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हरदोई

इन दोनों सांसदों का टिकट काटना भाजपा को पड़ सकता है भारी, ले सकते है बड़ा फैसला

टिकट काटे जाने से खफा मौजूदा सांसदों को चाहने वालों में कुछ तो खुलेआम बगावती तेवर दिखा रहे है

हरदोईMar 26, 2019 / 12:00 pm

Ruchi Sharma

Narendra Modi Amit Shah

नरेन्द्र मोदी

हरदोई. गत लोकसभा चुनाव में यूपी के हरदोई में भाजपा ने हरदोई और मिश्रिख दोनों सीटों पर कब्जा जमाया था। इस बार लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा ने दोनों मौजूदा सांसदों का टिकट काटकर दल बदल कर आए लोगों पर दांव लगा दिया। टिकट काटे जाने से खफा मौजूदा सांसदों को चाहने वालों में कुछ तो खुलेआम बगावती तेवर दिखा रहे है तो कुछ भीतर ही भीतर आग सुलगा रहे है। ऐसे में संगठन ने अपनी निगाहें तेज कर दी है क्योंकि भाजपा के लिए सबसे बड़ी चुनौती भितरघात को रोकने की होगी। बगावती स्वरों की माने जाए तो टिकट कटने के बाद भाजपा के मौजूदा हरदोई सांसद अंशुल वर्मा सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय है उनकी पोस्ट और कमेन्ट पर सवाल उठ रहे है जब कि टिकट कटने से नाराज मिश्रिख सांसद अंजुवाला के खेमे से उनके बसपा में जाने की। अटकलें लग रही है। हर तरफ खेमेबंदी चल रही है। होली मिलने के बहाने एक दूसरे से मिलकर अपने अपने राजनीतिक तराने चल रहे है।
इस सम्बंध में भाजपा जिलाध्यक्ष सौरभ मिश्र कहते है कि थोड़ी बहुत नराजगी तो हर जगह होती है हालांकि उन्हें इस ओर इस तरह की जानकारी नहीं मिली है। कार्यकर्ता एकजुट है भाजपा फिर से जीत का परचम फहराएगी।
गठबंधन की तोड़ के तौर पर, भाजपा ने दलबदल को दिया महत्व, दोनों रह चुके इन्ही सीटों से सांसद

दलबदल कर भाजपा में आये दो पूर्व सांसद भाजपा के दो मौजूदा सांसदों पर भारी पड़ गए। भाजपा से टिकट पाने वाले दोनों पूर्व सांसदों को दलबदल का इनाम कहे या फिर भाजपा का नया दांव फिलहाल इस बदलाव के तमाम मायने माने जा रहे है। हरदोई सुरक्षित सीट से भाजपा के मौजूदा सांसद अंशुल वर्मा का टिकट काट भारतीय जनता पार्टी ने पूर्व सांसद जय प्रकाश को प्रत्याशी बनाया है। जय प्रकाश इसी सीट से पहली बार 1991 में भारतीय जनता पार्टी से सांसद चुने गए थे और वह 1996 में भी सांसद रहे। भारतीय जनता पार्टी के गठबंधन वाली लोकतांत्रिक कांग्रेस पार्टी से 1999 में भी वह यहां से सांसद चुने गए थे। वर्ष 2004 में जय प्रकाश भाजपा और जिला छोड़कर सपा में चले गए थे और फिर सपा और बसपा से राजनीति करते रहे और अभी कुछ समय पूर्व ही वह भारतीय जनता पार्टी में वापस आये थे।

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