कीचड़ एवं दलदल में तब्दील हुआ मार्ग-
गांव के बजरंग मंदिर के सामने नदी पर बना रपटा क्षतिग्रस्त होने से ग्रामीणों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वर्षों पहले पंचायत द्वारा बनाया गया यह रास्ता पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हो चुका है। इस रास्ते से गोंदागांव गंगेश्वरी नर्मदा तट पर जाने का रास्ता भी है । जिसकी लंबाई लगभग 2 किलोमीटर है। यह रास्ता बारिश के दिनों में कीचड़ एवं दलदल में तब्दील हो जाता है। वहीं कई किसानों को अपने खेतों में जाने के लिए भी परेशानी झेलनी पड़ती है।
गांव के बजरंग मंदिर के सामने नदी पर बना रपटा क्षतिग्रस्त होने से ग्रामीणों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वर्षों पहले पंचायत द्वारा बनाया गया यह रास्ता पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हो चुका है। इस रास्ते से गोंदागांव गंगेश्वरी नर्मदा तट पर जाने का रास्ता भी है । जिसकी लंबाई लगभग 2 किलोमीटर है। यह रास्ता बारिश के दिनों में कीचड़ एवं दलदल में तब्दील हो जाता है। वहीं कई किसानों को अपने खेतों में जाने के लिए भी परेशानी झेलनी पड़ती है।
पुल और सड़क के निर्माण से होगी सहुलियत –
सैकड़ों यात्रियों को प्रतिदिन नावघाट गोंदागांव खुर्द से करताना पहुंचने के लिए 15 किमी तय करना पड़ता है। यदि इस मार्ग पर पडऩे वाला पुल और सड़क का निर्माण होता है तो 7 किमी का फासला कम हो जाएगा। इससे आवागमन ग्रामीणों एवं व्यापारियों को काफी सहूूलियत होगी।
सैकड़ों यात्रियों को प्रतिदिन नावघाट गोंदागांव खुर्द से करताना पहुंचने के लिए 15 किमी तय करना पड़ता है। यदि इस मार्ग पर पडऩे वाला पुल और सड़क का निर्माण होता है तो 7 किमी का फासला कम हो जाएगा। इससे आवागमन ग्रामीणों एवं व्यापारियों को काफी सहूूलियत होगी।