scriptनगर की एक भी बैंक शाखा में किसानों के लिए अलग काउंटर नहीं | There is no separate counter for farmers in any bank branch of the city | Patrika News

नगर की एक भी बैंक शाखा में किसानों के लिए अलग काउंटर नहीं

locationहरदाPublished: Aug 01, 2017 08:46:00 pm

Submitted by:

Vijay Vishnoi

-राशि प्राप्त करने घंटों लगना पड़ रहा लाइन में, वर्षों से की जा रही अलग काउंटर खोलने की मांग

farmers

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खिरकिया. नोटबंदी के बाद से किसानों को उनकी उपज का नकद भुगतान मिलना भी बंद हो गया है। व्यापारियों द्वारा किसानों के खातों में चेक या आरटीजीएस के माध्यम से राशि डाली जाती है। बैंकों में पहुंचने के बाद किसानों को पैसे प्राप्त करने में खासी समस्याओं को सामना करना पड़ता है। फसलों की बोवनी से कटाई तक और अब विक्रय के बाद उसका भुगतान पाने के लिए भी पापड़ बेलने पड़ रहे हैं। बैंकों में कृषकों द्वारा उनके लिए अलग काउंटर खोलने की मांग की जा रही है। नगर में स्थित एक भी बैंक शाखाओं में कृषक काउंटर नहीं है। किसानों को सुविधा मुहैया कराने के लिए शासन द्वारा बैंकों के माध्यम से किसानों को किसान के्रडिट कार्ड पर ऋण उपलब्ध कराया जाता है, ताकि किसान कृषि लागत को लेकर परेशान नहीं रहे।
लाइन में बर्बाद कर रहे समय :
सामान्यत बैंकों में नकदी आहरण एवं जमा करने के लिए अलग लाइन लगाई जाती है। ऐसे में किसानों को अन्य बैंक खाताधारकों के साथ लाइन में ही खड़ा रहना पड़ता है। प्रतिदिन बैंकों में पहुंचने वाले कृषकों की सं?या बढ़ी है। किसान अपने बचत खाते, केसीसी खाते से बैंकिंग कार्य करते हंै। उन्हें थोड़े कार्य के लिए लाइन में लगकर घंटों बैंकों में भी बिताना पड़ता है। इसके अलावा कृषक को बैंकिंग प्रणाली, केसीसी खातों सहित अन्य प्रकार की जानकारी भी आम उपभोक्ताओं की लाइन में लगकर ही लेनी पड़ती है।
्रप्रतिदिन लाखों का होता है लेनदेन :
बैंकों में सभी वर्ग के लिए एक ही लाइन होती हैै। किसानों के साथ व्यापारी, कर्मचारी, विद्यार्थी, पेंशनधारी खाताधारक भी खड़े रहते है। ऐसे में किसानंो के अतिरिक्त लाइन में लगने वाले अन्य खाताधारकों को भी परेशान होना पड़ता है।व्यापारियों द्वारा प्रतिदिन लाखों का लेनदेन करते हंै, लेकिन उन्हे भी लाइन में लगना पड़ता है। कर्मचारियों को भी अपने वेतन भुगतान के लिए इसी लाइन में लगता पड़ता है। बुजुर्ग पेंशनधारियों को भी खड़े पांव रहना पड़ता है।मालूम हो नगर में स्टेट बैंक, बैंक आफ इंडिया, सेंट्रल बैंक, बैंक आफ बड़ौदा, कैनरा बैंक, जिला सहकारी बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक सहित अन्य बैंक की शाखाएं संचालित हो रही है, लेकिन एक भी बैंक शाखा में कृषक काउंटर नहीं है।
खाताधारकों ने कहा…

केसीसी से संबंधित पूछताछ के लिए घंटों लाइन में लगना पड़ता है। लेनदेन के लिए भी काफी समय गंवाना पड़ता है। बैंकों में कृषकों के लिए अलग व्यवस्था होनी चाहिए।
-नितेश राजपूत, किसान, विक्रमपुर

बैंकों में अधिक भीड़ होने के चलते अधिक समय लगता है, जिसके चलते अन्य कार्य प्रभावित होते है। शासकीय सेवा में कार्यरत होने के चलते समय पर पहुंचना होता है, जिससे या तो बंैकिंग कार्य नहीं होते है या फिर समय पर नहीं पहुंच पाते है।
-उमेश सिटोके, किसान, खिरकिया

किसानों की शाखा अलग रूप से खोली जानी चाहिए, जिससे व्यापारी, महिलाओं एवं शासकीय कर्मचारियों को बैंकिंग कार्य में सरलता रहे।
-वसीम खान, किसान, खिरकिया

इनका कहना है …
किसानों की सुविधा के लिए बैंकों में अलग काउंटर खोलने के लिए बैंकों को पत्र लिखे जाएंगे।
-शर्मिला निनामा, सचिव, कृषि उपज मंडी
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