पांच दिन में १४०० लोग बुखार और उल्टी-दस्त से पीडि़त
हरदा. गत 1 से 5 जुलाई तक लगातार बारिश हुई, जिससे मौसम खुशनुमा हो गया था, किंतु जैसे ही बरसात बंद हुई तो गर्मी और उमस ने लोगों को बेहाल कर दिया है। प्रतिदिन तापमान अधिकतम ३३ और न्यूनतम २५ डिग्री सेल्सियस बना हुआ है। इसके चलते लोग बुखार और उल्टी-दस्त के शिकार हो रहे हैं। जिला अस्पताल में पिछले पांच दिनों के अंदर लगभग १४०० लोग उक्त बीमारियों का इलाज कराने के लिए पहुंचे। इनमें से कईलोगों को डॉक्टरों ने भर्तीकराया है। अस्पताल के महिला, पुरुष और चाइल्डवार्ड रोगियों से भरे हुए हैं। उल्लेखनीय है कि रोजाना तेज धूप निकलने से गर्मी और उमस बनी हुई है। इसका असर लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। लोग उल्टी-दस्त और बुखार से ग्रसित हो रहे हैं। सुबह और शाम को अस्पताल की ओपीडी में मरीजों की लाइनें दिखाई दे रही हैं। अस्पताल से मिली जानकारी के मुताबिक प्रतिदिन करीब ३५० लोग इलाज करवाने के लिए आ रहे हैं। पांच दिनों में बुखार के ७००, उल्टी-दस्त के ५०० तथा सर्दी-खांसी के २०० रोगियों ने इलाज करवाया है। इनमें से कईमरीज आज भी वार्डों में भर्ती हैं, जिनका इलाज जारी है। वार्डों में लगातार मरीजों की संख्या बढऩे से पलंगों की कमी हो रही है। ऐसी स्थिति में नए रोगियों को जमीन पर बेड देकर भर्ती किया जा रहा है। इनका कहना है
हरदा. गत 1 से 5 जुलाई तक लगातार बारिश हुई, जिससे मौसम खुशनुमा हो गया था, किंतु जैसे ही बरसात बंद हुई तो गर्मी और उमस ने लोगों को बेहाल कर दिया है। प्रतिदिन तापमान अधिकतम ३३ और न्यूनतम २५ डिग्री सेल्सियस बना हुआ है। इसके चलते लोग बुखार और उल्टी-दस्त के शिकार हो रहे हैं। जिला अस्पताल में पिछले पांच दिनों के अंदर लगभग १४०० लोग उक्त बीमारियों का इलाज कराने के लिए पहुंचे। इनमें से कईलोगों को डॉक्टरों ने भर्तीकराया है। अस्पताल के महिला, पुरुष और चाइल्डवार्ड रोगियों से भरे हुए हैं। उल्लेखनीय है कि रोजाना तेज धूप निकलने से गर्मी और उमस बनी हुई है। इसका असर लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। लोग उल्टी-दस्त और बुखार से ग्रसित हो रहे हैं। सुबह और शाम को अस्पताल की ओपीडी में मरीजों की लाइनें दिखाई दे रही हैं। अस्पताल से मिली जानकारी के मुताबिक प्रतिदिन करीब ३५० लोग इलाज करवाने के लिए आ रहे हैं। पांच दिनों में बुखार के ७००, उल्टी-दस्त के ५०० तथा सर्दी-खांसी के २०० रोगियों ने इलाज करवाया है। इनमें से कईमरीज आज भी वार्डों में भर्ती हैं, जिनका इलाज जारी है। वार्डों में लगातार मरीजों की संख्या बढऩे से पलंगों की कमी हो रही है। ऐसी स्थिति में नए रोगियों को जमीन पर बेड देकर भर्ती किया जा रहा है। इनका कहना है
अचानक बारिश बंद होने पर गर्मी और उमस के कारण बुखार का वायरस सक्रिय हो गया है। इसलिए अस्पताल में मरीजों की संख्या बढ़ गई है। लोगों को मौसमी बीमारियों से बचने के लिए साफ पानी, होटल की खुली खाद्य सामग्रियां खाने से बचना चाहिए। रोगियों को देखते हुए अस्पताल में दवाओं का स्टॉक कर लिया गया है।
डॉ. मनीष शर्मा, चिकित्साधिकारी, जिला अस्पताल, हरदा
डॉ. मनीष शर्मा, चिकित्साधिकारी, जिला अस्पताल, हरदा