर 1500 तक है। जहां पर यह व्यवस्था पूर्ण की जाना अति आवश्यक हो गया है।
इनका कहना
मेंटनेंस के दौरान यह कार्य किया जाता है। पूर्व में संकेतक लगाए गए थे। आवश्यकता वाले स्थानों पर संकेतक लगवाए जाएंगे। साथ ही स्पीड ब्रेकर का निर्माण भी कराया जाएगा।
राजीव दुबे, मैनेजर, टोल टैक्स कंपनी, खिरकिया
सुरक्षा की दृष्टि से विद्यालयों के सामने से गुजरने वाले मार्गो पर स्पीड ब्रेकर एवं संकेतक लगाए जाने चाहिए। गत दिवस कलेक्टर महोदय को इस संबंध में ज्ञापन सौंपा गया है। संबंधित विभाग को इसकों लेकर तत्परता से पहल करना चाहिए।
शिवनारायण साध, पूर्व जपं उपाध्यक्ष, खिरकिया
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