माध्यमिक शालाओं में शाला प्रबंधन समिति के माध्यम से कक्षा 6 से 8 तक के बच्चों को गणवेश के लिए उनके खातों में राशि डाली गई है, लेकिन अभी माध्यमिक शालाओं में 70 प्रतिशत बच्चों के पास गणवेश नहीं है। विद्यालयों द्वारा जैसे तैसे खातों का संकलन कर गणवेश की राशि उनके खातों में तो डाल दी गई है, लेकिन उसे निकालने के लिए विद्यार्थियों को परेशान होना पड़ रहा है। स्कूलों में पढ़ाई छोड़कर विद्यार्थियों को राशि निकालने के लिए शहर आना पड़ रहा है। उनके साथ पालक भी परेशान हो रहे है। बैंकों की लाइन में लगे बच्चों को देखा जा सकता है। विद्यार्थियों को गणवेश के लिए पहले ४०० रुपए मिलते थे। लेकिन इस वर्ष से २०० रुपए बढ़ाकर 6 00 रूपए कर दिए गए है। इसमें से उनकी कुछ राशि तो किराया व अन्य खर्च में ही कम हो जाती है। जिससे गणवेश खरीदने के लिए पालकों को अपने पास से भी राशि खर्च करना पड़ता है।
शासन के निर्देशानुसार प्राथमिक शालाओं में कक्षा 1 से 5 तक के बच्चों को मप्र डे राज्य ग्रामीण अजीविका मिशन के तहत कुशल स्व सहायता समूहों व संगठनों द्वारा तैयार गणवेश दी जाना है। इसके बाद उनका वितरण किया जाना है। लेकिन अभी एक भी प्राथमिक शाला में गणवेश नहीं पहुंच सकी है। विद्यार्थियों को गणवेश के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। वर्तमान में शैक्षणिक सत्र को करीब 4 माह बीत चुके है, लेकिन विद्यार्थियों को अब तक गणवेश का इंतजार है।
शासकीय स्कूलों में अध्ययनरत बच्चों को अभी तक गणवेश नहीं मिलने की जानकारी पत्रिका से मिल रही है। विभागीय अधिकारियों से जानकारी ली जाएगी। विद्यार्थियो को शीघ्र गणवेश उपलब्ध कराने के निर्देश दिए जाएंगे।
वीपी यादव, एसडीएम, खिरकिया