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डंपरों की दौड़ से निकल रहा गांवों की सड़कों का दम, ग्रामीणों की मिल रहीं धमकियां

locationहरदाPublished: Feb 14, 2020 07:32:22 pm

Submitted by:

Rahul Saran

-ग्रामीण आवागमन पर जता रहें हैं आपत्ति

hoshangabad, harda, khirkiya, dumper, road, grameen,

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खिरकिया। मार्ग की क्षमता से अधिक क्षमता वाले भारी भरकम वाहनों के परिवहन से ग्रामीण सड़कों का दम निकल रहा है। सड़क जगह-जगह से उधड़ रही हैं जिससे ग्रामीणों का आवागमन दूभर हो रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में डंपरों को क्षमता से अधिक भरकर बेलगाम दौड़ाया जा रहा है जिससे सड़कें चलने लायक नहीं बची हैं।विकासखंड के कई गांवों में सड़कों की हालत दयनीय हो गई है। रोजाना संैकड़ो डंपरों से सड़क छलनी हो रही है मगर प्रशासन के जिम्मेदार अफसर इस तरफ ध्यान नहीं दे रहे हैं। प्रतिबंधित मार्गों पर भी डंपरों का आवागमन हो रहा है मगर जिम्मेदारों को इससे कोई मतलब ही नही है।
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इन गांवों में सड़कों की हालत खराब
क्षेत्र में स्थित गिट्टी खदानों सहित नदियों से रेत भरकर आवागमन करने वाले डंपरों द्वारा गांवों की सड़कों का उपयोग किया जा रहा है, जिससे मार्गों की हालत खस्ता हो गई है। सड़क उधडऩे से ग्रामीणों को आवागमन में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ओवरलोडेड डंपरों के कारण ग्राम मुहालकलां नीमसराय, भिरंगी गेट से हिवाला, बम्हनगांव, धनवाड़ा, सारंगपुर, चौकड़ी सहित अन्य मार्गों की हालत बदतर होती जा रही है। सड़क उधडऩे के बावजूद डंपरों के पहिए नहीं थम रहे हैं।
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सड़क की क्षमता 8 टन, 25 टन के दौड़ रहे डंपर
विकासखंड के उक्त मार्गों से कई क्रेशर मशीनें एवं गिट्टी खदान लगी हुई हैं। यहां से बड़ी मात्रा में बजरी, मुरम एवं गिट्टियों का परिवहन होता है। इन सामग्रियो को डंपर में क्षमता से अधिक भरकर परिवहन करने से सड़कें उधड़ रही हैं। ग्रामीण इलाकों के मार्गों की वजन सहने की क्षमता करीब 8 टन है लेकिन खदानों से तीन गुना अधिक वजनी सामग्री का परिवहन उन सड़कों से हो रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि सड़कों से हर दिन 20 से 25 टन वजनी डंपर नकाले जा रहे हंै। विकासखंड के यह मार्ग कई ग्रामों एवं हजारों एकड़ कृषि भूमि तक पहुंचने मे सहायक हैं। वर्तमान में इन पर जगह-जगह गड्ढे हो गए हैं। जिससे दो पहिया वाहन चालकों सहित अन्य राहगीरों को भी परेशान होना पड़ता है।
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कार्यवाही से बचने ढूंढा विकल्प
अन्य प्रमुख मार्गों पर प्रशासनिक की धरपकड़ का खतरा रहता है। इससे बचने के लिए डंपर चालकों ने विकल्प ढूंढ लिया है।डंपर चालकों द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों की सड़कों निर्माण सामग्री का परिवहन किया जा रहा है। जिसमें पकड़ाने का भय भी नहीं रहता है। ग्रामीण छीपाबड़ से होते हुए पहटकलां, ढोलगांव मार्ग से डंपरों को निकाला जा रहा है। प्रतिदिन बड़ी संख्या में डंपरों का आवागमन देखा जा सकता है। डंपरों के आवागमन से मार्ग भी बदहाल हो रहा है। ये डंपर शासन द्वारा लाखों रुपए की लागत से बनी सड़कों की हालत खराब कर रहे हैं और ओव्हरलोडिंग से राजस्व का चूना भी लगाया जा रहा है। गांवों की सड़कों की चौड़ाई भी कम होने से दुघर्टना की संभावना भी बनी रहती है। —————–
ग्रामीणों से हो रहे विवाद
बम्हनगांव, सारंगपुर, चौकड़ी मार्ग पर इन दिनों भारी वाहनों का खूब आवागमन हो रहा है। रात्रि में इन मार्गों से डंपरों का आवागमन होता है। जब ग्रामीणों द्वारा इस पर आपत्ति ली जाती है तो डंपर चालकों द्वारा ग्रामीणों को धमकाया जाता है। ग्रामीणों द्वारा मार्ग निर्माण के बाद से ही इस मार्ग पर भारी वाहन चलने का विरोध किया जाता रहा है लेकिन प्रशासन द्वारा कोई भी कार्यवाही नहीं की जा रही है। इस संबंध में ग्रामीणों ने शुक्रवार को एसडीएम को ज्ञापन भी सौंपा है। जिसमें उन्होंने मार्ग की दुर्दशा और दुघर्टनाओं का खतरा बताते हुए डंपरों के आवागमन पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। यह ज्ञापन सारंगपुर के सरपंच लक्ष्मीनारायण ठाकुर, मोहन विश्नोई, ओमप्रकाश, लखनलाल सारन, संदीप सारन, राजनारायण सारन सहित अन्य लोगों ने सौंपा है।
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इनका कहना है
गांवों की सड़कों से डंपरों के आवागमन की शिकायत मिली है। यदि प्रतिबंध वाले मार्गों से डंपरों का आवागमन हो रहा है तो यह गलत है। इस संबंध में कार्यवाही की जाएगी।
व्हीपी यादव, एसडीएम खिरकिया
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