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बच्चों के साथ बड़ों में भी अपनी बोली के प्रति आत्म सम्मान जागृत हो

locationहरदाPublished: Jul 12, 2020 08:56:13 pm

Submitted by:

gurudatt rajvaidya

– भाषा-बोली पर परिचर्चा का हुआ आयोजन

बच्चों के साथ बड़ों में भी अपनी बोली के प्रति आत्म सम्मान जागृत हो

– भाषा-बोली पर परिचर्चा का हुआ आयोजन

हरदा. जिला शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थान द्वारा भाषा-बोली पर परिचर्चा का आयोजन किया गया। बोली के लिए उचित संभावनाओं को किस प्रकार प्रसारित कर सकते हैं इस विषय पर ऑनलाइन मीटिंग आयोजित की गई। इसमें हरदा व देवास जिले के शिक्षकों ने भाग लिया। इस दौरान शोभा वाजपेयी ने पिछली बैठकों का विवरण देते हुए बताया कि हरदा में समावेश व सिनर्जी संस्थान कोरकू बोली पर लगातार कार्य कर रही हैं। डॉ. विनीता रघुवंशी ने क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों पर चर्चा की। राज्य स्तर पर पुरस्कार प्राप्त छात्रों के समूह के गोंडी नृत्य कला और लोक गीतों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि हमें प्रयास करना चाहिए कि बच्चों के साथ बड़ों में भी अपनी बोली-भाषा के प्रति आत्मसम्मान जाग्रत हो। बच्चों के बीच उनकी स्थानीय बोली भाषा में शिक्षण और संवादों का दौर जारी रखना चाहिए।
बच्चों की झिझक को दूर करना होगा
परिचर्चा में डॉ. शिवनारायण काजले ने कहा कि बच्चों के मन में अपनी बोली दूसरों के सामने बोलने में झिझक होती हैं। हमें उनकी इस झिझक को दूर करने लिए बच्चों के साथ वार्तालाप को बढ़ाना होगा। राकेश सोलंकी, दयाराम उइके, रंजना मालवीय ने भी गोंडी व कोरकू बोली को लेकर अनुभवों को साझा किया। डाइट से मनोज जैन ने सुझाव दिया कि हमें एक-दूसरे की बोली के प्रति संवेदनशील होना चाहिए। शिक्षक आमद खान, सुनील शेंदे, दुर्गा ठाकुर, रामप्रसाद दर्शिम, मनोहरीलाल, योगेश मालवीया ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
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