700 में से मात्र 95 नए मतदाताओं के आए परिचय पत्र-
1 जनवरी 2018 तक 18 वर्ष की आयु पूर्ण करने वाले युवक युवतियों को भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी किए जाने वाले मतदाता परिचय पत्रों का वितरण राष्ट्रीय मतदाता दिवस के अवसर पर किया जाना था। लेकिन मतदाता सूची में नाम जुड़ाने के बाद भी उनके मतदाता परिचय पत्र नहीं आए। तहसील में इस वर्ष करीब 700 युवाओं के नामा मतदाता सूची में जोड़े गए थे। जिनके परिचय पत्र उन्हें मतदाता दिवस पर दिए जाने थे, लेकिन 700 में से महज 95 नवीन मतदाताओं के ही परिचय पत्र आए है। जिनका वितरण उन्हें किया गया, शेष मतदाताओं को इसके लिए इंतजार करना पड़ेगा। सारंगपुर में 13 मतदाताओं को परिचय पत्र मिलने थे, जिसमे से एक को भी नहीं मिला। इसी तरह नगरीय क्षेत्र में वार्ड क्रमांक 3 में 13 में से सिर्फ 3 को ही यह पत्र मिल सके।
मिनटों में सिमटा कार्यक्रम –
राष्ट्रीय मतदाता दिवस के अवसर पर मतदाताओं को सूचना देकर मतदान केन्द्रों पर कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया था, जहां उनका पुष्पहार से सम्मानित कर मतदाता परिचय पत्र प्रदान किया जाना था, लेकिन लेतलतीफी होने के कारण उन्हें बिना परिचय पत्र प्राप्त किए ही लौटना पड़ा। ऐसे में यह कार्यक्रम मिनटों में ही समाप्त हो गया। जिससे यह कार्यक्रम एक रस्म बनकर रह गया। जिसे मिनटों में पूरा कर कर्तव्यों की इतिश्री कर ली गई। शासन द्वारा प्रतिवर्ष लाखों रूपए खर्च किए जाते है, लेकिन उनका उद्देश्य स्थानीय स्तर पर पूरा होता नहीं दिख रहा है। केवल दिखावे के नाम पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
मतदान के प्रति किया जाता है जागरूक –
मतदाता दिवस मनाए जाने पीछे निर्वाचन आयोग का उद्देश्य है कि नए मतदाताओंं के नाम जोड़े जाए एवं मतदाताओं को मतदान करने के प्रति जागरूक किया जाए।18 वर्ष या उससे अधिक उम्र के नए मतदाताओं के नाम मतदाता सूची में दर्ज कर फोटो पहचान पत्र दिए जाए। इस वर्ष यह 7वां राष्ट्रीय मतदाता दिवस था। वर्ष 1950 से स्थापित चुनाव आयोग के 6 1वें स्थापना वर्ष पर 25 जनवरी 2011 को तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने राष्ट्रीय मतदाता दिवस का शुभारंभ किया था।
इनका कहना है-
आवंटन के आधार पर नए मतदाताओं के कार्ड का वितरण किया गया है। शेष प्रक्रिया में विलंब की वजह से आवंटित नहीं हो पाए। 700 कार्ड बनने की प्रक्रिया में भेजे गए थे, जिनमें से 95 प्राप्त हुए है।
बीपी सिंह, तहसीलदार, खिरकिया
1 जनवरी 2018 तक 18 वर्ष की आयु पूर्ण करने वाले युवक युवतियों को भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी किए जाने वाले मतदाता परिचय पत्रों का वितरण राष्ट्रीय मतदाता दिवस के अवसर पर किया जाना था। लेकिन मतदाता सूची में नाम जुड़ाने के बाद भी उनके मतदाता परिचय पत्र नहीं आए। तहसील में इस वर्ष करीब 700 युवाओं के नामा मतदाता सूची में जोड़े गए थे। जिनके परिचय पत्र उन्हें मतदाता दिवस पर दिए जाने थे, लेकिन 700 में से महज 95 नवीन मतदाताओं के ही परिचय पत्र आए है। जिनका वितरण उन्हें किया गया, शेष मतदाताओं को इसके लिए इंतजार करना पड़ेगा। सारंगपुर में 13 मतदाताओं को परिचय पत्र मिलने थे, जिसमे से एक को भी नहीं मिला। इसी तरह नगरीय क्षेत्र में वार्ड क्रमांक 3 में 13 में से सिर्फ 3 को ही यह पत्र मिल सके।
मिनटों में सिमटा कार्यक्रम –
राष्ट्रीय मतदाता दिवस के अवसर पर मतदाताओं को सूचना देकर मतदान केन्द्रों पर कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया था, जहां उनका पुष्पहार से सम्मानित कर मतदाता परिचय पत्र प्रदान किया जाना था, लेकिन लेतलतीफी होने के कारण उन्हें बिना परिचय पत्र प्राप्त किए ही लौटना पड़ा। ऐसे में यह कार्यक्रम मिनटों में ही समाप्त हो गया। जिससे यह कार्यक्रम एक रस्म बनकर रह गया। जिसे मिनटों में पूरा कर कर्तव्यों की इतिश्री कर ली गई। शासन द्वारा प्रतिवर्ष लाखों रूपए खर्च किए जाते है, लेकिन उनका उद्देश्य स्थानीय स्तर पर पूरा होता नहीं दिख रहा है। केवल दिखावे के नाम पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
मतदान के प्रति किया जाता है जागरूक –
मतदाता दिवस मनाए जाने पीछे निर्वाचन आयोग का उद्देश्य है कि नए मतदाताओंं के नाम जोड़े जाए एवं मतदाताओं को मतदान करने के प्रति जागरूक किया जाए।18 वर्ष या उससे अधिक उम्र के नए मतदाताओं के नाम मतदाता सूची में दर्ज कर फोटो पहचान पत्र दिए जाए। इस वर्ष यह 7वां राष्ट्रीय मतदाता दिवस था। वर्ष 1950 से स्थापित चुनाव आयोग के 6 1वें स्थापना वर्ष पर 25 जनवरी 2011 को तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने राष्ट्रीय मतदाता दिवस का शुभारंभ किया था।
इनका कहना है-
आवंटन के आधार पर नए मतदाताओं के कार्ड का वितरण किया गया है। शेष प्रक्रिया में विलंब की वजह से आवंटित नहीं हो पाए। 700 कार्ड बनने की प्रक्रिया में भेजे गए थे, जिनमें से 95 प्राप्त हुए है।
बीपी सिंह, तहसीलदार, खिरकिया