जिले के 16 केंद्रों पर अब तक 5157.51 क्विंटल उड़द तथा 62.50 क्विंटल मूंग की खरीदी की जा चुकी है। सबसे ज्यादा 1255.40 क्विंटल उड़द सिराली केंद्र पर खरीदी गई।
नियमानुसार जब तक खरीदी गई उपज विपणन संघ के गोदाम तक नहीं पहुंचेगी तब तक भुगतान भी जारी नहीं होगा। यानि जिन किसानों ने उपज केंद्रों पर तुलाई है फिलहाल उनके भुगतान की कोई गुंजाइश नहीं है। उपज परिवहन होने के बाद ही उनके खातों में राशि आएगी।
इधर, सहकारी समितियों को उपज में घटत आने का अंदेशा सता रहा है। केंद्र प्रभारियों के मुताबिक खरीदी केंद्रों पर रखी उपज का परिवहन नहीं होने से सूखने पर इसका वजन कम होगा। जितने दिन उपज रखी रहेगी, घाटा उतना ही बढ़ेगा।
कलेक्टर एस. विश्वनाथन ने मूंग एवं उड़द की निकासी के लिये अनुज्ञा पत्र जारी करने के लिए पूर्व में जारी आदेश में संशोधन किया है। उन्होंने इसकी निकासी के लिए अनुज्ञा पत्र जारी करने की अनुमति के लिए शर्ते निर्धारित करते हुए निर्देशित किया है कि स्थानीय स्तर पर तौलकांटे की तौलपर्ची की प्रति प्रारूप 10 के साथ संलग्न कर प्रस्तुत करना होगा। जिले के अनुज्ञप्तिधारी व्यापारियों द्वारा जिले में या जिले के बाहर के आवेदन के साथ प्रारूप 10 की जानकारी के साथ जिस व्यापारी को मूंग या उड़द विक्रय की गई हो, उस क्रेता व्यापारी के लेटर पैड पर क्रय आदेश की छायाप्रति संलग्न करना अनिवार्य होगा। जिले के व्यापारियों द्वारा विक्रय की जाने वाली उपज जिस व्यापारी द्वारा क्रय की गई हो, उसके पास उपज पहुंचने के बाद बिल बिल्टी पर क्रेता व्यापारी द्वारा सील सहित उपज प्राप्ति को ई-मेल द्वारा संबंधित व्यापारी के ई-मेल पर भेजना होगी। जिसे संबंधित व्यापारी द्वारा अनुमति प्रदानकर्ता अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) को प्रस्तुत किया जाना अनिवार्य होगा। जिले के व्यापारियों द्वारा विक्रय पर भेजी जाने वाली कृषि उपज के वाहनों के गंतव्य स्थानों के स्थानीय तौलकांटे की वाहन क्रमांक सहित रसीद ई-मेल द्वारा संबंधित व्यापारियों को प्रेषित की जाएगी। साथ ही जिस मंडी क्षेत्र में उपज पहुंच रही है उस मंडी क्षेत्र की अभिस्वीकृति (सत्यापित) ई-मेल से प्राप्त कर प्रस्तुत की जाना अनिवार्य होगा।
परिवहन के टैंडर शासन स्तर से स्वीकृत होना है। इसके प्रयास किए जा रहे हैं। उपज का उठाव जल्द कराया जाएगा।
– एनके जैन, खरीदी प्रभारी, विपणन संघ