ठाकुर ने बताया कि जब पार्लर संचालक उषा को सीसीटीवी के फुटेज दिखाकर बैग उसके यहीं होने की बात कही।किंतु इसके बाद भी वह ना-नुकूर कर रही थी। पुलिस के बढ़ते दबाव के बाद शाम को उषा ने रितु को फोन करके बताया कि उसका बेटा मानसिक रूप से विक्षिप्त है, उसने बैग उठाकर घर की छत पर पटक दिया था। जब वह छत पर गईतो बैग मिला। उषा ने कहा कि उसका बच्चा घर के सामान भी ऐसे ही इधर, उधर फेंक देता है। उषा के पति दयाराम भाटी ने थाने आकर बैग पुलिस को दिया। ठाकुर ने फरियादी रितु व उसके पति को थाने बुलाया। उन्हें बैग में नकदी ४ हजार, सोने की चूडिय़ा, कान के टॉप्स, चांदी की पायजेब और एंड्रायड फोन सही सलामत मिले। ठाकुर ने बताया कि फरियादी रितु द्वारा उषा के खिलाफ रिपोर्ट दर्जनहीं कराईगई। इसलिए उन्होंने रिंतु व उसके पति योगेश को गहने का बैग लौटा दिया। दंपत्ति ने पुलिस की सक्रिय कार्यप्रणाली की सराहना की।