सुखने की कगार पर नदी फिर भी ईट भट्टे के लिए नदी का पानी उपयोग कर रहे व्यापारी
ग्रामीणों ने जताई नाराजगी
सुखने की कगार पर नदी फिर भी ईट भट्टे के लिए नदी का पानी उपयोग कर रहे व्यापारी
आलमपुर. इन दिनों क्षेत्र की अजनाल और हंसावती नदी से लगातार पानी लेकर लोगों के द्वारा ईंटों का निर्माण किया जा रहा है, जिससे पानी सूखने की कगार पर है। ग्रामीणों ने बताया कि कम बारिश होने से नदी में वैसे ही कम पानी है, लेकिन इसके बाद भी आलमपुर, दूधकच्छ, सोडलपुर के बीच अजनाल नदी पर लगभग 8 से 10 जगह ईट बनाने का कार्य चल रहा है। बारिश के दिनों में 4 महीने ही ईंट बनाने का कार्य बंद रहता है, किंतु बाकी लगभग 8 महीने यहां पर बड़े पैमाने पर ईंट का कार्य चलता है।इस वर्ष बारिश कम हुई है एवं नदी का जलस्तर भी इन दिनों ही कम हो गया है तो आगामी दिनों में नदी में क्षेत्र के मवेशियों को पानी पीने के लिए दिक्कतें होंगी। ईंट भट्टे व्यापारियों द्वारा भारी मात्रा में नदी का पानी उपयोग किया जाएगा। एक-एक भट्टे पर लगभग 8 से 10 परिवार यहां अपनी-अपनी टापरी बनाकर रह रहे हैं और ईट बनाने का कार्य कर रहे हैं।एवं ईट पकाने के लिए यह लोग आसपास के क्षेत्रों से लकड़ी भी नियम के विरुद्ध हरे पेड़ों को कटवाकर ट्रालियों से भट्टे पर ला रहे हैं, जिसमें कुछ सूखे हुए पेड़ों से ईट पका ली जाती है।इस संबंध में पटवारी अजय बछोतिया का कहना है कि अभी तक हमें जानकारी नहीं थी। आपके द्वारा जानकारी लगी है। जल्द ही मौके पर जाकर जांच कर कार्रवाई की जाएगी।सरपंच सरपंच केवलराम बुच का कहना है कि यह कार्य राजस्व विभाग का है।पंचायत स्तर पर इन लोगों पर कुछ कार्यवाही नहीं की जा सकती।