भीषण गर्मी में 200 से 250 फीट तक गिरा जलस्तर, गांवों के हैंंडपंप हुए बंद
हरदाPublished: May 31, 2020 08:12:56 pm
ग्रामीणों को पेयजल के लिए होना पड़ रहा परेशान
भीषण गर्मी में 200 से 250 फीट तक गिरा जलस्तर, गांवों के हैंंडपंप हुए बंद
खिरकिया. इन दिनों पड़ रही भीषण गर्मी के कारण भूमिगत जलस्तर काफी नीचे पहुंच गया है। इससे विकासखंड के कई गांवों के हैंडपंप दम तोड़ रहे हंै। जलस्तर में लगातार गिरावट आने से गांवों के कुंए, तालाब व अधिकांश टयूबवेलों में जलसंकट की बन गई है। जिन गांवों में जल नल योजना नहीं है, वहां पर पेयजल आपूर्ति के लिए ग्रामीणों के लिए एक मात्र साधन हैंडपंप का ही सहारा है। लेकिन इनकी स्थिति भी दयनीय हो रही है। जलस्तर के गिरने के कारण बंद हैंडपंपों का चालू कराने के लिए विभाग द्वारा मशक्कत की जा रही है। बावजूद इसके ग्रामीणों को पेयजल के लिए भटकना पड़ रहा है।
200 से 250 फीट गिरा जलस्तर-
पारा चढऩे के साथ ही जलस्त्रोत हिचकियां लेने लगे हंै। नदी, नाले, कुंए, ट्यूबवेल सभी में पानी को लेकर समस्याएं आना प्रारंभ हो गई है। हैंडपंप भी दम तोड़ रहे है। वर्तमान में 200 से 250 फीट जलस्तर गिर गया है। इसके कारण इतनी गहराई तक वाले हैंडपंप बंद हो गए है। जिस पर लोक यांत्रिकी विभाग द्वारा भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है। ऐसे में ग्रामीणों के खेतों में लगे टयूबवेल से पानी लाना पड़ रहा है।
इन गांवों में आधे से अधिक बंद हुए हैंडपंप-
विकासखंड के कालाकहु, कानपुरा, रूनझून, चारूवा, हरिपुरा, दीपगांव, भवरदी, मोरगढ़ी, टेमलावाड़ी रैयत, कांकड़कच्छ, सारसूद, पाहनपाट, सोनपुरा, कुड़ावा, सारंगपुर, शोभापुर सहित अन्य कई ग्रामों में आधे से अधिक हैंडपंप बंद हो चुके है। इससे ग्रामीणों को पेयजल के लिए एक हेंडपंप से दूसरे हैंडपंप पर भटकना पड़ रहा है। कई स्थानों पर काफी देर तक हैंडपंप चलाने के बाद भी पानी नहीं आता है। विकासखंड में 1428 से अधिक हैंडपंप ग्रामों में स्थित है। इसमें से करीब एक सैकड़ा हैंडपंप बंद पड़े है। ऐसे में विभाग को इनके सुचारू संचालन पर ध्यान दिया जाना चाहिए।
पाइप बढ़ाकर की जा सकती है जल आपूर्ति-
जल स्तर गिरने से बंद हुए हैंडपंपों में पाइप बढ़ाकर जल आपूर्ति की जा सकती है। ग्रामीणों द्वारा हैंडपंपों में पाइपों की संख्या एवं लंबाई में कमी के कारण हैंडपंप बंद होने का कारण बताया जा रहा है। जलस्तर गिरना अपनी जगह है, लेकिन विभागीय व्यवस्थाएं नही किए जाने से जलसंकट बढ़ता जा रहा है। ग्रामीणों का कहना है गांवों में जलसंकट की विकराल रूप लेता जा रहा है। ऐसे में विभाग को हैंडपंपों को दुरूस्त कर ग्रामीणों को पेयजल संकट से निजात दिलाना चाहिए।
इनका कहना है-
जलस्तर कम होने के कारण कुछ हैंडपंप प्रभावित हुए है। विभाग द्वारा लगातार पाइपों की वृद्धि कर उन्हें सुचारू किए जाने का प्रयास किया जा रहा है। कुछ स्थानो पर मोटर डालकर जलव्यवस्था बनाई जा रही है।
ज्योति महोबिया, उपयंत्री, पीएचई, खिरकिया