बड़े शहरों की बसें नहीं चलीं
बस ऑपरेटरों का कहना है कि आज डीजल के दाम आसमान छू रहे हैं। टायर व अन्य खर्चे भी दोगुने हो गए हैं। लेकिन बसों का किराया काफी कम है, जिससे उन्हें बसों का संचालन करने में दिक्कतें आ रही हैं। इसलिए ४० प्रतिशत किराया बढऩा बहुत जरुरी है, तभी वह बसें चला पाएंगे। स्थानीय बस स्टैंड से प्रतिदिन लगभग १६० बसों का आना-होना होता है। हड़ताल के कारण इंदौर, खंडवा, होशंगाबाद, बैतूल, देवास की बसें बंद रहीं। जबकि जिले की खिरकिया, टिमरनी, हंडिया, सिराली, रहटगांव तहसील व गांवों में जाने वाली बसों का संचालन जारी रखा गया। बड़े शहरों में जाने वाले यात्रियों को बसों के नहीं चलने से काफी परेशान होना पड़ा। अधिकांश लोगों ने अपनी यात्रा को निरस्त किया।
बस ऑपरेटरों का कहना है कि आज डीजल के दाम आसमान छू रहे हैं। टायर व अन्य खर्चे भी दोगुने हो गए हैं। लेकिन बसों का किराया काफी कम है, जिससे उन्हें बसों का संचालन करने में दिक्कतें आ रही हैं। इसलिए ४० प्रतिशत किराया बढऩा बहुत जरुरी है, तभी वह बसें चला पाएंगे। स्थानीय बस स्टैंड से प्रतिदिन लगभग १६० बसों का आना-होना होता है। हड़ताल के कारण इंदौर, खंडवा, होशंगाबाद, बैतूल, देवास की बसें बंद रहीं। जबकि जिले की खिरकिया, टिमरनी, हंडिया, सिराली, रहटगांव तहसील व गांवों में जाने वाली बसों का संचालन जारी रखा गया। बड़े शहरों में जाने वाले यात्रियों को बसों के नहीं चलने से काफी परेशान होना पड़ा। अधिकांश लोगों ने अपनी यात्रा को निरस्त किया।
४० प्रतिशत बढ़ा तो इंदौर का किराया २०० रुपए होगा
प्रदेश के बस ऑपरेटरों द्वारा डीजल मूल्यवृद्धि को देखते हुए सरकार से ४० प्रतिशत किराया वृद्धि करने की मांग की गई है। वर्तमान में इंदौर जाने वाली साधारण बसों का किराया १५० रुपए तथा एसी का २०० रुपए है। सरकार द्वारा ४० प्रतिशत मांग को माना जाता है तो लोगों को इंदौर का किराया २०० और २५० रुपए देना पड़ेगा। इसी तरह खंडवा, होशंगाबाद, बैतूल, देवास सहित अन्य जगहों के किराए भी बढ़ जाएंगे।
प्रदेश के बस ऑपरेटरों द्वारा डीजल मूल्यवृद्धि को देखते हुए सरकार से ४० प्रतिशत किराया वृद्धि करने की मांग की गई है। वर्तमान में इंदौर जाने वाली साधारण बसों का किराया १५० रुपए तथा एसी का २०० रुपए है। सरकार द्वारा ४० प्रतिशत मांग को माना जाता है तो लोगों को इंदौर का किराया २०० और २५० रुपए देना पड़ेगा। इसी तरह खंडवा, होशंगाबाद, बैतूल, देवास सहित अन्य जगहों के किराए भी बढ़ जाएंगे।
इंदौर जाने वाले यात्री परेशान हुए
खिरकिया. बसों का किराया बढ़ाए जाने को लेकर इंदौर, खंडवा जाने वाली बसों की हड़ताल के चलते यात्रियों को असुविधाओं का सामना करना पड़ा। इंदौर संभाग के शहरों व कस्बों के मध्य चलने वाली बसे हड़ताल के कारण रवाना नहीं हुर्इं। नगर से इंदौर जाने वाली बसें नहीं गईं। लोगों को इंदौर जाने का एकमात्र साधन बस ही है। बसों के नहीं जाने से यात्रियों को अपनी यात्रा स्थगित करनी पड़ी।
यात्रियों ने बयां की अपनी पीड़ा
शहर में रहने वाले सचिन माली ने बताया कि वह पीथमपुर में फैक्ट्री में काम करता है। रविवार को अवकाश होने से वह जरुरी काम से आया था। सुबह इंदौर जाने के लिए बस स्टैंड पर आया तो हड़ताल का पता चला। काम पर नहीं पहुंचने से एक दिन का वेतन कट जाएगा।
