गांव के युवाओं ने चेन बनाकर पार कराई नदी
सेना के जवान सौरभ सिंह के भाई नितेन्द्र सिंह ने पूरे वाक्ये को पत्रिका को बताते हुए कहा कि उनकी बुआ के लड़के जो कि सेना में जवान हैं और बॉर्डर पर तैनात हैं उन्हें ग्रामीण युवाओं ने सारथी बनते हुए न सिर्फ उफनती नदी पार कराई बल्कि उसके सामान को भी कंधे पर रखकर नदी के पार तक पहुंचाया। नितेन्द्र ने बताया कि छुट्टियां खत्म होने पर सौरभ को शुक्रवार को घर से इंदौर के लिए रवाना था जहां से 15 अगस्त को सौरभ की सिक्किम के लिए फ्लाइट थी। लेकिन दो दिनों से हो रही बारिश के कारण गांव में बहने वाली रहटा नदी उफान पर थी। नदी का पानी गांव को जिले से जोड़ने वाले पुल के ऊपर से बह रहा था जिसके कारण सौरभ का ड्यूटी पर जाना मुश्किल लग रहा था लेकिन गांव के युवाओं की मदद से वो ड्यूटी ज्वाइन करने के लिए रवाना हो गया। जैसे ही गांव के युवाओं को सौरभ की इस समस्या के बारे में पता चला तो उन्होंने चेन बनाकर न केवल उफनती नदी को पार कराया बल्कि उसका सामान भी अपने कंधों पर नदी के पार तक ले गए। दूसरे गांव से बाइक बुलाकर उसे हरदा पहुंचाया और फिर वहां से सौरभ इंदौर के लिए रवाना हुआ।
नदी पार कराने में पिता भी शामिल
भारत और चीन के बीच तनाव चरम पर है। ऐसे में अपने बेटे को देश को सौंपना दिल पर पत्थर रखने के ही बराबर है। ऐसी स्थिति में पिता को अपने बेटे के कर्तव्य पर लौटने की भी चिंता है। जब नदी पर पानी बढ़ गया तो जवान बेटे को नदी पार कराने के लिए पिता हरेसिंह गहलोद भी नदी में उतर गए और ग्रामीणो के साथ कंधे से कंधा मिलाकर बेटे को नदी पार कराई। जवान को नदी पार कराने में राकेश राजपूत, राजेश, लवकुश, हिमांशु तोमर, पिल्लु गहलोद, संदीप, अमन, शैलेन्द्र, सुरेन्द्र सहित अन्य ने सहायता की।