हरदोई सीट पर कमल का फूल कई बार खिला है तो कई बार मुरझाया भी है लेकिन पिछले लोकसभा चुनाव में मोदी लहर में कमल के फूल जितनी तेजी से खिला था उसको अभी भी महसूस किया जा रहा है। शायद यही वजह है कि भाजपा में एक अनार सौ बीमार वाली कहावत टिकट को लेकर चरितार्थ हो रही है। सुनने में थोड़ा सा अटपटा जरूर लगेगा लेकिन एकदम बिल्कुल सही बात है कि भाजपा से इस सीट पर सिटिंग सांसद होने के बाद भी यहां टिकट पाने को लेकर और मौजूदा सांसद का टिकट कटाने को लेकर सियासी जंग सियासी रंग बदलने की हर रोज नई नई चर्चाएं सामने आ रही है।
बता दें कि मौजूदा भाजपा सांसद अंशुल वर्मा जहां अपने कार्यकाल की उपलब्धियों को गिनाते हुए दावा करते हैं कि आजादी से लेकर अब तक शायद पहली बार हरदोई में किसी सांसद के प्रस्ताव पर 24 अरब के विकास कार्य के शिलान्यास व लोकार्पण और प्रस्ताव हुए हैं और विकास का यह प्रकाश फिर से सियासत में उन्हें आगे करते हुए आगे बढ़ाने का कार्य करेगा लेकिन सांसद के विकास के प्रकाश पर खुद उनके अपने पार्टी के प्रकाश टिकट की दावेदारी कर हरदोई सीट से दावेदार बने हुए हैं।
एक और जहां भाजपा सांसद अंशुल वर्मा अपने विकास कार्यों की उपलब्धियां गिना रहे हैं और अपनी टिकट को लेकर फिलहाल निश्चिंत नजर आते हैं तो दूसरी तरफ यहां से 90 के दशक में सांसद रह चुके जयप्रकाश टिकट की दावेदारी ही नहीं ठोक रहे हैं बल्कि खुद को संभावित प्रत्याशी बता कर चुनावी दौरा भी करते नजर आते हैं ।
इतना ही नहीं भाजपा सांसद अंशुल वर्मा के चाचा भाजपा विधायक श्याम प्रकाश भी टिकट की दावेदारी दौड़ में सामने नजर आते हैं भाजपा सांसद के चाचा विधायक श्याम प्रकाश कहते हैं उन्होंने अपने पुत्र रवि प्रकाश के लिए टिकट की पैरवी की है लेकिन इस शर्त पर पैरवी की है कि अगर भतीजे सांसद अंशुल वर्मा का टिकट कट सकता है तो उनके बेटे रवि प्रकाश को टिकट दिया जाना चाहिए।
इस तरह से इस सीट पर भाजपा से अभी उक्त दावेदारी प्रमुखता से सामने है तो उधर यहां से चुनाव लड़ चुकी पूर्णिमा वर्मा के समर्थक और विधानसभा का चुनाव भारतीय जनता पार्टी से लड़ चुके एसएसटी आयोग के पूर्व सदस्य पीके वर्मा अपनी दावेदारी करते नजर आते हैं। दावेदारों की लिस्ट और भी लंबी है। देखने वाली बात यह होगी कि रंग बदलती सियासत और भारी उलटफेर की अटकलों के बीच सियासी लोग सियासत का कौन सा दांव कहां फिट करके किसको पछाड़ और किसको आगे निकालेंगे। यह आगत समय बताएगा कि विकास के प्रकाश की जगमगाहट होगी या कोई और प्रकाश यह सियासत की जगमगाहट लेकर भाजपा की टिकट पर चुनाव मैदान में सामने होगा।