इस सम्बंध में भाजपा जिलाध्यक्ष सौरभ मिश्र कहते है कि थोड़ी बहुत नराजगी तो हर जगह होती है हालांकि उन्हें इस ओर इस तरह की जानकारी नहीं मिली है। कार्यकर्ता एकजुट है भाजपा फिर से जीत का परचम फहराएगी।
गठबंधन की तोड़ के तौर पर, भाजपा ने दलबदल को दिया महत्व, दोनों रह चुके इन्ही सीटों से सांसद दलबदल कर भाजपा में आये दो पूर्व सांसद भाजपा के दो मौजूदा सांसदों पर भारी पड़ गए। भाजपा से टिकट पाने वाले दोनों पूर्व सांसदों को दलबदल का इनाम कहे या फिर भाजपा का नया दांव फिलहाल इस बदलाव के तमाम मायने माने जा रहे है। हरदोई सुरक्षित सीट से भाजपा के मौजूदा सांसद अंशुल वर्मा का टिकट काट भारतीय जनता पार्टी ने पूर्व सांसद जय प्रकाश को प्रत्याशी बनाया है। जय प्रकाश इसी सीट से पहली बार 1991 में भारतीय जनता पार्टी से सांसद चुने गए थे और वह 1996 में भी सांसद रहे। भारतीय जनता पार्टी के गठबंधन वाली लोकतांत्रिक कांग्रेस पार्टी से 1999 में भी वह यहां से सांसद चुने गए थे। वर्ष 2004 में जय प्रकाश भाजपा और जिला छोड़कर सपा में चले गए थे और फिर सपा और बसपा से राजनीति करते रहे और अभी कुछ समय पूर्व ही वह भारतीय जनता पार्टी में वापस आये थे।