जिले में तीन हजार स्व सहायता समूह
जिला पंचायत के संचार समन्वयक राधेश्याम जाट ने बताया कि ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत जिले में लगभग तीन हजार स्व सहायता समूह काम कर रहे हैं। उनके द्वारा अगरबत्ती, जूते, चप्पल, घर सजाने का सामान, बेकरी सामान, सब्जी खेती के साथ ही मछली पालन, गेहूं-चना उपार्जन केंद्र पर कार्य, नर्सरी निर्माण, केचुआ खाद निर्माण, बकरी व मुर्गी पालन केंद्र, स्कूलों के यूनिफार्म बनाने सहित अन्य कार्य किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि रेलवे द्वारा महिलाओं को स्टॉल लगाकर उनके सामानों का विक्रय करने की अनुमति दी जाएगी तो वह आर्थिक रूप से मजबूत होगी।
आर्थिक रुप से मजबूत होगा समूह
भोपाल रेलवे मंडल द्वारा हरदा रेलवे स्टेशन पर स्वसहायता समूह की महिलाओं को उत्पाद बेचने की मंजूरी देने से इन समूह की आर्थिक स्थिति और मजबूत होगी। बताया जाता है कि समूह में काम करने वाली महिलाओं की आमदनी बढ़ेगी साथ ही अन्य महिलाओं को भी काम मिलने लगेगा। बताया जाता है कि जिले में करीब 3 हजार स्व सहायता समूह है। जिसमें सैकड़ों महिलाएं मछली पालन, गेहूं-चना उपार्जन केंद्र पर कार्य, नर्सरी निर्माण, केचुआ खाद निर्माण, बकरी व मुर्गी पालन केंद्र, स्कूलों के यूनिफार्म बनाने सहित अन्य कार्य कर रही हैं।