नपा के गेट पर चढकऱ आवाज बुलंद की
कांग्रेसियों को नपा में अंदर घुसने से रोकने के लिए पुलिसकर्मियों ने गेट बंद किए, लेकिन इसके बाद भी कार्यकर्ताओं ने गेट के ऊपर चढकऱ शहर की समस्याओं को लेकर आवाज बुलंद की। कुछसमय बाद कार्यकर्ताओं एवं महिलाओं को नपा में आने दिया।यहां पर तहसीलदार धर्मेंद्र चौकसे, सीएमओ ज्ञानेंद्र कुमार यादव को राजीव गांधी पंचायतीराज संगठन के प्रदेशाध्यक्ष टाले, पूर्वविधायक डॉ. आरके दोगने, कांगे्रस जिलाध्यक्ष ओम पटेल, केदार सिरोही, वरिष्ठ इंका नेता रामचरण शिंदे, मोहन बिश्नोई, अमर यादव, गोविंद व्यास, इकबाल अहमद, धर्मेंद्र चौहान, राकेश सूरमा, मुन्ना पटेल, संजय जैन, राघवेंद्र पारे, सुप्रिया पटेल, ज्योति तिवारी, अर्चना यादव, अजय राजपूत, योगेश चौहान, शिवनारायण बांके, संजय पांडे, शील उपाध्याय, मुजाहिद अली, शाहरुख एवं आदि कांगे्रस नेताओं ने शहर के नागरिकों को पर्याप्त पेयजल प्रदाय करने सहित आठ सूत्रीय समस्याओं का शीघ्र समाधान करने को लेकर ज्ञापन सौंपा।साथ ही उन्होंने कहा कि अगर शहर की इन मूलभूत समस्याओं का निराकरण निर्धारित समयावधि में नहीं होता है तो कांग्रेस को उग्र आंदोलन करेगी।
1. शहर में लोगों को पर्याप्त और स्वच्छ पानी देने, एक दिन की अपेक्षा प्रतिदिन जलप्रदाय करें।नपा परिषद की इस लापरवाही की वजह से नगर की बाहरी इलाकों में रहने वाले नागरिकों को अत्यंत कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।
2. कांग्रेस शासित नपा के समय बिरजाखेड़ी जल संयंत्र के पास शहीद अमृता देवी विश्नोई के नाम पर बाटनीकल गार्डन बनाया जाना प्रस्तावित था।आज उस जगह पर सेप्टिटैंकों का आउटलेट डम्प किया जा रहा है, जिससे जल प्रदूषित होने की आशंका है, जिसे बंद किया जाए।
3. पूर्व कांग्रेस शासित नगर पालिका के कार्यकाल में निर्मित कचरा निपटान संयंत्र होने के बावजूद भी मुक्तिधाम के पास नपा कचरा फिकवा रही है।कचरे में आग लगाने से इसका विषैधा धुआं भूमिगत जलस्तर को प्रदूषित करने के साथ ही लोगों के स्वास्थ्य को प्रभावित कर रहा है, जिसे रोका जाए।
4.अजनाल एवं टिमरन नदी के बाढ़ के प्रकोप से शहर का करीब 1 तिहाई हिस्सा प्रतिवर्ष प्रभावित होता है, इससे निजात दिलाने के लिए पूर्व परिषद ने योजना बनाकर कार्य करने का आश्वासन शहर के लोगों को दिया था, लेकिन इस दिशा में आज तक कोई प्रगति नहीं हुई है।
5. प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने करीब 11 वर्ष पूर्व शहर के लोगों को आश्वस्त किया था कि हरदा सहित प्रदेश के सभी अवैध कॉलोनियों को वैध कर कॉलोनी में निवासरत् नागरिकों को मूलभूत सुविधाएं दी जाएंगी। उनकी सार्वजनिक रूप से की गई यह घोषणा भी आज तक अधूरी है।
6 . मुख्यमंत्री ने घोषणा की थी कि जो जहां काबिज है, उसे उस स्थान से बेदखल नहीं किया जाएगा, लेकिन आज दिनांक तक भी ऐसे निवासियों को शासन द्वारा पट्टे नहीं दिए गए हैं।
7. शहर में प्रधानमंत्री आवास की अनेक हितग्राहियों को दूसरी एवं तीसरी किस्त नहीं मिली है, जिससे उनके द्वारा निर्माणाधीन मकानों का कार्य अधूरा पड़ा है।यहीं नहीं भवन निर्माण सामग्री के मूल्यों में लगातार वृद्धि होने की वजह से भवन निर्माण किया जाना मुश्किल हो रहा है।
8 . हरदा शहर में बढ़ते ट्रैफिक को लेकर नगर पालिका एवं यातायात विभाग द्वारा कोई निश्चित योजना नहीं होने के कारण हर कहीं यातायात जाम हो जाता है एवं दुर्घटनाएं भी लगातार बढ़ती जा रही हैं।