बीजेपी के इस युवा नेता की मौत ने लोगों को झकझोर रख दिया है…
भीषण सड़क हादसे का शिकार हुए बीजेपी नेता, मौके पर हुई की दर्दनाक मौत
हरदोई. यूपी में हरदोई जिला मुख्यालय शायद इकलौता शहर है जहां भारी वाहन बीचों बीच शहर से होकर आते-जाते हैं। शहर के बाहर से यातायात के लिए न तो कोई बाईपास है और न ही रिंगरोड। जिसके चलते तेज रफ्तार वाहनों का कहर शहर में आए दिन जिंदगियां निगल रहा है।
बीजेपी नेता की दर्दनाक मौत बीती देर रात भारतीय जनता पार्टी के युवा नेता जय मुखर्जी को तेज रफ्तार ट्रक ने कुचल दिया। जानकारी के मुताबिक वह शहर कोतवाली क्षेत्र में घण्टाघर रोड पर बाइक से जा रहे थे। तभी तेज रफ्तार ट्रक ने उन्हें पीछे से टक्कर मार दी, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। आपको बता दें कि जय मुखर्जी को हालही में बीजेपी में शामिल हुए नरेश अग्रवाल के परिवार का काफी करीबी माना जाता था। बीजेपी के इस युवा नेता की मौत ने लोगों को झकझोर रख दिया है। जय मुखर्जी मौत के बाद बीजेपी में शोक की लहर दैड़ गई है। कई बड़े बीजेपी नेता जय मुखर्जी की मौत की खबर सुनकर उनके घर पहुंचे हैं।
आए दिन होते रहते हैं हादसे पिछले साल भी यहां एक दर्जन से ज्यादा दुर्घटनाओं में कई लोगों की जिंदगी जा चुकी है। सबसे बड़ा हादसा सिनेमा चौराहे पर हुआ था जिसमें एक बेकाबू ट्रक ने पुलिस बूथ को टक्कर मारते हुए पुलिसकर्मियों को कुचल दिया था। जबकि दूसरा बड़ा हादसा नुमाइश चौराहे पर हुआ था जिसमें एक ट्रक मंदिर के पास बनी दुकान और मकान में घुस गया था । इसके अलावा ही अन्य हादसों कई लोगों की जिंदगी चली गई। दो दिन पहले ही सिनेमा चौराहे के पास आवास विकास परिषद के क्लर्क की भी सड़क हादसे में मौत हो गई थी। अभी इस घटना को लोग भूल भी नहीं थे कि अब बीजेपी नेता जय मुखर्जी की सड़क हादसे में दर्दनाक मौत हो गई।
लंबे समय से हो रही मांग आपको बता दें की हरदोई शहर में रिंग रोड बनाने और बाईपास निर्माण कराए जाने की मांग लंबे समय से चल रही है। सालों से चली आ रही इस मांग को लेकर समय-समय पर आश्वासन दिए जाते रहे, घोषणा की जाती रही, लेकिन आज तक न तो बाईपास बना और ना ही रिंग रोड बनाने का रास्ता साफ हो पाया। इसी का नतीजा सबके सामने है। आए दिन शहर में भारी वाहनों और तेज रफ्तार का कहर देखने को मिलता है। तमाम लोग अपनी जिंदगी हो रहे हैं। रिंग रोड बाईपास न होने की वजह से किस तरह से शहर में दुर्घटनाएं होती हैं। इसका अंदाजा इन दुर्घटना में मौत के मुंह में समा जाने वाले लोगों के परिजनों के दुख को देखकर ही महसूस किया जा सकता है।