हरदा

बिना योजना के लगा दिए 32 लाख रुपए के सिग्नल, अब पड़े हैं बेकार

नगर पालिका ने पांच जगहों पर लगवाए थे ट्रैफिक सिग्नल

हरदाSep 10, 2018 / 12:08 pm

pradeep sahu

Traffic Signal

हरदा. भोपाल, इंदौर की तर्ज पर यहां के लोगों को ट्रैफिक सिग्नल से यातायात के नियमों का पालन कराने के लिए नगर पालिका ने लाखों रुपए खर्चकर पांच जगहों पर सिग्नल लगवाए थे। किंतु इससे पहले शहर के चौक-चौराहों की स्थिति को लेकर कोई योजना नहीं बनाई गई थी। जगह की कमी के कारण ये सिग्नल अनुपयोगी हो गए हैं। इसकी वजह से यातायात विभाग भी सिग्नलों से लोगों को नियमों का पालन कराने में नाकाम हो रहा है। आज लाखों रुपए के सिग्नल खराब पड़े हुए हैं। इस दिशा में नगर पालिका द्वारा ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
डिवाइडर नहीं होने से हो रहे हादसे- इंदौर-बैतूल राष्ट्रीय राजमार्ग के शहरी हिस्से में डिवाईडर नहीं होने के कारण आए दिन हादसे हो रहे हैं। नागरिकों ने कहा कि शहर के परशुराम चौक से लेकर साईं मंदिर तक डिवाईडर नहीं बनाए गए। इस मार्ग पर आवारा पशुओं के बैठे रहने से वाहन चालक अपनी रास्ता छोड़कर निकलने की कोशिश करता है, जिससे वह दुर्घटना का शिकार हो जाता है। यदि सड़क पर डिवाईडर बन जाएंगे तो दोनों तरफ के हिस्सों से आने-जाने वालों का मार्ग तय हो जाएगा, वहीं दुर्घटनाएं भी कम हो जाएंगी।
जल्दबाजी के कारण विफल हुई योजना – करीब आठ साल पहले नगर पालिका ने सरकारी अस्पताल चौराहा, अंबेडकर चौराहा पर ट्रैफिक सिग्नल लगाने के बाद टांक बंधु चौराहा, परशुराम चौक और खंडवा बायपास चौराहे पर करीब ३२ लाख रुपए की लागत से सिग्नल लगवाए थे। किंतु ये सिग्नल केवल एक साल ही काम कर पाए। बाद में इनके बंद होने के बाद से ये उसी हालत में हैं। सिग्नल चौक-चौराहों पर जगह कम होने के कारण वाहन ठीक से खड़े नहीं हो पाते हैं। जबकि सिग्नलों को लगाने के पहले चौक-चौराहों के आसपास के अतिक्रमण को हटवाया जाना चाहिए था ताकि सड़कें चौड़ी होने से दोनों तरफ के वाहन खड़े हो सकें। किंतु इस दिशा में ध्यान न देकर केवल जल्दबाजी में सिग्नल लगा दिए गए। यही कारण है कि लाखों की यह योजना विफल हो गई।
ठंडे बस्ते में पड़ा ट्रैफिक पार्क- पुलिस ने स्कूली बच्चों को हफ्ते में एक दिन यातायात नियम बताने के लिए ट्रैफिक पार्क योजना बनाई थी, किंतु यह आज भी ठंडे बस्ते में पड़ी हुई है। विभाग ने इंदौर रोड पर स्थित नक्षत्र उद्यान को ट्रैफिक पार्क के लिए चिह्नित किया था। इसमें यातायात नियम को बताने के लिए सिग्नल, जेबरा लाइन सहित अन्य व्यवस्था की जानी थी। इसके लिए प्रति रविवार को यातायात विभाग के कर्मचारी अलग-अलग स्कूलों के बच्चों को नियमों को बता सकें।
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