खिरकिया. छीपाबड़ तालाब का जनसहयोग से गहरीकरण कर जल संग्रहण क्षमता बढ़ाने की पहल तो शुरू की गई, लेकिन उसके सौंदर्यीकरण को लेकर वर्षों बाद भी नगर परिषद के पास कोई
कार्य योजना नहीं है। प्रतिवर्ष जन सहयोग के माध्यम से तालाब खुदाई कराई जाती है, लेकिन यह खुदाई तक ही सीमित रह जाता है, जबकि तालाब के सौंदर्यीकरण की मांग वर्षो से की जा रही है। इस दौरान कुछ परिषदें भी बदल गई, लेकिन तालाब का सौंदर्यीकरण नहीं हुआ। जानकारी अनुसार छीपाबड़ में चारूवा मार्ग पर 44 एकड़ में फैले अटल तालाब के जीर्णोद्धार व उसके सौंदर्यीकरण के लिए परिषद की बैठकों में कई बार प्रस्ताव तो लिए गए है, लेकिन वह प्रस्ताव कार्यरूप में बदले नहीं जा सके हंै। वर्तमान में तालाब सूखकर मैदान हो चुका है। बारिश के दौरान पानी से लबालब रहने वाला तालाब सौंदर्यीकरण के अभाव में अस्तित्व खो रहा है। वहीं तत्कालीन कलेक्टर को तालाब को पार्क के रूप में विकसित करने का सुझाव बुद्धिजीवियों द्वारा दिया गया। जिसके बाद उन्होंने तालाब का निरीक्षण भी किया। तालाब को देखते ही उन्होंने इसे विकसित करने पर सहमति जताई थी। तालाब की पालों की चौड़ाई पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए पाल की पिंचिंग, टाइल्स, कुर्सियंा, लाइटिंग एवं पौधारोपण करने की बात कही थी। उन्होंने वोटिंग शुरू किए जाने पर भी सहमति जाहिर की थी। निर्देश दिए थे कि तालाब का सीमांकन किया जाकर ओव्हर फ्लो की ऊंचाई बढ़ाई जाए। सीपेज को रोकर जल भराव को अधिक समय तक बनाए रखने के प्रयास किए जाए। उन्होंने नगर परिषद से इस संबंध में प्रस्ताव भी मांगा था ताकि शासन स्तर पर तालाब सौंदर्यीकरण के लिए राशि की मांग की जा सके। लेकिन आगे कोई कार्यवाही नहीं हो सकी।
बजट में 2 करोड़ का प्रावधान – नगर परिषद द्वारा पेश किए जाने वाले सालाना बजट में आय-व्यय के साथ तालाब के सौंदर्यीकरण के लिए 2 करोड़ रुपए का प्रावधान रखा जाता है, लेकिन यह बजट तक ही सीमित रहता है। कागजों में ही सौंदर्यीकरण के लिए राशि का प्रावधान होना दर्ज किया जाता है, लेकिन जमीनी स्तर पर इस प्रकार की कोई गतिविधि नहीं होती है। पिछले कई वर्षो से नगर परिषद बजट में तालाब सौंदर्यीकरण के लिए 2 करोड़ का प्रावधान तो करती है। वर्तमान परिषद भी इसमे पीछे नहीं है। परिषद द्वारा अब तक पेश किए गए तीनों बजट में तालाब सौंदर्यीकरण के लिए बजट पर प्रावधान रखा है, लेकिन तालाब पर करोड़ तो दूर हजारों रुपए भी खर्च नहीं किए जाते है, यहां तक कि तालाब का गहरीकरण भी जनसहयोग से कराया जाता है।
तालाब के सौंदर्यीकरण से मिल सकता है पार्क- तालाब को पार्क के रूप में विकसित कर पार्क की समस्या को हल करने की बात कही जा रही है। नागरिकों का कहना है कि नगर में लंबे समय से पार्क निर्माण की मांग की जा रही है, अधिकारी हमेशा शासकीय भूमि का अभाव बताकर पार्क निर्माण की मांग को समाप्त कर देते थे। लेकिन तालाब को पार्कतो नहीं लेकिन पार्क जैसा पिकनिक स्पाट जरूर बनाया जा सकता है। तालाब पर प्राचीन मजार भी है। जिसका भी जीर्णोद्धार किया गया। तालाब के सौंदयीकरण से जहां नगर विकास होगा, वही नगर परिषद को मत्स्य पालन एवं वोटिंग व्यवस्था से आय प्राप्त होगी। व्यायाम, भ्रमण, टहलने के लिए एक व्यवस्थित स्थान मिलेगा।