तुलाई की धीमी गति के पीछे हम्मालो की कमी बतायी जा रही है, वहीं दूसरा कारण किसानों द्वारा नए ठेकेदारों को ठेका दिया जाना बताया जा रहा है। आगामी समय में चने की खरीदी भी की जाना है, लेकिन गेहूं की खरीदी ही समय पर नही हो पाएगी, तो चना खरीदी कार्य भी पिछड़ जाएगा।
समितियों द्वारा भी मजदूरों का भुगतान समय पर नहीं किया जा रहा है जिससे मजदूर भी तुलाई कार्य नहीं कर रहे हैं। कार्य प्रारंभ करने के बाद से ठेकेदारों को हम्माली की मजदूरी राशि का भुगतान नहीं मिला है। तुलावटी हम्मालों को उनकी मजदूरी का भुगतान कई दिनों से नहीं हुआ है। मजदूरों को भुगतान नहीं मिलने पर वह कार्य छोडकर जा रहे हंै जिससे खरीदी कार्य प्रभावित हो रहा हैै।
खरीदी केन्द्रों पर हम्मालों की संख्या बढ़ायी गई है। हम्मालों को भुगतान नहीं मिलने के कारण भी तुलाई कार्य प्रभावित हो रहा है। वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराया गया है।
ओम श्रीवास, प्रबंधक, जिला सहकारी बैंक, खिरकिया
मसनगांव. मसनगांव समिती द्वारा इक्कीस दिनों में पचास प्रतिशत खरीदी कर ली गई है। समिती द्वारा तीन केन्द्रों पर खरीदी की जा रही है। पलासनेर स्थित नवज्योती वेयर हाऊस पर दो केन्द्रों पर खरीदी की जिसमे मसनगांव केन्द्र पर 25177 क्विंटल और गांगला केन्द्र पर 23777 क्विंटल गेहूं खरीदा गया। यहां पर रोजाना प्लेट कांटे के माध्यम से 90 से लेकर 125 ट्रॉली गेंहू तौला जा रहा है। इसी प्रकार करीबी ग्राम कमताड़ा में 22 हजार क्विंटल गेहूं छोटे कांटे से तौला जा चुका है। समिती में 383 किसानों ने अपनी उपज विक्रय के लिए पंजीयन कराया था जिनमे से आधे किसानों की उपज खरीदी जा चुकी है। वहीं 19 अपै्रल तक खरीदी गई उपज की राशि खातों में डाल दी गई है। समिति के सहायक प्रबंधक अखिलेश पाटिल ने बताया कि तीनों केंद्रों पर आने वाले सप्ताह में अधिकांश किसानों की उपज तुल जाएगी। वहीं समिती द्वारा शीघ्र चने की खरीदी शुरू की जायेगी जिसके लिए केन्द्र पर वारदानों की गठाने आ चुकी हैं।