इसलिए पंजीकरण है जरूरी- प्रणव कुमार पाठक ने आगे बताया कि जो मदरसे अभी तक मदरसा पोर्टल पर अपने मदरसे का पंजीकरण नहीं कर पायें हैं एवं जिन मदरसों ने अपना विवरण आॅनलाइन करने के उपरान्त हार्डकाॅपी कार्यालय में उपलब्ध न कराने के कारण जिला अल्प संख्यक कल्याण अधिकारी द्वारा मदरसा पोर्टल पर डिजिटली लाॅक नहीं किया है, वो 9 सितम्बर तक लाॅक कर सकते हैं। ऐसे में जो मदरसे पोर्टल पर अपना पंजीकरण नहीं कर पाये हैं, वो तत्काल मदरसा मोर्टल पर अपना पंजीकरण कराकर हार्डकाॅपी के साथ समस्त सूचनाएं संलग्न कर कार्यालय में तत्काल उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। अन्यथा मान्यता प्राप्त मदरसो का डाटा लाॅक किया जाना सम्भव नहीं हो सकेगा। ऐसी स्थिति में समस्त जिम्मेदारी मदरसा प्रबन्धक संचालक की होगी।
शहीदो के नाम पर होंगे उनके गांव के स्कूलों के नाम
शहीदों के परिजनों एवं ग्राम प्रधानो एवं विकास एवं निमार्ण से संबंधित विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक करते हुए जिलाधिकारी पुलकित खरे ने कहा कि जनपद के शहीदों के गांव के स्कूलों के नाम वहां के शहीदों के नाम पर रखें जाएंगे। उन्होने प्रधानों एवं जिला पंचायत राज अधिकारी अनिल कुमार सिंह को निर्देश दिये कि शहीदों के गांव से जोड़ने वाले हर गांव में संबंधित गांव के शहीद के नाम शहीद द्वार बनवायें जाएं।
शहीदों के परिजनों एवं ग्राम प्रधानो एवं विकास एवं निमार्ण से संबंधित विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक करते हुए जिलाधिकारी पुलकित खरे ने कहा कि जनपद के शहीदों के गांव के स्कूलों के नाम वहां के शहीदों के नाम पर रखें जाएंगे। उन्होने प्रधानों एवं जिला पंचायत राज अधिकारी अनिल कुमार सिंह को निर्देश दिये कि शहीदों के गांव से जोड़ने वाले हर गांव में संबंधित गांव के शहीद के नाम शहीद द्वार बनवायें जाएं।
शहीदों के परिवारीजनों से उनकी एवं उनके गांव की समस्याओं की जानकारी करने पर कुछ शहीदों के गांवों में पट्टे की भूमि पर कब्जा, आवास, सम्पर्क मार्ग, हैण्ड पम्प एवं विद्युत आदि विभागों से संबंधित समस्याओं के बारे में जिलाधिकारी ने बताया कि शहीदों के गांवों की समस्याओं की जांच करा ली गयी है और समस्याओं के समाधान हेतु जांच आख्या संबंधित विभाग के अधिकारियों को उपलब्ध करा दी गयी है। उन्होंने शहीदों के परिजनों से कहा कि उनकी व उनके गांव की समस्त समस्याओं का निस्तारण प्राथमिकता पर कराया जायेगा।