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गांवों में भयावह जलसंकट की दस्तक, सैकड़ों हैंडपंपों ने दम तोड़ा

locationहरदाPublished: Mar 07, 2018 05:50:10 pm

Submitted by:

rakesh malviya

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा नहीं सुधारे जा रहे हैंडपंप, पानी के लिए भटक रहे हैं ग्रामीण

water crisis

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खिरकिया. गांवों में जल व्यवस्थाओं के लिए सबसे महत्वपूर्ण माने जाने जलस्त्रोत हैंडपंप लगातार दम तोड़ते जा रहे हैं। इसके अलावा कुओं एवं भयावह जल संकट तालाबों का पानी भी सूखते जा रहे हंै। शुरुआती गर्मी में ही भयावह जलसंकट की दस्तक सुनाई दे रही है। अभी से गांवों में पानी के लिए हाहाकर मचने लगा है। किंतु लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा बंद पड़े हैंडपंपों का चालू कराने के प्रयास नहीं किए जा रहे हैं। ग्रामीणों को पानी के लिए परेशान होना पड़ रहा है। जानकारी के अनुसार विकासखंड के गई ग्रामों में जल संकट को लेकर जनपद पंचायत की बैठकों में सदस्यों द्वारा नाराजगी भी व्यक्त की जा चुकी है। लगातार गिरते जलस्तर से कई हैंडपंप बंद हो गए हैं। ग्रामीणों के लिए बड़ी परेशानी बन गए हैं।
इन ग्रामों में आधे से अधिक बंद पड़े हैंडपंप
लोक यांत्रिकी विभाग द्वारा गांवों में हैंडपंपों की व्यवस्थाओं का संचालन किया जाता है, लेकिन उन्हें उपयोगी बनाने के लिए कोई पहल नहीं की जा रही है। विकासखंड के ग्राम पोखरनी, मुहाल, मांदला, दामोदरपुरा, पहटकलां, कानपुरा, चारुवा, सोनपुरा, चौकड़ी, कुड़ावा, सारंगपुर, शोभापूर, डेडगांव, टेमलावाड़ी रैयत, कांकड़कच्छ सहित अन्य कई ग्रामों में आधे से अधिक हैंडपंप बंद पड़े हुए हंै। जहां पर ग्रामीणों को पेयजल के लिए एक से दूसरे हैंडपंप पर भटकना पड़ रहा है। कई स्थानों पर कई देर तक हैंडपंप चलाने के बाद भी पानी नहीं आता हंै। वहीं कहीं पर पाइप की कमी तो कई पर अन्य तकनीकी खराबी के चलते हैंडपंप बंद पड़े हुए हंै। विकासखंड में करीब 1400 से अधिक हैंडपंप गांवों में हैं, जिसमें से सैकड़ो हैंडपंप दम तोड़ चुक हैं।
पाइप बढ़ाकर ली जा सकती है जल आपूर्ति
वर्तमान में कई हैंडपंपों में जलस्तर गिरने से पानी आना बंद हो गया है, लेकिन उनसे जल आपूर्ति की जा सकती है, जिनमें पाइप बढ़ाए जाने की आवश्यकता है। इस ओर ध्यान नहीं दिया गया तो ग्रामीणों को ग्रीष्मकाल के पूर्व ही जलसंकट का सामना न करना पड़ेगा। वर्तमान में ग्रामीणों द्वारा जलसंकट की स्थिति हैंडपंपों में पाइपों की संख्या एवं लंबाई में कमी बताई जा रही है। यदि इसमें वृद्धि की जाए तो वर्तमान में जल की आपूर्ति हो सकती है। जलस्तर गिरना अपनी जगह है, लेकिन विभागीय व्यवस्थाएं नहीं किए जाने से यह जलसंकट को बढ़ावा दे रही है। गांवों में हैंडपंप से पानी नहीं आने के कारण ग्रामीणों को एक हैंडपंप से दूसरे हैंडपंप भटकना पड़ रहा है, ताकि पानी मिल जाए। ग्रामीणों ने कहा कि अभी ग्रीष्मकाल प्रारंभ हुआ है। ऐसे में आगामी समय यही स्थिति रही तो जलसंकट विकराल रूप ले सकता है, लेकिन हैंडपंपों को दुरुस्त किया जाए तो परेशानियां कम हो सकती हैं।
आंगनबाड़ी व स्कूलों के भी हैंडपंप बंद
कुछ गांवों में आंगनबाड़ी व स्कूलों के बच्चों को हैंडपंप बंद होने के चलते पेयजल की समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। कई स्थानों में एक परिसर में आंगनबाड़ी व विद्यालय हैं, जहां एकमात्र हैंडपंप लगे हुए हैं, लेकिन वह भी बंद पड़े हुए हैं, जिससे आने वाले बच्चों व स्कूली स्टॉफ को परेशानियों का सामना करना पड़ता। ग्राम मुहाल और पोखरनी में चार-चार हैंडपंप बंद पड़े हुए हंै। यही हाल अन्य गांवों में भी बना हुआ है।
इनका कहना
हैंडपंप बंद होने की जानकारी मिली है, संबंधित विभाग को अवगत कराया जाएगा।
जगदीश सोलंकी, अध्यक्ष, जनपद पंचायत, खिरकिया

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