जिले के गांव दीपगांव में रहने वाला प्रद्युम्न मीणा इंदौर में पढ़ाई करता है। उसने बताया कि वह घर आया था। सोमवार को उसे कॉलेज में फीस जमा करना थी, लेकिन इंदौर के लिए एक भी बस नहीं मिलने पर वापस घर जाना पड़ रहा है।
इंदौर के रहने वाले गुड्डू कुमार ने बताया कि बेटी को लेकर अपने गांव आया था। सोमवार को वापस लौटना बहुत जरुरी था। बसों की हड़ताल ने पूरा प्लान ही चौपट कर दिया। मेरे के साथ बेटी भी परेशान होती रही। बस नहीं मिलने की वजह से वापस गांव जाना पड़ रहा है।
इंदौर निवासी मक्खनसिंह ने बताया कि वह इंदौर से हरदा में घर के लिए गेहूं खरीदने के लिए आया था। गेहूं की कट्टियां लेकर बस स्टैंड पर सुबह आया तो यहां पर बसों की हड़ताल होना पता चला। लगभग पांच घंटे तक बैठने के बाद भी एक भी बस नहीं मिली।
इनका कहना है
४० प्रतिशत यात्री किराया वृद्धि को लेकर हड़ताल की गई। इसके कारण इंदौर, खंडवा, होशंगाबाद, बैतूल, देवास की बसें बंद रहीं। प्रदेश बस ऑनर्सएसोसिएशन द्वारा मांग को लेकर सरकार से बात की जा रही है। प्रदेश से आदेश मिलने के बाद ही बसों का संचालन किया जाएगा।
भूपेश पटेल, अध्यक्ष, बस ऑनर्सएसोसिएशन, हरदा
खिरकिया. बसों का किराया बढ़ाए जाने को लेकर इंदौर, खंडवा जाने वाली बसों की हड़ताल के चलते यात्रियों को असुविधाओं का सामना करना पड़ा। इंदौर संभाग के शहरों व कस्बों के मध्य चलने वाली बसे हड़ताल के कारण रवाना नहीं हुर्इं। नगर से इंदौर जाने वाली बसें नहीं गईं। लोगों को इंदौर जाने का एकमात्र साधन बस ही है। बसों के नहीं जाने से यात्रियों को अपनी यात्रा स्थगित करनी पड़ी।
यात्रियों ने बयां की अपनी पीड़ा
शहर में रहने वाले सचिन माली ने बताया कि वह पीथमपुर में फैक्ट्री में काम करता है। रविवार को अवकाश होने से वह जरुरी काम से आया था। सुबह इंदौर जाने के लिए बस स्टैंड पर आया तो हड़ताल का पता चला। काम पर नहीं पहुंचने से एक दिन का वेतन कट जाएगा।
जिले के गांव दीपगांव में रहने वाला प्रद्युम्न मीणा इंदौर में पढ़ाई करता है। उसने बताया कि वह घर आया था। सोमवार को उसे कॉलेज में फीस जमा करना थी, लेकिन इंदौर के लिए एक भी बस नहीं मिलने पर वापस घर जाना पड़ रहा है।
इंदौर के रहने वाले गुड्डू कुमार ने बताया कि बेटी को लेकर अपने गांव आया था। सोमवार को वापस लौटना बहुत जरुरी था। बसों की हड़ताल ने पूरा प्लान ही चौपट कर दिया। मेरे के साथ बेटी भी परेशान होती रही। बस नहीं मिलने की वजह से वापस गांव जाना पड़ रहा है।
इंदौर निवासी मक्खनसिंह ने बताया कि वह इंदौर से हरदा में घर के लिए गेहूं खरीदने के लिए आया था। गेहूं की कट्टियां लेकर बस स्टैंड पर सुबह आया तो यहां पर बसों की हड़ताल होना पता चला। लगभग पांच घंटे तक बैठने के बाद भी एक भी बस नहीं मिली।
इनका कहना है
४० प्रतिशत यात्री किराया वृद्धि को लेकर हड़ताल की गई। इसके कारण इंदौर, खंडवा, होशंगाबाद, बैतूल, देवास की बसें बंद रहीं। प्रदेश बस ऑनर्सएसोसिएशन द्वारा मांग को लेकर सरकार से बात की जा रही है। प्रदेश से आदेश मिलने के बाद ही बसों का संचालन किया जाएगा।
भूपेश पटेल, अध्यक्ष, बस ऑनर्सएसोसिएशन, हरदा