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जिले में 20 से ज्यादा गांवों की 15 हजार हेक्टेयर में लगी सोयाबीन फसल पर खतरा मंडराया

locationहरदाPublished: Sep 04, 2018 12:36:14 pm

Submitted by:

sanjeev dubey

– कीटनाशक भी बेअसर साबित होने से उत्पादन प्रभावित होने की आशंका

Stem fly outbreak on crop

जिले में 20 से ज्यादा गांवों की 15 हजार हेक्टेयर में लगी सोयाबीन फसल पर खतरा मंडराया

हरदा. जिले में खरीफ की मुख्य फसल सोयाबीन के साथ ही उड़द और मूंग पर खतरा मंडरा रहा है। पौधे स्टेम फ्लाई (तना मक्खी) की चपेट में आने से नष्ट हो रहे हैं। इससे उत्पादन प्रभावित होगा। कृषि वैज्ञानिकों की सलाह पर किया जा रहा कीटनाशक का छिड़काव भी बेअसर साबित होने से किसानों की चिंता बढ़ती जा रही है।
उल्लेखनीय है कि करीब एक सप्ताह पूर्व सिराली तहसील के चार गांवों की करीब 700 एकड़ में लगी सोयाबीन व उड़द फसल के बीमारी की चपेट में आने की बात सबसे पहले सामने आई थी। जात्राखेड़ी, धनकार और दीपगांव खुर्द के खेतों में लगी फसल पूरी तरह खराब होने से किसान चिंता में पड़ गए थे। कृषि वैज्ञानिकों के दल ने गांव का भ्रमण कर किसानों को बीमारी से निपटने के लिए कीटनाशक सुझाए थे, लेकिन किसानों का कहना है कि नष्ट हुई फसल पर स्प्रे करने से उन्हें एक बार फिर आर्थिक नुकसान ही झेलना पड़ेगा। किसानों के मुताबिक सोयाबीन एवं उड़द की फसल में पूर्ण रूप से फली नहीं आई। जिन पौधों में आई उनमें फल नहीं आया। बीमारी की रोकथाम के उपाए किए गए, लेकिन फसल की मौजूदा स्थिति देखते हुए अब फायदे की उम्मीद कम है। किसानों का कहना है कि फसल देखकर लागत निकलने की आस भी नहीं रही।
बढ़ता जा रहा बीमारी का दायरा
खरीफ फसलों का निरीक्षण कर रहे आम किसान यूनियन के मुताबिक जिले के 20 से ज्यादा गांव की करीब 15000 हेक्टेयर भूमि पर लगी फसल स्टेम फ्लाई (तना मक्खी) के प्रकोप से पूरी तरह खराब हो गई है। रविवार को यूनियन के दल ने रातातलाई, नयापुरा, चीराखान, हेमापुर, उंचान, उंढाल, साल्याखेड़ी, जोगा, भवरतलाब, भादूगांव, सिगोन, मांगरूल, सगोदा, ढेकी, अजनास, धनगांव, काकरदा आदि गांवों का दौरा किया। इन गांवों में सोयाबीन व उड़द की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई है। मूंग पर भी अनियंत्रित कीट का असर देखा जा रहा है। खेड़ा के किसान संजय कापडिय़ा, रातातलाई के रामू डूडी व चीराखान के किसान संतोष चौहान ने पत्रिका को बताया कि फसल पर चार स्प्रे करने के बावजूद कीट लग गया। अब यह नियंत्रित नहीं हो रहा। पौधों में फली तो बनी लेकिन उसमें फल नहीं आ रहा। आम किसान यूनियन के जिला संयोजक डॉ. जगदीश सारण, केदार सिरोही, राम इनानिया आदि ने प्रशासन से मांग की है कि प्रभावित क्षेत्रों में तत्काल सर्वे शुरू कराया जाए, ताकि किसानों को मुआवजा व बीमा लाभ मिल सके।
मूंग फसल भी आ रही चपेट में
किसानों के मुताबिक मूंग फसल भी रोग की चपेट में आ गई है। इसकी फलियां काली पडऩे लगी है। फसल पर भभूतिया रोग भी दिखाई दे रहा है। जिन फलियों में दाने आ गए वे भी पतले हैं। इससे उत्पादन बेहद प्रभावित होगा।
तीन दिन में नष्ट हो रही फसल
आम किसान यूनियन के जिला संयोजक डॉ. सारण ने बताया कि स्टेम फ्लाई पौधे के तने पर अंडे छोड़ता है। इससे तने का भीतरी हिस्सा खोखला होने लगता है। तीन से चार दिन में फसल पूरी तरह नष्ट हो जाती है। इस बीच कीटनाशक का छिड़काव भी बेअसर साबित होता है।
प्रदर्शनी लगाकर दिखाएंगे खराब फसल
रोग लगने से खराब हो रही फसल को प्रशासन व आमजन को दिखाने के लिए आम किसान यूनियन 5 सितंबर को कृषि उपज मंडी में प्रदर्शनी लगाई जाएगी। इसमें प्रभावित गांवों के किसान खराब फसल के पौधे लेकर पहुंचेंगे।
यह है खरीफ फसल का रकबा
सोयाबीन : १ लाख ४० हजार हेक्टेयर
उड़द : १८ हजार हेक्टेयर
मूंग : २ हजार हेक्टेयर
मक्का १२ हजार हेक्टेयर

इनका कहना है
खरीफ फसल में स्टेम फ्लाई (तना मक्खी) का प्रकोप हर साल होता है। इस बार अधिक है। खेतों का भ्रमण कर किसानों को कीट नियंत्रण की सलाह दी जा रही है।
– डॉ. आरसी शर्मा, प्रभारी, कृषि विज्ञान केंद्र हरदा
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जहां रबी सीजन में चना बोया गया वहां सोयाबीन बोना स्टेम फ्लाई के प्रकोप का कारण बना है। सोयाबीन घना बोने से भी यह रोग बढ़ गया है। जिले में कृषि वैज्ञानिकों की दो टीम निरीक्षण कर किसानों को उचित सलाह देर रही है।
– एमपीएस चंद्रावत, उप संचालक, कृषि विभाग
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