उपज गिरने पर समेट नहीं पाते है किसान –
किसान अपनी उपज विक्रय के लिए प्लेटफार्म के दोनों ओर से ट्रालियों को सटाकर खड़ा करते है। जहां पर प्लेटफार्म के बीच व्यापारियों द्वारा ट्रालियों से उपज का सैंपल उठाकर बोली लगायी जाती है। इसके बाद उपज को प्लेटफार्म पर पटक दिया जाता है। लगभग एक दर्जन व्यापारियों द्वारा नीलामी में भाग लिया जाता है, जिसमे बड़ी मात्रा में किसानों की उपज प्लेटफार्म पर गिरती है। लेकिन प्लेटफार्म की बदहाल स्थिति के चलते किसान अपनी उपज समेट नहीं पाते है। जितनी उपज किसान हाथों से समेट पाते है, उसे वे अपनी ट्रालियों मे डाल देते है, शेष उपज को मंडी कर्मचारियों द्वारा झाडू लगाकर एकत्रित कर ली जाती है। जो मंडी के राजस्व में शामिल होती है। किसान रवि विश्नोई ने बताया कि एक ट्राली के पास औसतन रूप से 500 ग्राम से अधिक उपज छूट जाती है, जिससे किसानों को नुकसान होता है, इससे मंडी के राजस्व में वृद्धि होती है। जिसके चलते मंडी द्वारा इनका दुरूस्तीकरण नहीं कराया जाता है।
किसान अपनी उपज विक्रय के लिए प्लेटफार्म के दोनों ओर से ट्रालियों को सटाकर खड़ा करते है। जहां पर प्लेटफार्म के बीच व्यापारियों द्वारा ट्रालियों से उपज का सैंपल उठाकर बोली लगायी जाती है। इसके बाद उपज को प्लेटफार्म पर पटक दिया जाता है। लगभग एक दर्जन व्यापारियों द्वारा नीलामी में भाग लिया जाता है, जिसमे बड़ी मात्रा में किसानों की उपज प्लेटफार्म पर गिरती है। लेकिन प्लेटफार्म की बदहाल स्थिति के चलते किसान अपनी उपज समेट नहीं पाते है। जितनी उपज किसान हाथों से समेट पाते है, उसे वे अपनी ट्रालियों मे डाल देते है, शेष उपज को मंडी कर्मचारियों द्वारा झाडू लगाकर एकत्रित कर ली जाती है। जो मंडी के राजस्व में शामिल होती है। किसान रवि विश्नोई ने बताया कि एक ट्राली के पास औसतन रूप से 500 ग्राम से अधिक उपज छूट जाती है, जिससे किसानों को नुकसान होता है, इससे मंडी के राजस्व में वृद्धि होती है। जिसके चलते मंडी द्वारा इनका दुरूस्तीकरण नहीं कराया जाता है।
बढ़ती जा रही प्लेटफार्मो की दुर्दशा –
प्लेटफार्म और शेड संबंधी अव्यवस्थाओं पर मंडी प्रशासन द्वारा ध्यान नहीं दिया जा रहा है, जिससे अव्यवस्थाएं बढ़ रही है। प्लेटफार्मो की दुर्दशा दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। मंडी विकास के नाम पर लाखों रुपए की आय अर्जित करने वाली मंडी समिति द्वारा राशि खर्च नहीं की जा रही है। किसानों द्वारा व्यवस्थाओं में सुधार की मांग की जा रही है। किसानों ने कहा कि प्लेटफार्मो को सुधार कर समतल किया जाना चाहिए, ताकि किसानों को उपज उठाने मे आसानी रहे। मंडी में प्रतिदिन सैकड़ों ट्रालियां उपज विक्रय के लिए आती है। जिसमें विकासखंड ही नहीं बल्कि करीब के किल्लौद, हरसूद एवं जिले की मंडी क्षेत्रों के किसान भी उपज बेचने के लिए आते है, जहां उन्हें असुविधाएं होती है।
प्लेटफार्म और शेड संबंधी अव्यवस्थाओं पर मंडी प्रशासन द्वारा ध्यान नहीं दिया जा रहा है, जिससे अव्यवस्थाएं बढ़ रही है। प्लेटफार्मो की दुर्दशा दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। मंडी विकास के नाम पर लाखों रुपए की आय अर्जित करने वाली मंडी समिति द्वारा राशि खर्च नहीं की जा रही है। किसानों द्वारा व्यवस्थाओं में सुधार की मांग की जा रही है। किसानों ने कहा कि प्लेटफार्मो को सुधार कर समतल किया जाना चाहिए, ताकि किसानों को उपज उठाने मे आसानी रहे। मंडी में प्रतिदिन सैकड़ों ट्रालियां उपज विक्रय के लिए आती है। जिसमें विकासखंड ही नहीं बल्कि करीब के किल्लौद, हरसूद एवं जिले की मंडी क्षेत्रों के किसान भी उपज बेचने के लिए आते है, जहां उन्हें असुविधाएं होती है।
इनका कहना है-
मंडी समिति की बैठक मे प्रस्ताव लेकर प्लेटफार्मों को दुरूस्त कराया जाएगा।
शर्मिला निनामा, सचिव, कृषि उपज मंडी खिरकिया
मंडी समिति की बैठक मे प्रस्ताव लेकर प्लेटफार्मों को दुरूस्त कराया जाएगा।
शर्मिला निनामा, सचिव, कृषि उपज मंडी खिरकिया