उन्होंने कहा कि प्रचार मंत्री नहीं, हमें प्रधानमंत्री चाहिए। चाय वाला बनकर नरेंद्र मोदी आए थे। पांच साल में जनता को स्वाद पता चल गया होगा चाय का। जिनके अच्छे दिन आए, वह हमारा पैसा लेकर हवाई जहाज पर बैठकर चले गए। गंगा मैया की कसम खाकर आए थे कि साफ कर देंगे, लेकिन गंगा मैया के नाम पर भी धोखा दिया। गाय को मां बताते हैं और कहते हैं कि अगर संविधान नहीं होता तो हम भैंस चरा रहे होते। संविधान न होता तो बाबा जी क्या कर रहे होते, पता नहीं क्या कर रहे होते। फोर लेन सड़क जितनी सपा सरकार में बन रहीं थीं, वो रुक गईं। सरकार दो साल में एक भी ऐसी सड़क नहीं बना पाई।