scriptजो धन मानव के प्रारब्ध में लिखा है उसेे वही धन मिलता है | The wealth that is written in human destiny gets the same wealth | Patrika News

जो धन मानव के प्रारब्ध में लिखा है उसेे वही धन मिलता है

locationहरदाPublished: Feb 03, 2020 08:24:04 pm

Submitted by:

Rahul Saran

-भागवत कथा का दूसरा दिन

hoshangabad, harda, kartana, bhagwat katha, public

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काकरिया। संसार मे कुछ लोग ऐसा समझने लगे हैं कि पैसा कमाना है तो झूठ, पाप, चोरी और बेईमानी करना पड़ती है। पाप किए बिना पैसा नहीं मिलता है। संत और ग्रंथ कहते हैं कि जो पैसा मानव के प्रारब्ध में है उसे केवल वही धन मिलेगा। मानव अज्ञानता से ऐसा समझता है कि आज मंै झूठ बोला इसलिए मुझे लाभ हुआ, ये बड़ी भूल है। जिसके भाग्य में पैसा लिखा नही है वह हजार झूठ बोले तो भी उसको पैसा नहीं मिलेगा ।
उक्त उद्गार ग्राम रेवापुर में आयोजित भागवत कथा के दूसरे दिन कथावाचक भगवती प्रसाद तिवारी ने व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि भगवान बड़े दयालु हैं। भगवान तो नास्तिक को भी पैसा और सुख देते हंै। जो ऐसा बोलता है कि मैं ईश्वर को नहीं मानता उसको भी भगवान धन, मान और सुख प्रदान करते हैं। प्रभु और सत्य में विश्वास रखो। जो मनुष्य तन और धन को बहुत संवारता है वह संसारी है और जो मन को संवारता है वह संत है। जिसका मन बहुत बिगड़ा हुआ है उसका यह जन्म तो बिगड़ेगा ही साथ ही उसका दूसरा जन्म भी बिगड़ जाएगा मनुष्य को जीवन में विपरीत समय आए तो समय से समझौता करने का भी विचार जरूर करना चाहिए। मातृ शुद्धि, पितृ शुद्धि, वंश शुद्धि, अन्न शुद्धि और आत्म शुद्धि होने पर ही भगवानी के दर्शन होते हैं।
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