मिट्टी में पौधों के लिए 16 पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। इन पोषक तत्वों को फसलों की हवा से हाईड्रोजन, आक्सीजन एवं कार्बन मिलता है। इसके अलावा अनेक प्रकार के तत्वों का भंडार मिट्टी में रहता है।
– खेती की मिट्टी की बनावट के अनुसार उसे बांटे एवं 8 से 10 स्थानों को पहले चिन्हित करें।
– प्रत्येक चुने गए स्थानों की ऊपरी सतह पर यदि कूड़ा-करकट या घास इत्यादि हो तो उसे हटा दें। चिन्हित स्थानों को साफ करें और वी आकार का नौ इंच का गहरा गड्ढा करें।
– खुरपी या फावड़े से गड्ढे की तली से एक इंच मोटी मिट्टी की परत निकालें।
– मिट्टी को साफ और सूखे बोरे या तसला में रखें एवं सभी चिन्हित स्थानों की इक_ा मिट्टी को मिला कर मोटी तह में फैला लें।
– मिली हुई मिट्टी के एक समान चार भाग करें, दो भाग रखे, दो भाग छोड़ दें। इस प्रक्रिया को 500 ग्राम मिट्टी शेष नहीं बचने तक दोहराते रहे।
– शेष 500 ग्राम मिट्टी को पॉलीथिन या कपड़े की थैली में सुरक्षित रखें।
– नमूने की एक प्रति अपने पास रखे एवं दूसरे नमूने की प्रति मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला में जांच के लिए भेजे।
नमूने लेते समय रखी जाती सावधानियां
– असामान्य क्षेत्र से नमूना नहीं लें।
– ऐसे खेतों के नमूने नहीं लें, जहां हाल ही में खाद या उर्वरक डाले गए हैं।
– पुरानी मेड़, पेड़, कम्पोस्ट के गड्ढे आदि जगहों से नमूने नहीं लेने चाहिए।
– जहां कतार में फसल उगाई गई हो, वहां कतार के बीच की मिट्टी से नमूना लेना चाहिए।
– मिट्टी बहुल गीली हो तो उस समय नमूना नहीं लेना चाहिए।
– नमूने को खाद के बोरों, ट्रैक्टर की बैटरी, राख, गोबर से दूर रखना चाहिए।
-फसल के लिए खाद एवं उर्वरकों की संतुलित मात्रा का पता लगाने।
-संतुलित मात्रा में उर्वरक डालने से किसान को रूपए की बचत होगी।
-भूमि के खराब होने का खतरा कम रहता है।
-क्षारीय या लवणीय मिट्टी होने की समस्या का पता लग जाता है।
किसान खरीफ एवं रबी सीजन की फसल बोवनी के पहले खेत की मिट्टी का परीक्षण कराते हैं। खिरकिया ब्लॉक के गांवों में पिछले चार सालों में खेतों की मिट्टी के लगभग 25 हजार सैंपल एकत्रित कर हरदा स्थित प्रयोगशाला भेजे हैं। यह सैंपल असिंचित कृषि भूमि में 10 हेक्टेयर एवं सिंचित भूमि में 2 हेक्टेयर से एकत्रित किए गए हैं। इन सैंपल के साथ किसानों की सूची भी तैयार की गई है ताकि मिट्टी सैंपल की जांच रिपोर्ट के बाद उसका प्रमाण पत्र संबंधित किसान को मिल सकें। कृषि विभाग से मिली जानकारी के अनुसार साल 2015-16 में 6 हजार 545, 2016-17 में 6 हजार 596, 2017-18 में 5 हजार 963 और साल 2018-19 में 5 हजार 844 मिट्टी परीक्षण के लिए हरदा भेजी गई।
– मंडी परिसर में नवनिर्मित मिट्टी प्रयोगशाला भवन हाल ही में मंडी बोर्ड ने कृषि विभाग के हस्तांतरित किया है। स्टाफ एवम उपकरण प्राप्त होते ही परीक्षण कार्य प्रारंभ कर दिया जाएगा
संजय जैन,प्रभारी वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी, खिरकिया