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कलेक्टर को क्यों कहना पड़ा-अपने नियम न बनाएं, जो पहले से बने है, उनका पालन करें

locationहरदाPublished: Apr 18, 2020 08:19:21 pm

Submitted by:

gurudatt rajvaidya

कोरोना संक्रमण फैलने की आशंका के बावजूद शहर के बीच मंडी में समिति कर रही थी खरीदी

कलेक्टर को क्यो कहना पड़ा-अपने नियम न बनाएं, जो पहले से बने है, उनका पालन करें

कोरोना संक्रमण फैलने की आशंका के बावजूद शहर के बीच मंडी में समिति कर रही थी खरीदी

खिरकिया. कृषि उपज मंडी में सेवा सहकारी समिति द्वारा गेहूूं का उपार्जन कार्य किए जाने पर कलेक्टर अनुराग वर्मा ने नाराजगी जताते हुए समिति को लताड़ लगाई। शहर के बाहर खुले स्थान पर केन्द्र संचालित कर खरीदी करने के निर्देश दिए। शनिवार को कलेक्टर वर्मा, पुलिस अधीक्षक मनीष कुमार अग्रवाल, जिला पंचायत सीईओ दिलीप कुमार यादव ने उपार्जन केन्द्रों का निरीक्षण करने पहुंचे। उन्होंने मंडी में व्यवस्थाओं का जायजा लिया। मंडी परिसर में छीपाबड़ समिति द्वारा दो गेहूं उपार्जन केन्द्रों का संचालन किया जा रहा था। कलेक्टर ने शहर के बीच खरीदी होने पर शहर के बाहर खुले स्थान पर खरीदी करने के निर्देश दिए। बावजूद इसके शनिवार को समिति के केन्द्रों पर गेहूं खरीदी नहीं होने पर कलेक्टर ने नाराजगी जताई। समिति द्वारा केन्द्र को स्थानांतरित किए जाने को लेकर शनिवार को खरीदी नहीं की जा रही थी। कलेक्टर ने कहा कि जिन किसानों को एसएमएस भेजा गया है, उन्हें फोन लगाकर खरीदी के लिए बुलाएं एवं 1 घंटे में खरीदी शुरू करें। कलेक्टर ने समिति प्रबंधन पर नाराजगी जताते हुए कहा कि अपने नियम नहीं बनाएं, जो नियम बने हंै, उनका पालन करें। कलेक्टर ने बारंगा, मांदला, सक्तापुर, मुहालकला, छीपाबड़, पड़वा, चारूवा केन्द्रों का निरीक्षण किया। प्रतापपुरा, टेमलावाड़ी सहित अन्य केन्द्रों का एसडीएम वीपी यादव, तहसीलदार अलका एक्का, नायब तहसीलदार कुलदीपसिंह ने निरीक्षण किया। इस दौरान एसडीओपी राजेश सुल्या, मंडी सचिव केडी अग्निहोत्री, टीआई ज्ञानू जायसवाल, एसआई अविनाश पारधी, मनीष चौधरी सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।
बिना अनुमति एक ही परिसर में संचालित हो रहे थे दो केन्द्र-
छीपाबड़ समिति में किसानों की संख्या अधिक होने पर विभाग द्वारा सोशल डिस्टेंसिंग की व्यवस्थाओं को लेकर तीन उपार्जन केन्द्र बनाए गए है, लेकिन समिति द्वारा अपने दो केन्द्रों का संचालन मंडी परिसर में ही किया जा रहा था। जबकि पूर्व में मंडी में व्यापारियों के अलावा कोई भी समिति का केन्द्र नहीं होने की बात कही थी। बावजूद इसके मंडी परिसर में केन्द्र का संचालन किया जा रहा है। इसके अलावा व्यापारियों द्वारा भी मंडी में खरीदी की जा रही है। इससे एक ही परिसर में किसानों की भीड़ एकत्रित हो रही है, हालांकि कलेक्टर ने इसे हटाने के निर्देश दिए है। समिति द्वारा केन्द्र के संचालन के लिए स्थानीय वरिष्ठ अधिकारियों से अनुमति नहीं ली गई। वर्तमान में एसडीएम मंडी में भारसाधक अधिकारी हैं। समिति व विभाग द्वारा उनसे भी चर्चा नहीं की गई। ऐसे में कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम में बड़ी चूक हो सकती थी।
सूखाकर किया जाए बारदान का उपयोग-
कलेक्टर ने समितियों को उपर्जन केन्द्रों पर नियमों का पालन कराने के निर्देश दिए। केन्द्रों पर कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क, सेनिटाइजर का लगातार प्रयोग हो। तत्काल खरीदी कर रोजाना किसानों को बिल दिया जाएगा। गेहूं का उठाव समय पर हो। कलेक्टर ने समिति प्रबंधन को गेहूं तुलाई के पूर्व बारदानों को सूखाकर उपयोग में लाने की बात कही। समितियों को सही वजन करने के निर्देश दिए।
इनका कहना
उपार्जन केन्द्रों का निरीक्षण किया है। मंडी में केन्द्र संचालित किए जा रहे थे, जो कि कोरोना के संक्रमण को देखते हुए गलत है। इस संबंध में संबंधित से जानकारी ली जाएगी। मंडी से केन्द्र हटाकर खुले स्थान पर संचालित किए जाने के निर्देश दिए है। लगातार केन्द्रों का निरीक्षण किया जा रहा है।
अनुराग वर्मा, कलेक्टर, हरदा
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