सिविल सर्जन डॉ. शिरीष रघुवंशी ने बताया कि जिन लोगों को इलाज की जरूरत है, उनके लिए अस्पताल का 07577-222102 नंबर उपलब्ध रखा है। उनके कक्ष में एक स्क्रीन रखी है, जिसे मोबाइल से जोड़ा है। लैंडलाइन पर मरीज के फोन करने के बाद ड्यूटी डॉक्टर द्वारा रोगी के मोबाइल पर वीडियो कॉलिंग कर उससे रोग के संबंध में चर्चा करेंगे। वहीं उसे दवाइयां भी स्टॉफ के द्वारा घर तक पहुंचाई जाएगी।
रेलवे स्वास्थ्य केंद्र के डॉ. नवीन जैन ने बताया कि रेलकर्मियों के परिवार सर्दी-खांसी, बुखार होते ही इलाज कराने के लिए आ रहे हैं। प्रतिदिन अस्पताल में 40 से 45 मरीज आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि रेलवे बोर्ड ने तैयारियां रखने की हिदायत दी है। इसके तहत केंद्र में चार बेड का आइसोलेशन वार्ड तैयार किया जा रहा है, ताकि वायरस का संदिग्ध रोगी मिलते ही उसे इलाज दिया जा सके। उन्होंने बताया कि रेलवे कॉलोनी में मच्छरों के प्रकोप को रोकने के लिए छिड़काव भी कराया जा रहा है। स्टेशन प्रबंधक एचजे पाल ने बताया कि पिछले चार दिनों से रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर तीन पर खड़ी यात्री ट्रेन को सेनेटाइज करने के आदेश मिले थे। इसके तहत उन्होंने कर्मचारियों से शनिवार को ट्रेन की गार्ड बोगी और इंजन को सेनेटाइज कराया। इसके बाद ट्रेन आगे रवाना हुई।
जिला अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती मरीजों को इलाज देने के लिए तीन-तीन नर्सों की ड्यूटी लगाई गई है। इसमें नर्स यशोदा चौकीकर एवं तराना खान सहित अन्य नर्सों को कोरोना वायरस से बचने के लिए विशेष किट दी गई। वहीं चश्मे भी दिए गए हैं। उक्त नर्सें संदिग्ध मरीजों की सेवा में जुटीं हुई हैं।
आठ सैंपल में से चार निगेटिव आए, चार की रिपोर्ट अब भी बाकी
जानकारी के अनुसार जिला अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में 14 मरीज आए थे। इनमें से सात लोग आइसोलेशन में रहकर ठीक हो गए। जबकि विदेश से आए 7 लोगों को अब भी कोरेंटाइन में रखकर निगरानी करके इलाज दिया जा रहा है। इसमें हरदा में चार, सिराली का एक, टिमरनी का एक, नौसर का एक, खिरकिया का एक मरीज शामिल है। जिले के तीनों ब्लाकों में डॉक्टर एवं पैरामेडिकल स्टॉफ द्वारा प्रतिदिन मरीजों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है। इधर, जिला अस्पताल से आठ रोगियों का ब्लड सैंपल एम्स भोपाल भेजा गया था, जिसमें से चार लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आई है। चार मरीजों की रिपोर्ट आना बाकी है। इसके अलावा शहर की एक महिला और एक पुरुष कोरोना का संदिग्ध नजर आने पर उनका ब्लड सैंपल लेकर भोपाल रैफर किया गया था, जिनका इलाज वहां पर चल रहा है।