लगभग आठ साल पहले इटारसी से खंडवा क्षेत्र का निरीक्षण करने के लिए पूर्व रेलवे महाप्रबंधक महीप कपूर आए थे। इस दौरान शहर के जनप्रतिनिधियों एवं नागरिकों ने ट्रेनों की बोगियां प्लेटफार्म नहीं आने से हो रही परेशानियों स अवगत कराया था। जिस पर उन्होंने वहां मौजूद इंजीनियर और सिग्नल विभाग के अधिकारियों से जानकारी ली थी।उन्होंने बताया था कि प्लेटफार्म नंबर दो पर लगे सिग्नल को यदि आगे की तरफ लगा दिया जाएगा तो बोगियां प्लेटफार्म पर जा जाएंगी। रेलवे जीएम कपूर ने उक्त विभाग के अधिकारियों को शीघ्र सिग्नल का स्थान बदलने के निर्देश दिएथे। किंतु अधिकारियों ने इस कार्यको करने में सालों लगा दिए। लिहाजा, सिग्नल को नहीं हटाने से आज यात्रियों को चढऩे-उतरने में परेशानियां उठानी पड़ रही हैं।
पंजाब और झेलम एक्सप्रेस ट्रेन से जाने के लिए रोजाना यात्रियों को प्लेटफार्म नंबर दो एवं तीन के दोनों तरफ रेलवे लाइन में खड़े रहना पड़ता है। अधिकारियों ने प्लेटफार्म के अंत में इसकी लंबाई तो बढ़ा दी है, लेकिन इसकी उंचाई नहीं की गई। वहीं प्लेटफार्म भी रपटे के रूप में बनाया गया है। यहां आने वाली जनरल बोगियों में महिलाओं, बच्चों व बुजुर्गों को ट्रेन में चढऩेे या उतरने के परेशान होना पड़ता है। कईबार यात्री गिरकर घायल भी हो जाते हैं। प्रतिदिन बड़ी संख्या में लोग रेलवे लाइनों के बीच में खड़े होकर ट्रेन का इंतजार करते हैं। साइड वाली अप ट्रैक से ट्रेनों के निकलने से हादसे की आशंका रहती है।
यात्रियों एवं आम नागरिकों को एक तरफसे दूसरे तरफ जाने के लिए रेल पटरियों में से निकलना पड़ता है। यहां पर बने रेलवे फुटओवरब्रिज की लंबाईबढ़ाने को लेकर पूर्व में इंजीनियरिंग विभाग के अधिकारियों ने निरीक्षण कर एस्टीमेट भी तैयार किया था। किंतु बाद में इस ओर ध्यान नहीं दिए जाने से मामला ठंडे बस्ते में पड़ा हुआ है। वार्ड २९ डॉ. जाकिर हुसैन वार्ड के नागरिकों ने बताया कि प्रतिदिन बच्चों को रेलवे लाइन क्रास करके स्कूल जाना पड़ता है। ट्रेनों की आवाजाही से हादसे की आशंका बनी रहती है। उन्होंने कहा कि रेलवे फुटब्रिज की लंबाईबढ़ाने की मांग सालों से की जा रही है, किंतु रेलवे अधिकारियों द्वारा ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
प्लेटफार्म नंबर पर लगे सिग्नल को आगे की तरफ शिफ्ट किया जाएगा। इस कार्यकी टेंडर प्रक्रिया के साथ ही वर्कआर्डर भी हो चुके हैं। जल्द ही यह काम शुरू हो जाएगा। सिग्नल का स्थान बदलने से ट्रेनों की बोगियां प्लेटफार्मपर खड़ी हो सकेंगी।
नीरज गोयल, सीनियर सेक्शन इंजीनियर, रेलवे सिग्नल विभाग, हरदा