इन गांवों में है दिक्कत
विकासखंड के ग्राम पड़वा, पहटकलां, टेमलावाड़ी रैयत, कानपुरा सहित अन्य गांवों में गर्मी के आगमन के साथ ही पेयजल की समस्या आना शुरू हो गई है। इनमें से कुछ गांवों में योजना के नाम पर नल-जल योजना तो है लेकिन उनकी स्थिति अच्छी नहीं है। कुछ गांव में तो नल-जल योजना ही नहीं है। गर्मी के पहले पेयजल आपूर्ति के लिए पीएचई विभाग को जो होमवर्क करना चाहिए वह अब तक विभाग करता नहीं दिख रहा है। विभाग की इस सुस्ती का ुदुष्परिणाम ग्रामीण पेयजल की किल्लत झेलकर उठाएंगे।
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यह है योजनाओं की स्थिति
ग्राम कानपुरा में करीब 7 वर्ष पहले पाइप लाइन डाली गई थी मगर योजना प्रारंभ नहीं हो सकी। गांव में फिलहाल नल-जल योजना बंद पड़ी है। ग्राम पहटकलां में भी योजना अधूरी है। ठेकेदार द्वारा अभी तक कार्य पूर्ण नहीं किया गया है। गांव में कई जगह पाइप लाइन बिछना और नल कलेक्शन होना हैं। गोपालपुरा में भी अभी तक काम अधूरा है। ग्राम पड़वा में गत वर्ष कार्य कराने के बावजूद योजना चालू नहीं है। ग्राम पोखरनी में अभी पूरी पाइप लाइन नहीं बिछी है। करीब 1200 मीटर की लाइन बिछना है।
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इन गांवों में रहती है किल्लत
विकासखंड के गांव पटाल्दा, ज्ञापनादेह, इमलीढ़ाना, लफंगढाना, केवलारी, जादौपुरा, नीमढाना, भवरपानी में हर साल पानी का संकट गहराता है। पानी नहीं मिलने से हजारों लोगों की आफत होती है। यह ऐेसे गांव हैं जहां पर पेयजल आपूर्ति के लिए शासन की कोई ठोस योजना नहीं है। ग्रामीणों को दूर के जलस्रोतों से पानी लाना पड़ता है।
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167 गांवों में से महज 6 0 में ही नल-जल योजना
विकासखंड के अंतर्गत बड़ा ग्रामीण क्षेत्र आता है। यहां पर पेयजल की व्यवस्थाओं का जिम्मा लोक यांत्रिकी विभाग के पास है। विभाग द्वारा 16 7 गांवों में से 6 0 गांवों में ही नल नल योजना है। अन्य गांवों में यह योजना बंद है या फिर वहां काम अधूरा पड़ा है। गांवों में पेयजल के लिए एक मात्र सहारा हैंडपंप हंै। हैंडपंप भी वर्तमान में तकनीकि खामियों से जूझ रहे हंै जो गर्मी में बंद हो जाएंगे।
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उपयंत्री ने किया कार्यों का निरीक्षण
लोक यांत्रिकी विभाग की उपयंत्री ज्योति महोबिया ने ग्राम गोपालपुरा, दामोदरपुरा एवं डेडगांव माल में जाकर नल-जल योजना का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने अधूरी नल-जल योजना सहित अन्य पेयजल के कार्यों को समय सीमा में पूरा करने के निर्देश भी दिए।
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विकासखंड के ग्राम पड़वा, पहटकलां, टेमलावाड़ी रैयत, कानपुरा सहित अन्य गांवों में गर्मी के आगमन के साथ ही पेयजल की समस्या आना शुरू हो गई है। इनमें से कुछ गांवों में योजना के नाम पर नल-जल योजना तो है लेकिन उनकी स्थिति अच्छी नहीं है। कुछ गांव में तो नल-जल योजना ही नहीं है। गर्मी के पहले पेयजल आपूर्ति के लिए पीएचई विभाग को जो होमवर्क करना चाहिए वह अब तक विभाग करता नहीं दिख रहा है। विभाग की इस सुस्ती का ुदुष्परिणाम ग्रामीण पेयजल की किल्लत झेलकर उठाएंगे।
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यह है योजनाओं की स्थिति
ग्राम कानपुरा में करीब 7 वर्ष पहले पाइप लाइन डाली गई थी मगर योजना प्रारंभ नहीं हो सकी। गांव में फिलहाल नल-जल योजना बंद पड़ी है। ग्राम पहटकलां में भी योजना अधूरी है। ठेकेदार द्वारा अभी तक कार्य पूर्ण नहीं किया गया है। गांव में कई जगह पाइप लाइन बिछना और नल कलेक्शन होना हैं। गोपालपुरा में भी अभी तक काम अधूरा है। ग्राम पड़वा में गत वर्ष कार्य कराने के बावजूद योजना चालू नहीं है। ग्राम पोखरनी में अभी पूरी पाइप लाइन नहीं बिछी है। करीब 1200 मीटर की लाइन बिछना है।
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इन गांवों में रहती है किल्लत
विकासखंड के गांव पटाल्दा, ज्ञापनादेह, इमलीढ़ाना, लफंगढाना, केवलारी, जादौपुरा, नीमढाना, भवरपानी में हर साल पानी का संकट गहराता है। पानी नहीं मिलने से हजारों लोगों की आफत होती है। यह ऐेसे गांव हैं जहां पर पेयजल आपूर्ति के लिए शासन की कोई ठोस योजना नहीं है। ग्रामीणों को दूर के जलस्रोतों से पानी लाना पड़ता है।
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167 गांवों में से महज 6 0 में ही नल-जल योजना
विकासखंड के अंतर्गत बड़ा ग्रामीण क्षेत्र आता है। यहां पर पेयजल की व्यवस्थाओं का जिम्मा लोक यांत्रिकी विभाग के पास है। विभाग द्वारा 16 7 गांवों में से 6 0 गांवों में ही नल नल योजना है। अन्य गांवों में यह योजना बंद है या फिर वहां काम अधूरा पड़ा है। गांवों में पेयजल के लिए एक मात्र सहारा हैंडपंप हंै। हैंडपंप भी वर्तमान में तकनीकि खामियों से जूझ रहे हंै जो गर्मी में बंद हो जाएंगे।
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उपयंत्री ने किया कार्यों का निरीक्षण
लोक यांत्रिकी विभाग की उपयंत्री ज्योति महोबिया ने ग्राम गोपालपुरा, दामोदरपुरा एवं डेडगांव माल में जाकर नल-जल योजना का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने अधूरी नल-जल योजना सहित अन्य पेयजल के कार्यों को समय सीमा में पूरा करने के निर्देश भी दिए।
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इनका कहना है
गोपालपुरा एवं कानपुरा में योजना का कार्य चल रहा है। पड़वा में गत वर्ष योजना चालू कर दी गई थी। अभी उसे चेक कराएंगे। अन्य गांवों में पेयजल व्यवस्था कराएंगे। जहां भी योजना का लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल रहा है वहां सुधार कार्य किया जाएगा।
ज्योति महोबिया, उपयंत्री पीएचई खिरकिया
गोपालपुरा एवं कानपुरा में योजना का कार्य चल रहा है। पड़वा में गत वर्ष योजना चालू कर दी गई थी। अभी उसे चेक कराएंगे। अन्य गांवों में पेयजल व्यवस्था कराएंगे। जहां भी योजना का लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल रहा है वहां सुधार कार्य किया जाएगा।
ज्योति महोबिया, उपयंत्री पीएचई खिरकिया